पंजाब विधानसभा में पिछले महीने 3 सितंबर को एक विधेयक पारित किया था, इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य जमीन के डॉक्यूमेंट्स के रजिस्ट्रेशन के लिए चली आ रही अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) की प्रथा को खत्म करना है।
भूमि सौदों में छह प्रमुख भारतीय शहरों दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे का दबदबा रहा। इस वर्ष भूमि सौदों में उल्लेखनीय वृद्धि भारत की रियल एस्टेट क्षमता में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के मजबूत भरोसे को दर्शाती है।
त्योहारी सीजन में घर खरीदने से पहले पूरी तरह से रिसर्च करें और जल्दबाजी में फैसला न लें। आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से प्रॉपर्टी के बारे में रिसर्च करें।
गोदरेज प्रॉपर्टीज वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान बिक्री बुकिंग के मामले में सबसे बड़ी सूचीबद्ध रियल एस्टेट कंपनी बन गई। पिछले वित्त वर्ष में गोदरेज प्रॉपर्टीज की बिक्री बुकिंग 84 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 22,527 करोड़ रुपये हो गई, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 12,232 करोड़ रुपये थी।
सिक्योर्ड लोन में भी कई तरह के शुल्क लगते हैं।इसमें शामिल हैं- लोन ऐप्लीकेशन के लिए प्रोसेसिंग शुल्क, प्रॉपर्टी की कीमत के वैल्यूएशन के लिए वैल्यूएशन शुल्क, दस्तावेजों एवं वैरिफिकेशन के लिए कानूनी खर्च आदि।
आवासीय संपत्ति की औसत कीमतों में पिछली कुछ तिमाहियों से वृद्धि हो रही है। इसकी वजह कुल उत्पादन लागत में बढ़ोतरी है। इसमें भूमि अधिग्रहण की लागत और निर्माण लागत शामिल हैं। इसके अलावा लग्जरी यानी महंगे घरों की मांग बढ़ने से भी आवास कीमतों में उछाल देखने को मिला है।
Property Tips : फाइनेंशियल बर्डन से बचना चाहते हैं तो अपने बजट के हिसाब से घर खरीदें। घर खरीदने के लिए एक बजट तय करें। साथ ही यह भी तय करें कि आपको कितने बड़े घर या कितने बड़े साइज के फ्लैट की नीड है।
प्रॉपइक्विटी ने अनुमान लगाया गया है कि भारत में जुलाई-सितंबर में नौ प्रमुख शहरों में बिक्री 18 प्रतिशत घटकर 1,04,393 यूनिट रह गई। क्रेडाई के पूर्व अध्यक्ष इरफान रजाक ने कहा कि मांग तो है, लेकिन पेशकश नहीं है।
बेंगलुरु में जुलाई-सितंबर के दौरान आवास बिक्री 26 प्रतिशत घटकर 13,355 इकाई रहने का अनुमान है, जो एक साल पहले की अवधि में 17,978 इकाई थी।
लोन देने वाला बैंक प्रॉपर्टी की वैल्यूएशन कर इसी आधार पर लोन देता है। लोन की राशि कई कारकों पर निर्भर करती है जैसे आर्थिक स्थिति, ब्याज दर, बाजार के स्थानीय रूझान (संपत्ति की कीमतों में उचार-चढ़ाव) आदि।
उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी चल अचल संपत्ति की जानकारी को मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज करने के लिए कहा गया है। ऐसे में यदि कोई ऐसा नहीं करता है तो क्या होगा, आइए इस खबर के जरिए जानते हैं।
टैक्स कटौती पुरुषों और महिलाओं के लिए समान है, लेकिन ज्वाइंट ओनरशिप अलग-अलग टैक्स कटौती का दावा करने की परमिशन देता है। भारत में महिलाओं को आसानी से संपत्ति खरीदने में मदद करने के लिए सरकारी की भी स्कीम है।
रियल्टी एक्सपर्ट का कहना है कि एक ओर घरों की कीमत आसमान पर पहुंच रही हैं, वहीं सैंकड़ों प्रोजेक्ट सालों से अटके पड़े हुए हैं। अगर उनका काम पूरा हो तो प्रॉपर्टी बाजार में सप्लाई बढ़ेगी और प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
Real Estate News : साल 2024 तक यमुना एक्सप्रेसवे के पास प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़कर 7,900-8,100 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई हैं। जबकि जमीन की कीमतें अब औसतन 6,900-7,100 रुपये प्रति वर्ग फुट के बीच हैं।
सीएम ने कहा कि लोगों को बड़ी राहत देते हुए आज हम प्लॉटों के लिए एनओसी की शर्त को खत्म कर रहे हैं। पहले नेताओं के इशारे पर काटी जा रही अवैध कॉलोनियों से आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
प्रॉपर्टी कंसल्टेंट ANAROCK की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2024 की पहली छमाही में, दिल्ली-एनसीआर में करीब 32,200 हाउसिंग यूनिट्स की बिक्री हुई। हैरानी की बात ये है कि इनमें 45 प्रतिशत से ज्यादा यूनिट्स लग्जरी सेगमेंट के थे जबकि 24 फीसदी यूनिट्स अफॉर्डेबल सेगमेंट के थे।
देश की सबसे बड़ी रियल्टी कंपनी डीएलएफ लिमिटेड की चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बिक्री बुकिंग तीन गुना से अधिक की वृद्धि के साथ 6,404 करोड़ रुपये रही है। 'लोढ़ा' ब्रांड के तहत संपत्तियां बेचने वाली मुंबई की मैक्रोटेक डेवलपर्स ने 4,030 करोड़ रुपये की बिक्री बुकिंग दर्ज की।
मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में आवास कीमतें 19,111 रुपये प्रति वर्ग फुट से छह प्रतिशत बढ़कर 20,275 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं। पुणे में, आवासीय संपत्तियों की कीमतें अप्रैल-जून, 2024 में 13 प्रतिशत बढ़ीं। यह 9,656 रुपये प्रति वर्ग फुट रहीं।
नाइट फ्रैंक की ग्लोबल हेड लियाम बेली ने कहा कि भविष्य में कीमत में वृद्धि केंद्रीय बैंकों के हाथों में है। हमें विश्वास है कि अगले 12 महीने में ब्याज दरों में कमी देखने को मिलेगी।
कुशमैन एंड वेकफील्ड की रिपोर्ट के अनुसार, पहली छमाही में दिल्ली-एनसीआर के प्रॉपर्टी मार्केट में सबसे अधिक पैसा आया। यहां 63.33 करोड़ डॉलर का निवेश आकर्षित हुआ।
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