हमने तय किया है कि उत्तराखंड में हम 'लैंड जिहाद' और 'मजार जिहाद' बिल्कुल नहीं होने देंगे। हमने ऐसे 1 हजार स्थान चिह्नित किए हैं जहां पर इस प्रकार का अतिक्रमण हुआ है।
भोटियापड़ाव पुलिस थाने के थानाध्यक्ष हरेंद्र चौधरी मौके पर पहुंचे और पाया कि सिद्दीकी का मकान अवैध निर्माण है जिसके बाद उन्होंने उसे सील कर दिया।
नई आबकारी नीति के अंतर्गत प्रदेश में गोवंश संरक्षण, खेलकूद एवं महिला कल्याण के लिए प्रति बोतल एक-एक रुपये का उपकर लिया जाएगा और इस प्रकार एक बोतल पर कुल तीन रुपये का उपकर लिया जाएगा।
Joshimath Land Sinking: जोशीमठ में पल-पल संकट गहरा होता जा रहा है। धीरे-धीरे घरों की दरारें चौड़ी हो रही हैं। पहाड़ पर हो रही बारिश और बर्फबारी की वजह से भू-धंसाव का ख़तरा बढ़ता जा रहा है।
जोशीमठ में पल-पल बदलते हालात पर हमारी नजर बनी हुई है, ऐसे में शहर पर आए संकट से जुड़े हर जरूरी अपडेट के लिए हमारे साथ बने रहें:
Joshimath में सीएम Pushkar Singh Dhami उन सभी एजेंसी के साथ मीटिंग्स करने वाले हैं जो लोगों के राहत और बचाव के साथ पुनर्वास पैकेज तैयार करने में लगे हैं। #Joshimathcrisis #JoshimathHotelDemolition #JoshimathSinking
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भूधंसाव से प्रभावित मकानों को गिराने संबंधी अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील करते हुए लोगों से कहा कि इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
Uttarakhand के जोशीमठ में लगातार हालात बिगड़ते चले जा रहे हैं। प्रशासन पहले ही प्रभावित मकानों वाले इलाक़े को डेंजर जोन घोषित कर चुका है। अब दरकते भवनों को जमींदोज करने का काम शुरु हो रहा है।
क्या जोशीमठ में रह रहे लोगों को शिफ्ट कराना ही होगा? क्या पूरा जोशीमठ देहरादून शिफ्ट होगा? क्या है सरकार का प्लान? क्या है लोगों के मन में ? देखिए इस रिपोर्ट में..
जोशीमठ के कई इलाकों में आ रही दरारों और जमीन के धंसाव को लेकर लोगों में दहशत के साथ ही आक्रोश भी है। इसी बीच उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार समस्या से निपटने के लिए एक्शन के मोड में आ गई है। इसके चलते 81 लोगों को अब तक शिफ्ट किया जा चुका है। आपात मीटिंग में कई अहम निर्णय लिए गए हैं।
अगस्त 2022 से उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार, जोशीमठ के धंसने में भूगर्भीय कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अत्यधिक भारी बारिश और बाढ़ ने भी जोशीमठ के धंसने में योगदान दिया है।
भू-धंसाव का क्षेत्र अब सेना और आईटीबीपी के कैंप की ओर भी बढ़ना शुरू हो गया है। कैंप की सड़क धंसने के साथ ही सीमा को जोड़ने वाला मलारी हाईवे धंस गया है।
Special Report: जोशीमठ त्रासदी पर आज सबसे बड़ा खुलासा हो गया. दरअसल, जोशीमठ में साल दर साल आ रही त्रासदी की वजह वहां की प्रकृति के साथ छेड़छाड़ सबसे बड़ी वजह बताई जा रही है. पहाड़ के साथ छेड़छाड़ की वहज से दरार की बात सामने आई है. देखिए ये पूरी रिपोर्ट ...
क्या जोशीमठ के बाद दूसरे शहरों का नंबर आएगा? जोशीमठ की शुरूआत..सुरंग और खुदाई से बर्बाद! क्या एक दिन में अचानक चटक गया जोशीमठ?
क्या जोशीमठ तबाही लाएगा, दूसरे शहरों का नंबर आएगा ? क्या एक शहर जलसमाधि लेने वाला है ?
Joshimath Landslide: Uttarakhand में प्रसिद्ध धार्मिक स्थल जोशीमठ शहर के आस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। जोशीमठ के सैंकड़ों मकानों में अचानक दरारें पड़ने से लोग दहशत में हैं। साथ ही जमीन धंसने का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है।
Joshimath Landslide: जोशीमठ पहुंचकर CM Pushkar Dhami ने लिया जायजा, प्रभावित परिवारों से जाना हालजोशीमठ पहुंचकर सीएम Pushkar Singh Dhami ने लोगों का हालचाल जाना. साथ ही सीएम ने 600 लोगों को तत्काल बाहर सुरक्षित निकालने के आदेश दिए.
Joshimath land subsidence- जानकारों की मानें तो जोशीमठ धीरे-धीरे डूबने की ओर बढ़ रहा है। जगह-जगह दरारें पड़नी शुरू हो गई है। कई जगह तो लैंडस्लाइड भी हो रही है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रभावित लोगों के स्थायी पुनर्वास के लिए पीपलकोटी, गौचर और अन्य स्थानों पर वैकल्पिक जगहों की पहचान की जानी चाहिए।
उत्तराखंड के जोशीमठ में भू धंसाव ने नई चिंता उत्पन्न कर दी है। अब तो दरार से प्रभावित होने वाले मकानों की संख्या बढ़ने लगी है। यह बढ़कर 600 से ज्यादा हो गई है। इस बीच 6 जनवरी को जमीन धंसने से एक मंदिर धराशायी हो गया है। वहीं चौड़ी दरार वाले मकानों से प्रभावित परिवारों को सुरिक्षत स्थानों पर शिफ्ट किया गया है।
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