अनिल विज ने कहा है कि हरियाणा में रह रहे हर व्यक्ति के स्वास्थ्य की चिंता करना उनकी जिम्मेदारी है और राज्य में कई जगहों पर किसान धरने पर बैठे हैं जिनका कोरोना टेस्ट होगा और वैक्सीन लगाई जाएगी।
किसान नेताओं के ऐसे भड़काऊ भाषण 26 जनवरी से भी दिए थे..इस बार हालांकि किसानों ने चक्का जाम से दिल्ली को अलग रखने का फैसला किया है, लेकिन दिल्ली पुलिस की तैयारी भी जबदस्त है
प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर डेरा डाले रहे। 07 दिसंबर को भी, वे केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों के विरोध में सिंघू सीमा पर रुके रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए कृषि कानूनों पर कहा कि इसपर भ्रम फैलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी-प्रयागराज 6 लेन चौड़ी सड़क का उद्घाटन करते हुए अपने भाषण में कहा कि नए कृषि सुधारों से किसानों को नए विकल्प और नए कानूनी संरक्षण दिए गए हैं। पहले मंडी के बाहर हुए लेनदेन ही गैरकानूनी थे। अब छोटा किसान भी, मंडी से बाहर हुए हर सौदे को लेकर कानूनी कार्यवाही कर सकता है। किसान को अब नए विकल्प भी मिले हैं और धोखे से कानूनी संरक्षण भी मिला है।
उन्होंने कहा कि यदि इन कानूनों का क्रियान्वयन होता है, तो इस बात की काफी अधिक संभावना है कि किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी।
गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को पहली बार किसानों के आंदोलन पर अपना बयान जारी किया है। उन्होंने किसानों को बातचीत का प्रस्ताव देते हुए कहा कि सरकार उनकी हर समस्या पर बातचीत करने के लिए तैयार है। अमित शाह ने साथ ही किसानों से अपील की कि वे सड़कों से अपने ट्रैक्टर्स और ट्रालियों को हटा लें ताकि राहगीरों को परेशानी न हो। उन्होंने यह भी कहा कि किसान दिल्ली पुलिस द्वारा तय की गई जगह पर जाकर लोकतांत्रिक तरीके से धरना दे सकते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि यदि किसान बुराड़ी के मैदान में शिफ्ट हो जाते हैं तो उनके साथ 3 दिसंबर को तय की गई तारीख से पहले भी बातचीत की जा सकती है।
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