पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की। उसने 1,255 करोड़ का मुनाफा कमाया, जबकि यह पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 308 करोड़ रुपये था।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) मार्च, 2022 को समाप्त पिछले पांच वर्षों में बट्टे खातों से सिर्फ 14 प्रतिशत राशि ही वसूल पाए हैं। इस दौरान कुल 7.34 लाख करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाले गए।
महामारी शुरू होने के बाद से यह वित्त मंत्री और सरकारी बैंकों के प्रमुखों की आमने-सामने की पहली समीक्षा बैठक है। बैठक में बैंक की स्थिति, रिजर्व बैंक द्वारा घोषित पुनर्गठन- दो योजना की प्रगति की समीक्षा किये जाने की उम्मीद है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने बीते वित्त वर्ष 2020-21 में बाजार से रिकॉर्ड 58,700 करोड़ रुपये का कोष जुटाया है। बैंकों ने यह राशि ऋण और इक्विटी के रूप में अपने पूंजी आधार को मजबूत करने के लिए जुटाई है।
अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय इस प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी लेगा। अभी पेट्रोलियम रिफाइनिंग क्षेत्र में स्वत: मंजूर मार्ग से 49 प्रतिशत एफडीआई की ही अनुमति है।
कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली सचिवों की कोर समिति से मंजूरी मिलने के बाद ये नाम मंजूरी के लिए पहले वैकल्पिक तंत्र के पास और अंतिम मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष रखे जाएंगे।
सरकार का ये दायित्व है कि वो देश के उद्यमों को, कारोबारों को पूरा समर्थन दे, लेकिन सरकार खुद उद्यम चलाए, उसकी मालिक बनी रहे, ये आवश्यक नहीं।
बीते एक हफ्ते में 12 बैंक के स्टॉक 8 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गए हैं, जो कि बैंक के द्वारा एफडी पर दिए जाने वाले एक साल के रिटर्न से ज्यादा है। निजीकरण की खबरें आने के बाद से ही इनके शेयरों मे तेज उछाल देखने को मिल रही है।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 2.01 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। हालांकि कोविड-19 महामारी का विनिवेश कार्यक्रम पर असर पड़ा है। इस वित्त वर्ष में सरकार अब तक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में छोटी हिस्सेदारी बेचकर सिर्फ 11,006 करोड़ रुपये ही जुटा पाई है।
सरकार ने 15 अगस्त को ‘डिजिटल इंडिया’ के तहत डिजिटल अपनाएं अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का मकसद ग्राहकों को बैंक के डिजिटल चैनल से जोड़ना है।
सरकार का वित्त वर्ष 2020-21 के लिये 2.10 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य रखा है
दूरसंचार विभाग ने गेल जैसे गैर-संचार सार्वजनिक उपक्रमों से एजीआर से संबंधित बकाया चार लाख करोड़ रूपए की मांग में से 96 प्रतिशत मांग वापस लेने का फैसला किया है।
यात्रा खर्च बचाने के लिए डिजिटल साधनों के इस्तेमाल का सुझाव
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6 कंपनियों की रेटिंग गिरावट के बाद ‘जंक’ स्तर से सिर्फ एक कदम ऊपर
मांग बढ़ाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के लिए तैयार सरकार
वित्त मंत्री ने पिछले सप्ताह पांच किस्तों में 21 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है, जिसमें कई योजनाएं बैंकों के जरिये ही आगे बढ़ेंगी।
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