मीणा ने बताया कि किशोर के परिवार के मुताबिक उसने तीन दिन पहले ही अपनी मां के फोन पर पबजी गेम डाउनलोड किया था और लगातार उसपर खेल रहा था।
बच्चों और वयस्कों में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के लगातार उपयोग को रोकने के प्रायोगिक तरीके बताते हुए मनोचिकित्सकों ने आगाह किया है कि डिजिटल लत वास्तविक है और यह उतनी ही खतरनाक हो सकती है जितनी की नशे की लत।
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