सरकार की ओर से पिछले वित्त वर्ष में कई सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बिक्री की है। इसके जरिए सरकार को करीब 16,500 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।
PSU Share: सरकारी कंपनी एसजेवीएन ने नई सोलर परियोजना के लिए बोली जीती है। इस योजना में 7000 करोड़ से ज्यादा का निवेश होगा।
PSU Rally: सरकारी शेयरों में जबरदस्त रैली चालू वित्त वर्ष के दौरान देखी गई है। इस कारण पीएसयू शेयरों का मार्केट कैप 46 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का हो चुका है। आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह...
ओएनजीसी, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) तथा अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां अगले वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 98,521 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी।
साधारण बीमा कंपनियों का प्रीमियम संग्रह दिसंबर महीने में 11.5 प्रतिशत बढ़कर 15,980.81 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
उद्योग मंडल फिक्की ने सरकार के भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), शिपिंग कॉरपोरेशन आफ इंडिया (एससीआई) और कंटेनर कॉरपोरेशन आफ इंडिया (कॉन्कॉर) में हिस्सेदारी बिक्री के फैसले का स्वागत किया है।
केंद्र सरकार ने अपने सभी उपक्रमों को 15 अक्टूबर तक ठेकेदारों और आपूर्तिकताओं का सारा बकाया निपटाने का शनिवार को निर्देश दिया। सरकार सार्वजनिक खर्च बढ़ाकर आर्थिक वृद्धि की रफ्तार को छह साल के निचले स्तर से उबारने की कोशिश कर रही है।
वित्त मंत्रालय केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (CPSE) के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में शामिल उपक्रमों में बदलाव कर सकता है क्योंकि इसमें शामिल ज्यादातर उपक्रमों में सरकारी हिस्सेदारी की सीमा घटकर निर्धारित न्यूनतम स्तर पर आ चुकी है।
2015-16 में सेल (SAIL), बीएसएनएल (BSNL) तथा एयर इंडिया (Air India) का प्रदर्शन सबसे खराब रहा और उन्हें सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ा।
पीएसयू के एक उपक्रम छोड़कर दूसरे उपक्रम अथवा राज्य सरकारों के प्रतिष्ठानों में जाने वाले कर्मचारियों के सेवानिवृति लाभ यथावत बने रहेंगे।
कम से कम 50 रेलवे स्टेशनों का विकास सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिए किया जाना चाहिए। सीआईआई के जेटली को सौंपे गए ग्यापन में यह सुझाव दिए गए हैं।
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