भारत के लिए गोपीचंद ने आखिरी बार 2001 में इस टूर्नामेंट का खिताब जीता था।
गोपीचंद ने कहा, ‘‘हमने बड़े टूर्नामेंट में मेडल हासिल किये चाहे वह एशियाई खेल हों, राष्ट्रमंडल या विश्व चैंपियनशिप।''
भारतीय बैडमिंटन के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा कि यह दुर्लभ मौका है जब देश का हर बैडमिंटन खिलाड़ी आगामी एशियाई खेलों में पदक का प्रबल दावेदार है।
सिंधु को उम्मीद है कि वे 18 अगस्त से शुरू हो रहे इन खेलों में इस बार पदक का रंग बदलने में सफल रहेंगे।
बैडमिंटन विश्व महासंघ के कोर्ट पर कोचिंग में कमी लाने और स्कोरिंग प्रणाली में बदलाव के प्रस्ताव से अंतरराष्ट्रीय कोच भ्रम में हैं और पुलेला गोपीचंद और केनेथ योनासन जैसे कोचों ने इस कदम के पीछे के तर्क पर सवाल उठाए हैं।
लंदन ओलंपिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट शटलर साइना नेहवाल ने अपने भविष्य के लक्ष्यों को हासिल करने के उद्देश्य से पूर्व कोच पुलेला गोपीचंद की अकादमी में ट्रेनिंग करने का फैसला किया है...
सुधीर बाबू पिछले दिनों फिल्म ‘बागी’ से बॉलीवुड में भी अपने शानदार अभिनय से दर्शकों लुभा चुके हैं। लेकिन अब एक बायोपिक को लेकर चर्चा में आ गए हैं। दरअसल सुधीर बाबू बैडमिंटन चैम्पियन और अब राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला...
हाल के कुछ सालों में भारतीय बैडमिंटन ने नई ऊंचाइयां छूईं हैं और इसके पीछे निश्चित रूप से राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद का बहुत बड़ा रोल है।
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