एक अनुमान के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट की शॉर्टेज के चलते 116,000 वाहनों का उत्पादन नहीं किया जा सका, इनमें से अधिकांश घरेलू बाजार में बिकने वाले मॉडल हैं।
तिमाही के अंत तक कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 1,41,193 थी। यह इससे पिछली तिमाही की तुलना में 14,930 अधिक है।
30 सितंबर, 2021 तक कुल कर्ज पर बैंक का एनपीए बढ़कर 1.35 प्रतिशत पर पहुंच गया, जबकि पिछले साल इसी तिमाही के अंत में यह 1.08 प्रतिशत था।
TCS की कंसोलिडेटेड आय पिछले साल के मुकाबले 16.8 प्रतिशत की बढ़त के साथ 46867 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गयी। कंपनी ने 7 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड का ऐलान किया है।
पिछली तिमाही के मुकाबले बैंक की एसेट क्वालिटी सुधरी है। तिमाही के दौरान बैंक की सकल गैर- निष्पादित राशि (एनपीए) इस दौरान उसके कुल अग्रिम का 13.43 प्रतिशत रह गई जो कि पहली तिमाही में 14.11 प्रतिशत पर थी। वहीं इस दौरान शुद्ध एनपीए घटकर 4.75 प्रतिशत रह गया।
चालू वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में शुद्ध लाभ 15 प्रतिशत घटकर 9,567 करोड़ रुपये रहा। इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में कंपनी को 11,262 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। कंपनी की आय 2020-21 की दूसरी तिमाही में घटकर 1.2 लाख करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले 2019-20 इसी तिमाही में 1.56 लाख करोड़ रुपये थी।
सितंबर तिमाही में कंपनी ने 3,93,130 वाहनों की बिक्री की, जो साल भर पहले की समान अवधि की तुलना में 16.2 प्रतिशत अधिक है। इस दौरान घरेलू बिक्री 18.6 प्रतिशत बढ़कर 3,70,619 इकाइयों पर पहुंच गयी। हालांकि विदेशों में कोरोना के असर की वजह से इस अवधि के दौरान निर्यात में गिरावट देखने को मिली।
स्टैंडअलोन आधार पर कंपनी को दूसरी तिमाही में 1,212.45 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। जबकि पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को 1,281.97 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। वहीं कंपनी की परिचालन आय इस दौरान 9,668.10 करोड़ रुपये रही।
पिछले साल के मुकाबले प्रोविजन में 9.6 फीसदी और पिछली तिमाही के मुकाबले प्रोविजन में 61.7 फीसदी की गिरावट रही है। वहीं तिमाही के दौरान बैंक की नेट इंट्रस्ट इनकम पिछले साल के मुकाबले 16.8 फीसदी की बढ़त के साथ 3913 करोड़ रुपये रही है।
सितंबर में खत्म हुई तिमाही के दौरान बैंक को 129.37 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। पिछले साल की इसी तिमाही में बैंक ने 600 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था। वहीं जून तिमाही में बैंक को 45 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हुआ था। तिमाही के दौरान बैंक की एसेट क्वालिटी में सुधार देखने को मिला है।
पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में बैंक को 3,459 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। बैंक की नेट इंट्रेस्ट इनकम दूसरी तिमाही के दौरान चार प्रतिशत बढ़कर 1,695 करोड़ रुपये रही। बैंक का शुद्ध एनपीए उसके कर्ज का 2.67 प्रतिशत रहा जो पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में 5.97 प्रतिशत था।
वहीं कंसोलिडेटेड प्रॉफिट 21.62 प्रतिशत गिरकर 1,194 करोड़ रुपये रह गया। कंपनी को साल भर पहले इसी तिमाही में 1,523 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। कंपनी की बिक्री साल भर पहले के मुकाबले 10 प्रतिशत कम रही है। हालांकि, इस दौरान घरेलू दोपहिया वाहनों की बिक्री छह प्रतिशत बढ़ी है।
तिमाही के दौरान बैंक की कुल आय बढ़कर 11,669 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 6,045 करोड़ रुपये रही थी। तिमाही के दौरान कुल ऋण पर बैंक का एनपीए बढ़कर 9.89 प्रतिशत हो गए, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 7.20 प्रतिशत थीं। इंडियन बैंक में एक अप्रैल, 2020 से इलाहाबाद बैंक का विलय हुआ है।
तिमाही के दौरान प्रीमियम आय पिछले साल के मुकाबले 35 फीसदी बढ़कर 10057 करोड़ रुपये रही है। इसके साथ ही निवेश से आय इस दौरान 1135 करोड़ रुपये से बढ़कर 6318 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई है। 30 सितंबर 2020 तक कंपनी की एसेट अंडर मैनेजमेंट 1.5 लाख करोड़ रुपये थी।
कंपनी E3 स्तर के कर्मचारियों के वेतन में एक अक्टूबर से वृद्धि कर रहे हैं। E4 तथा इससे ऊपर के स्तर के कर्मचारियों का वेतन एक जनवरी से बढ़ेगा। वहीं कंपनी ने दूसरी छमाही में नौ हजार नये लोगों को काम पर रखने का भी ऐलान किया है।
पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी का मुनाफा 4019 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा था। पिछली तिमाही के मुकाबले मुनाफे में 14.45 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई है। कंसोलिडेटेड आय पिछले साल के मुकाबले 8.6 फीसदी की बढ़त के साथ 24570 करोड़ रुपये रही है।
दूसरी तिमाही के दौरान कंपनी की कंसोलिडेटेड आय मामूली गिरावट के साथ 15114 करोड़ रुपये रही है। पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी की आय 15126 करोड़ रुपये रही थी। वहीं पहली तिमाही के मुकाबले कंपनी का प्रॉफिट और मार्जिन बढ़े हैं
पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान कंपनी ने 44.7 करोड़ डॉलर का शुद्ध घाटा हुआ था
कोरोना संकट के बीच ऑनलाइन शॉपिंग बढ़ने से कंपनी को मिला फायदा
देश में बुनियादी क्षेत्रों (Core Sector) के आठ उद्योगों का उत्पादन अक्टूबर में 5.8 प्रतिशत घटा है जो आर्थिक नरमी के गहराने की ओर इशारा करता है।
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