Paris Olympics 2024: भारत के दिग्गज पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी और मुख्य राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने पेरिस ओलंपिक से पहले खिलाड़ियों को एक बड़ी सलाह दी है साथ ही उन्होंने पीवी सिंधु के मेडल जीतने की भी उम्मीद जताई है।
देश में आज गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जा रहा है जिसमें एक शिष्य के जीवन में गुरु का क्या महत्व होता है उसकी जानकारी भी मिलती है। खेल की दुनिया में भी कई ऐसे उदाहरण देखने को मिल जाते हैं जहां एक गुरु की कड़ी मेहनत की वजह से उनका शिष्य ना सिर्फ अपना बल्कि अपने गुरु का भी नाम रौशन करता है।
पुलेला गोपीचंद ने भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) के महासचिव पद के लिये चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। इस वजह से जूनियर टीम के कोच संजय मिश्रा इस पद के लिये सर्वसम्मत पसंद बन गये हैं।
गोपीचंद ने कहा, "हमारे लिए वह भारतीय बैडमिंटन के सच्चे लीजेंड हैं। वह काफी सम्मानित थे और हमने उनके बारे में कहानियां सुनी।"
पीचंद का मानना है कि भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों के पास अपने प्रदर्शन को बेहतर करने का अच्छा मौका है।
गोपीचंद ने उम्मीद व्यक्त करते हुए कहा कि यह ओलंपिक भारत के लिए यादगार रहेगा और एथलीट बड़ी संख्या में पदकों के साथ वापसी करेंगे।
भारतीय राष्ट्रीय बैडमिटन टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद ने ओलंपिक क्वालीफिकेशन की अवधि बढ़ने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि यह खिलाड़ियों के लिए अच्छा है।
सिंधु ने ट्वीट करते हुए लिखा "मैं कुछ दिन पहले लंदन पहुंची हूं ताकि मैं अपने न्यूट्रिशन और रिकवरी पर काम कर सकूं।
भारतीय बैडमिंटन टीम के कोच पुलेला गोपीचंद ने देश में खेलों की शुरुआत के लिए शीर्ष एथलीटों के बीच बायो सिक्योर बबल बनाने और कई मिनी लीगों का आयोजन करने का प्रस्ताव दिया है।
फर्राटा धाविका हिमा दास, भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा और मुख्य बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद 13 से 27 सितंबर तक चलने वाले दैनिक फिटनेस अभियान में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाएंगे।
गोपीचंद ने कहा कि उन्होंने 2004 में हैदराबाद में जब सिंधु, साइना और के श्रीकांत सहित 25 प्रशिक्षुओं को कोचिंग देना शुरू किया था तब किसी ने नहीं सोचा था कि भारत विश्व स्तर के ऐसे खिलाड़ियों को पैदा करेगा।
मुख्य राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने एच एस प्रणय के नाम की अर्जुन पुरस्कार के लिए सिफारिश की है।
इससे पहले अपना नाम न भेजे जाने पर प्रणॉय ने अर्जुन अवॉर्ड के पैमानों पर सावल उठाए थे।
द्रोणाचार्य अवॉर्डी गोपीचंद ने कहा, "लॉकडाउन में पिछले तीन महीनों के दौरान लगभग कोई आय नहीं होने के कारण कोच और स्पोर्ट्स स्टाफ सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
कोरोना वायरस की वजह से बीडब्ल्यूएफ ने ओलंपिक क्वालीफायर्स सहित अपनी सभी प्रतियोगिताओं को जुलाई तक निलंबित कर दिया है।
कोरोना वायरस महामारी से इन दिनों लगभग पूरी दुनिया जूझ रही है। ऐसे में भारत के मुख्य बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने गुरुवार को शारीरिक साक्षरता के महत्व पर जोर दिया है।
भारत के मुख्य बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने शुक्रवार को कहा कि हर हाल में जीत दर्ज करने के सिद्वांत पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।
गोपीचंद ने कहा, "बल्कि यह उल्टा होना चाहिए। आपको प्रक्रिया पर ध्यान देना चाहिए। सुबह उठो और इस दिन अपना सर्वश्रेष्ठ करो। हर चीज सही होगी।"
भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के चपेट में आने वाले की संख्या 4,000 को पार कर गयी है जबकि 120 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।
गोपीचंद के अलावा जमशेदपुर में जन्में ट्रेनर डिनाज वरवतवाला भी जूम एप्प के जरिये खिलाड़ियों की फिटनेस कक्षाएं ले रहे हैं।
संपादक की पसंद