सुबह छह बजे से आहूत बंद को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा पश्चिम बंगाल के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने का प्रयास कर रही है।
वर्ल्ड चैंपियनशिप की मेडल विनर विनेश फोगाट, ओलंपिक मेडल विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक सहित कई स्टार पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।
बृजभूषण शरण सिंह पर लगाए यौन उत्पीड़न के आरोपों को एक नई मजबूती मिलती दिख रही है। वहीं, धरना दे रहे पहलवानों का भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने भी समर्थन किया है।
Protest Against Brij Bhushan Sharan Singh: WFI के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ भारतीय पहलवान पिछले चार महीने से इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे हैं. अब तक इस मामले में पहलवानों को कोई इंसाफ नहीं मिला है.
इस बार लिखित तौर पर जब तक कुछ नहीं होता तबतक हम अपनी आवाज उठाते रहेंगे। पिछली बार हम उठ गए तो देश को गलत मैसेज गया। कोई भी राजनीतिक पार्टी अगर सपोर्ट में आएगी तो उनका स्वागत है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इसी समुदाय के हैं। प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को भरतपुर में जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया था और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया था। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े थे।
पानी को लेकर निकाली गई अकोला से संघर्ष यात्रा के लिए नागपुर पुलिस ने शहर में प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी। यात्रा का नेतृत्व कर रहे शिवसेना उद्धव ठाकरे के विधायक नितिन देशमुख सहित उनके कार्यकर्ताओं को पुलिस ने नागपुर शहर में प्रवेश करने से पहले ही हिरासत में ले लिया।
सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 100 प्रतिशत रिजर्वेशन की मांग को लेकर आज सुबह विभिन्न छात्र संगठनों के सदस्य राज्यव्यापी बंद लागू करने के लिए राज्य की सड़कों पर उतरे। झारखंड राज्य छात्र संघ (JSSU) के सदस्यों ने रांची के मोराबादी इलाके में सड़क पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।
इन रद्द किए गए कुल ट्रेनों में रविवार के लिए 95 ट्रेनों को और सोमवार के लिए 93 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। बता दें कि कुर्मी समुदाय के लोगों द्वारा अनुसूचित जनजाति कैटेगरी के तहत मान्यता के लिए लंबे समय से मांग चल रही है।
शुक्रवार को रद्द की गई ट्रेनों में 12262 हावड़ा-मुंबई सीएसएमटी दुरंतो एक्सप्रेस, 12860 हावड़ा-मुंबई सीएसएमटी गीतांजलि एक्सप्रेस, 12021/12022 हावड़ा-बारबिल-हावड़ा जन शताब्दी एक्सप्रेस, 12152 शालीमार-एलटीटी एक्सप्रेस और 12833/12834 अहमदाबाद-हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस शामिल हैं।
दक्षिण-पूर्वी रेलवे की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, गुरुवार को रद्द की गई ट्रेनों में हावड़ा-पुणे दुरंतो एक्सप्रेस, हावड़ा-जगदलपुर एक्सप्रेस, हावड़ा-पुणे आजाद हिंद एक्सप्रेस, हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस, भुवनेश्वर-नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, हावड़ा-रांची एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें शामिल हैं।
कुर्मी जाति को आदिवासी (एसटी) का दर्जा देने की मांग को लेकर हजारों लोग बुधवार सुबह से ही हावड़ा-मुंबई रूट में कई स्टेशनों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस वजह से इस रूट पर ट्रेन सेवाएं बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गई हैं।
इंदौर में किसानों ने एमएसपी को लेकर जमकर धरना प्रदर्शन किया। किसानों ने व्यापारियों पर आरोप लगाया कि व्यापारी गेहूं की सरकारी खरीद से कम दाम पर गेंहू खरीद रहे हैं। जिसके बाद किसानों ने करीब 2 घंटे कर जमकर हंगामा काटा।
इमरान खेड़ावाला और जेनीबेन ठाकोर समेत मुख्य विपक्षी दल के कुछ विधायक मार्शल द्वारा बाहर कर दिए गए क्योंकि वे आसन के सामने बैठ गए और विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी द्वारा बार-बार अपील किए जाने के बावजूद अपनी सीट पर वापस नहीं लौटे। अनंत पटेल को छोड़कर कांग्रेस के बाकी 16 विधायक सोमवार को सदन में मौजूद थे।
कांग्रेस ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराये जाने के खिलाफ शुक्रवार को पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश में प्रदर्शन किया।
राहुल गांधी को लेकर संसद मं जबरदस्त हंगामा हुआ. सत्तापक्ष के लोग राहुल गांधी से मांफी की मांग पर अड़े हैं, वहीं विपक्ष Adani मामले में JPC को लेकर लगातार हंगामा कर रहा है. #rahulgandhi #parliamentbudgetsession #brekingnews
मध्य प्रदेश में एक गधे की किस्मत जाग उठी, जब उसे एक शख्स ने चांदी की प्लेट में काजू-किशमिश खिलाया। इसके पीछे की वजह जानकर आप अपना सिर धुन लेंगे।
प्रस्ताव के खिलाफ दो महीने से अधिक समय से विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने बृहस्पतिवार को “तानाशाही के विरोध का दिन” शुरू किया। बच्चों को स्कूल छोड़ने से पहले देश भर में माता-पिता ने उनके साथ प्रदर्शन किया।
नाम बदलने के खिलाफ शादी के बाद एक दूल्हा धरने पर पहुंच गया। इस दौरान उसने औरंगाबाद का नाम बदले जाने को लेकर कहा कि इंशा अल्लाह हमारे जिले का नाम औरंगाबाद था है और औरंगाबाद ही रहेगा।
साल 2019 जब पुलवामा अटैक में 40 जवान शहीद हो गए थे। उस वक्त सरकारों ने शहीद के परिवार का ख्याल रखने के लाख वादे किए थे लेकिन अब खबरें कुछ अलग ही निकल कर सामने आ रही हैं। उन शहिदों की पत्नियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है।
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