2019 के आम चुनावों के बाद देश के टॉप 7 शहरों में घरों के दाम 6 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़े हैं। जून 2019 में औसत एक स्क्वायर फीट का दाम 5,600 रुपये था, जो वित्त वर्ष 2024 के अंत में बढ़कर 7,550 रुपये प्रति स्क्वायर फीट हो गया है।
क्रिसिल के मुताबिक, देश के शीर्ष छह शहरों में आवासीय क्षेत्रों में स्वस्थ आर्थिक वृद्धि और मांग में उछाल के बीच आवासीय मांग में 10-12 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है।
नोएडा प्राधिकरण ने बकाया भुगतान न होने के आधार पर एम्स मैक्स गार्डेनिया की संपत्तियां कुर्क करने का बुधवार को आदेश जारी कर दिया। इसके साथ ही प्राधिकरण ने कहा कि इन दोनों परियोजनाओं में फंसे सभी 3,379 फ्लैट खरीदारों के पक्ष में नियमों के अनुरूप रजिस्ट्री की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
रिपोर्ट के अनुसार,देश के सात प्रमुख शहरों में फ्लैट की आपूर्ति बढ़ने से सात प्रमुख शहरों में अनसोल्न्ड घरों की संख्या 2019 की तुलना में 24 प्रतिशत बढ़ गई है। इन घरों की बिक्री करने में बिल्डरों को 22 महीने का समय लगेगा। मार्च, 2024 तक अनसोल्न्ड घरों की संख्या लगभग 4,68,000 थी जो दिसंबर 2019 की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक
वर्षों से फ्लैट्स में रहने वाले रजिस्ट्री होने से मालिकाना हक की कीमत और महत्व को अच्छे से समझते है और वो मानते है कि रजिस्ट्री होने वे अब अपने प्रॉपर्टी को सेल कर सकेंगे जो पहले संभव नही था।
रियल एस्टेट सलाहकार कोलियर्स इंडिया और डेटा एनालिटिक कंपनी लियासेस फोरास की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार, आठ शहरों में कीमतें चार प्रतिशत से 19 प्रतिशत तक बढ़ी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए टिप्पणी की थी कि संविधान का उद्देश्य ‘सामाजिक बदलाव की भावना’ लाना है और यह कहना ‘खतरनाक’ होगा कि किसी व्यक्ति की निजी संपत्ति को ‘समुदाय का भौतिक संसाधन’ नहीं माना जा सकता।
पहली तिमाही में दिल्ली-एनसीआर में कुल 15,645 घरों की बिक्री हुई थी, जिसमें से 6,060 यूनिट्स या 39 प्रतिशत घर लग्जरी थे और इनकी कीमत 1.5 करोड़ रुपए से अधिक थी।
डीएलएफ प्रिवाना वेस्ट नाम के इस प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदने की होड़ सी लग गई और देखते ही देखते सभी फ्लैट बिक गए। यह नई परियोजना 12.57 एकड़ में फैली है जिसमें 795 फ्लैट हैं।
अलवर औद्योगिक शहर तेजी से विकसित हो रहा है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे ने इस शहर की कनेक्टिविटी को वल्र्ड क्लास बना दिया है। इसके अलावा रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम चरण 1 विकसित की जा रही जो दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर आरआरटीएस लाइन, अलवर से दिल्ली के मुनिरका और एरोसिटी तक मजबूत कनेक्टिविटी स्थापित करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में साफ कहा है कि महिला का स्त्रीधन उसकी पूर्ण संपत्ति है जिसे अपनी मर्जी से खर्च करने का उसे पूरा अधिकार है। इस स्त्री धन में पति कभी भी साझीदार या हिस्सेदार नहीं बन सकता।
Property News : किसी हाउसिंग प्रोजेक्ट में प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो यह जान लें कि डिवेलपर ने सभी तरह की परमिशन कानूनी रूप से प्राप्त की हुई है।
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने गुवाहाटी हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए एक अहम निर्देश दिया है। कोर्ट के मुताबिक चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार को अपने संपत्ति के हर डिटेल्स को देना जरूरी नहीं है।
नौ शहर मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, दिल्ली-एनसीआर (दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद), बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, चेन्नई और कोलकाता हैं।
प्रोजेक्ट का अप्रूव्ड मैप और रेरा में रजिस्टर मैप और उसके टावर्स के नाम अलग होने से होम बायर्स को भी सही स्थिति समझने में भ्रम होता है। प्रोमोटर द्वारा रेरा के इन नवीन आदेशों का अनुपालन करने पर वर्तमान में आ रही समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
आंकड़ों के अनुसार, 2024 की पहली तिमाही के दौरान छह प्रमुख शहरों - बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद और पुणे में कुल कार्यालय पट्टे 1.36 करोड़ वर्ग फीट तक बढ़ने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 15 प्रतिशत का योगदान देगा और वर्ष 2030 तक बाजार का आकार एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा।
Property News : अंडर कंस्ट्रक्शन घरों की तुलना में रेडी टू मूव घर अधिक महंगे होते हैं। अंडर कंस्ट्रक्शन घरों के लिए आप अधिक डिस्काउंट भी पा सकते हैं।
Property News : सेल डीड में ओनरशिप ट्रांसफर,पेमेंट के तरीके, पैसे के आदान-प्रदान, स्टांप ड्यूटी, मिडलमैन आदि की जानकारी होती है। यह भी जान लें कि प्रॉपर्टी पर क्या कोई लैंड एग्रीमेंट है या नहीं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम आदेश में कहा है कि पति द्वारा पत्नी के नाम से खरीदी गई संपत्ति पारिवारिक संपत्ति मानी जाएगी। हिंदू परिवार में चलन है कि पति अपनी पत्नी के नाम जमीन खरीदते हैं। यह आदेश जस्टिस देशवाल ने मृत पिता की खरीदी गई संपत्ति में हिस्सा देने की मांग को लेकर दाखिल पुत्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
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