हाल के महीनों में अधिकांश दालों की मंडी (थोक) कीमतों में गिरावट का रुख रहा है, जबकि इस साल खरीफ दालों की बेहतर उपलब्धता और अधिक बुवाई का रकबा है। खरे ने बताया कि ‘‘पिछले तीन महीनों के दौरान प्रमुख मंडियों में अरहर और उड़द की कीमतों में औसतन लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट आई है।"
अगर आप भी हाई यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको खाने की कुछ चीजों से परहेज करना चाहिए वरना आपकी सेहत बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है।
इस साल मॉनसून की बारिश बेहतर रही है। खरीफ सत्र में दालों का रकबा बढ़ा है। घरेलू उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। पिछले एक महीने में थोक बाजारों में दालों की कीमतों में कमी आई है और आगे भी इसमें कमी आने की उम्मीद है।
देश ने वित्त वर्ष 2023-24 में 47.38 लाख टन दालों का आयात किया था। अर्थशास्त्री का कहना है कि अगर नीतियों में बदलाव किया जाए तो दालों में आत्मनिर्भरता हासिल की जा सकती है।
खुदरा उद्योग के प्रतिभागियों ने आश्वासन दिया कि वे अपने खुदरा मार्जिन में जरूरी समायोजन करेंगे और उपभोक्ताओं को किफायती कीमतों पर कीमतें उपलब्ध कराने के लिए इसे नाममात्र स्तर पर बनाए रखेंगे।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी यूपी के कृषि मंत्री पर सोशल मीडिया के जरिए निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि दाल 100 रुपये किलो बताकर हंस रहे मंत्री सूर्य प्रताप शाही को ये रेट लिस्ट देखनी चाहिए।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उपभोक्ता मामलों के विभाग के लगातार प्रयासों का नतीजा उड़द की कीमतों में नरमी के रूप में सामने आया है। सरकारी एजेंसियों के जरिये किसानों के पूर्व-पंजीकरण में उल्लेखनीय तेजी आई है।
अरहर, उड़द, चना, मसूर और मूंग के अलावा, राज्य सरकारों को आयातित पीली मटर के भंडार की स्थिति की निगरानी करने को कहा गया है।
बुआई से पहले अरहर किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एनएएफईईडी और एनसीसीएफ को अपनी उपज बेचने के लिए प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
दालें, टमाटर, अदरक,प्याज, बीन्स, गाजर,मिर्च और टमाटर सहित कई चीजों के खुदरा दाम बहुत तेज रहे। आम आदमी की रसोई के बजट पर इन चीजों ने बड़ा असर डाला।
चना दाल जो फिलहाल बाजार में उपलब्ध सबसे सस्ती दाल है, की कीमत में एक महीने में 4 प्रतिशत कमी देखने को मिली है। इस सप्ताह अरहर दाल की कीमतों (Arhar dal price) पर दबाव रहने की उम्मीद है।
फरवरी से लेकर अब तक 1150 रुपये प्रति क्विंटल का उछाल देखने को मिला है। इससे फुटकर दाम में भी 10 रुपये से लेकर 15 रुपये तक तेजी आई है।
Goa News: गोवा के मंत्री गोविंद गौड़े ने दावा किया कि साल 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान नौकरशाही की लापरवाही की वजह से राज्य में 241 टन तुअर (अरहर) की दाल खराब हो गई।
आइए जानते हैं कि अधिक मात्रा में दाल का सेवन करने से आपको किस तरह की परेशानियां हो सकती है।
इस दाल का नियमित सेवन करने से यूरिक एसिड लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।
दाल आयात को लेकर मलावी और मोजाम्बिक के साथ भारत ने समझौते किये हैं। भारत दाल का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता देश है।
प्रतिबंधित श्रेणी के तहत आने वाले उत्पादों के लिये एक आयातक को आयात के लिए अनुमति या लाइसेंस लेने की आवश्यकता होती है।
जुलाई में मुद्रास्फीति कम होकर 5.59 प्रतिशत रह गई, और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को उम्मीद है कि यह 2021-22 में 5.7 प्रतिशत रहेगी।
दालों के दाम पर अंकुश के लिये उड़द और मूंग के आयात को प्रतिबंधित श्रेणी से हटाकर इस साल अक्टूबर तक के लिये मुक्त श्रेणी में डाल दिया गया। मूंग दाल को छोड़कर अन्य सभी दलहन पर अक्टूबर तक के लिये स्टॉक सीमा लागू की है।
सरकार ने दो जुलाई को एक अधिसूचना जारी कर मूंग को छोड़कर सभी दालों पर थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, मिल मालिकों और आयातकों पर स्टॉक रखने की सीमा तय कर दी थी।
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