प्रोस्टेट कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी आपकी जान पर भी भारी पड़ सकती है। इसलिए आपको भी इस बीमारी से बचने के तरीकों के बारे में जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए।
पुरुषों में प्रोस्टेट एक ग्रंथि है, जिसकी मदद से शरीर का यूरिन बाहर निकलता है। आइए जानते में क्या है प्रोस्टेट कैंसर और इससे बचाव के तरीके
पुरुषों में होने वाला एक आम कैंसर है प्रोस्टेट कैंसर। पुरुषों में इस कैंसर को लेकर जागरूकता फैलाने और जानकारी देने के उद्देश्य से हर साल नवंबर के महीने में प्रोस्टेट कैंसर अवेयरनेस मंथ मनाया जाता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे प्रोस्टेट कैंसर के इतिहास, थीम, इसके लक्षण और इससे बचाव के लिए 5 योग के बारे में।
Prostate Cancer: WHO के मुताबिक प्रोस्टेट कैंसर तेजी से बड़ी परेशानी बन रही है। अब तो ये,सिर्फ बुजुर्गों को ही नहीं..युवाओं की बीमारी भी बन गया है। ऐसे में जरूरी है प्रोस्टट..प्रोस्टेट के फंक्शन..और प्रोस्टेट प्रॉब्लम्ज को समझने की।
असल में प्रोस्टेट ग्लैंड पुरुषों में पाया जाता है। कई वजहों से जब प्रोस्टेट ग्लैंड के भीतर के टिश्यूज बढ़ने लगते हैं, जो एनलार्ज होकर यूरिन के फ्लो को रोकते हैं, जिससे यूरिन ट्रैक्ट, ब्लैडर, किडनी में प्रॉब्लम हो जाती है।
प्रोस्टेट ग्लैंड एनलार्ज होकर यूरिन फ्लो को रोकते हैं। इससे यूरिन ट्रैक्ट, ब्लैडर और किडनी में प्रॉब्लम हो जाती है। प्रोस्टेट ग्लैंड का बढ़ना खतरनाक है।
प्रोस्टेट कैंसर का करीब एक तिहाई 65 साल से अधिक उम्र के पुरुषों में पाया जाता है। प्रोस्टेट कैंसर को "साइलेंट किलर" के नाम से भी जाना जाता है। जानिए कैसे करे इसका इलाज।
प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचान का समय पर इसका इलाज किया जाए तो इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। स्वामी रामदेव से जानिए प्रोस्टेट कैंसर और बढ़े हुए प्रोस्टेट की समस्या से छुटकारा पाने के लिए किन आयुर्वेदिक उपायों को अपनाएं।
पुरुषों में प्रोस्टेंट का बढ़ना और प्रोस्टेट कैंसर एक गंभीर समस्या से बनती जा रही हैं। स्वामी रामदेव के अनुसार 80 साल की उम्र के बाद 90 प्रतिशत लोग इस समस्या के शिकार होते हैं। जानें इस प्रोस्टेट को हेल्दी रखने के योगासन और एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स।
अगर आपकी उम्र 30 साल के ऊपर हो गई है और आप खुद पर जरा सा भी ध्यान नहीं दे रहे है। तो जान लें इन शुरुआती लक्षणों के बारें में। जिन्हें अनदेखा करना आपकी मौत का कारण बन सकती है।
अगर ठीक तरह से डाइट का सेवन किया जाए तो इस बीमारी से आप कोसों दूर रहेंगे। इस आहार में ऐसे पोषक तत्वों पाएं जाते है जो कि कैंसर की कोशिकाओं से लड़ने में मदद करते है। जानें किन आहार का सेवन करना हो सकता है फायदेमंद।
मधुमेह से कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है और इससे कैंसर के मरीजों के जीवित रहने की संभावना कम हो सकती है।
भारत में प्रोस्टेट समस्याओं का प्रसार तेजी से बढ़ रहा है। दिल्ली कैंसर रजिस्ट्री के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में दूसरा सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है। साथ ही सभी जानलेवा बीमारियों में इसकी हिस्सेदारी 6.78 प्रतिशत है।
आमतौर पर प्रोस्टेट कैंसर 50 साल की उम्र के बाद सिर्फ पुरुषों में होने वाली एक बीमारी है। लापरवाही बरतने पर खतरनाक साबित हो सकता है। जानिए किन घरेलू उपायों से हो सकता है बचाव।
एक नए शोध के अनुसार ये बात सामने आई कि आपके रात के खाने से आपको कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी भी हो सकती है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कैंसर में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया कि देर रात डिनर करने से ब्रेस्ट कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
शोधकर्ताओं ने प्रोस्टेट कैंसर के एक नए उपप्रकार की पहचान की है, जो करीब सात फीसदी मरीजों में विकसित होता है। इस उपप्रकार के लक्षण का पता जीन सीडीके12 के नुकसान की वजह से चला है। यह शुरुआती ट्यूमर अवस्था के ट्यूमर की तुलना में आम तौर पर मेटास्टैटिक प्रोस्टेट कैंसर में पाया जाता है।
प्रोस्टेट कैंसर हो या किसी भी तरह का कैंसर हो इसका पता शुरुआत में नहीं चलता लेकिन जब इसका पता चलता है काफी देर हो जाती है। आज हम बात करेंगे प्रोस्टेट कैंसर की। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसके शुरुआती लक्षण शरीर में दिखाई देते हैं लेकिन हम इसे अक्सर इग्नोर कर देते हैं।
एक इंटरनेशनल शोध के अनुसार आउटडोर एलईडी स्क्रीन्स से निकलने वाली ब्लू रोशनी आपको शरीर के कई हिस्सों में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी दे सकता है।
सर्वाइकल कैंसर का सबसे ज्यादा खतरा 16 से 30 वर्ष आयुवर्ग की महिलाओं में होता है। महिलाओं में आम तौर पर पाया जाने वाला एचपीवी (ह्यूमन पेपीलोमा वायरस) जल्दी ठीक हो जाता है लेकिन गंभीर रूप लेने पर आगे जाकर सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है। जानिए लक्षण और कैसे करें रोकथाम के बारें में
कैंसर की इस तरह की दवाएं मरीजों के लिए लाभदायक साबित हो सकती हैं, यह उन मरीजों के लिए एक नया विकल्प हो सकता है जिन पर वर्तमान का कोई उपचार काम नहीं कर रहा हो।
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