पीवी सिंधू ने सोमवार को कहा कि टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद ने उन्हें बधाई संदेश दिया जबकि सीनियर खिलाड़ी साइना नेहवाल से उन्हें बधाई नहीं मिली।
पीवी सिंधु को टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में हारने के बाद थोड़ी ज्यादा प्रेरणा की जरूरत थी और यह भूमिका उनके पिता पी वी रमन्ना ने निभायी जिनका कहना है कि उनकी बेटी ने उनको ‘उपहार’ देने की इच्छा को पूरा किया।
पीवी सिंधु ने कहा,‘‘मैं सातवें आसमान पर हूं। मैं इस लम्हें का पूरा लुत्फ उठाऊंगी। मेरे परिवार ने मेरे लिए कड़ी मेहनत की है और काफी प्रयास किए जिसके लिए मैं उनकी आभारी हूं।’’
पीवी सिंधु ने चीन की ही बिंगजियाओ को टोक्यो ओलंपिक 2020 में 21-13 और 21-18 से मात देकर कांस्य पदक अपने नाम कर लिया है।
सिंधू ने अपने नाखून पर ओलंपिंक रिंग का नेल आर्ट किया था।
टोक्यो ओलंपिक में पदक की प्रबल दावेदार भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधु ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि उन्हें अनुकूल ड्रॉ मिला है लेकिन कहा कि ओलंपिक में कोई भी मैच आसान नहीं होगा।
एसएआई ने कहा कि सिंधू के इस उपकरण की मांग करने के 24 घंटे के भीतर इसे खरीदने को मंजूरी दे दी गयी।
ओलंपिक रजत पदक विजेता और विश्व चैम्पियन बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने शनिवार को एक ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा कि ऐसे अच्छे कोच होने जरूरी है।
बीडब्ल्यूएफ की वेबसाइट के मुताबिक नियमों के तहत मौजूदा विश्व चैंपियंस को प्रतिष्ठित बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइनल्स में सीधा प्रवेश मिलता रहा है।
यह वेबसीरीज पांच भारतीय एथलीटों पर आधारित होगी, जिन्होंने भारतीय खेल के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण क्षणों में अपने खेल को निखारा है।
गोपीचंद ने कहा कि उन्होंने 2004 में हैदराबाद में जब सिंधु, साइना और के श्रीकांत सहित 25 प्रशिक्षुओं को कोचिंग देना शुरू किया था तब किसी ने नहीं सोचा था कि भारत विश्व स्तर के ऐसे खिलाड़ियों को पैदा करेगा।
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू और साइना नेहवाल क्वार्टरफाइनल में हारकर मलेशिया मास्टर्स सुपर 500 बैडमिंटन टूर्नामेंट से बाहर हो गयीं जिससे इस टूर्नामेंट में भारत का अभियान भी खत्म हो गया।
पीवी सिंधू तोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने के लिये अपने खेल में सुधार करने पर ध्यान दे रही हैं। 2019 में विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीतने के बाद बाकी के टूर्नामेंटों में से अधिकतर में वह शुरुआती दौर से आगे बढ़ने में नाकाम रही।
विश्व चैम्पियनशिप में सिंधु को चीन की चेन यू फेई के हाथों मात खानी पड़ी। अपने पहले मैच में सिंधु को जापान की अकाने यामागुची के हाथों मिली थी।
पीवी सिंधु मंगलवार को डेनमार्क में जारी बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर सुपर 750 डेनमार्क ओपन के दूसरे दौर में पहुंच गई हैं जबकि पुरुष एकल वर्ग में पारूपल्ली कश्यप को बाहर का रास्ता देखना पड़ा है।
बासेल में नोजोमी ओकुहारा को 21-7, 21-7 से हराकर खिताब जीतने वाली पीवी सिंधु बैडमिंटन में विश्व चैंपियन बनने वाली पहली भारतीय बनीं।
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