घर खरीदने से पहले सभी लोगों को अपने बिल्डर्स से कुछ सवाल पूछना ही चाहिए। जिससे न सिर्फ अापका सपना बिना मुश्किल के पूरा होगा, वहीं आप धोखाधड़ी से भी बचेंगे।
विदेश में स्थित अपनी प्रॉपर्टी का खुलासा न करना बेहद जोखिम भरा हो जाएगा। 2017 से सरकार को सभी देशों से जानकारी मिलनी शुरू हो जाएगी।
नैचुरल डिजास्टर से मुकाबले के लिए बाजार में कई इंश्योरेंस पॉलिसी उपलब्ध हैं। जिनसे आप प्राकृतिक और मानवीय अापदा से सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
पिछले 10 सालों में रियल एस्टेट क्षेत्र में आकर्षित किए गए कुल 14 लाख करोड़ रुपए के निवेश में यूपी, गुजरात और महाराष्ट्र का योगदान 50 फीसदी से ज्यादा है।
भारत के लोगों की विदेशों में खरीदी जाने वाली प्रॉपर्टी की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। लंदन, न्यूयॉर्क, सिंगापुर और दुबई भारतीयों की पहली पसंद हैं।
जेएलएल इंडिया के मुताबिक चालू त्योहारी सीजन के दौरान घरों की बिक्री 15 से 20% बढ़ सकती है, जो कि पिछले साल से 10% कम है और Real Estate के लिए निराशाजनक है।
प्रॉपर्टी के कागजात और गाड़ी की आरसी एवं डीएल का खोना काफी परेशानियों का सबब बन जाता है। घर और व्हिकल के कागजात खो जाने के बाद भी दोबारा बनवाए जा सकते हैं।
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