सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के मुताबिक हिंदू धर्म में पैदा होने वाली लड़की अपने जन्म के साथ ही अपने पापा की प्रॉपर्टी में बराबरी की हिस्सेदारी होती है। ये नियम हिंदू धर्म के साथ-साथ बौद्ध, सिख, जैन समाज के लिए भी लागू होता है।
Real Estate News : ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में इंफ्रास्ट्रक्चर में इतना बदलाव आया है, जो पिछले दशकों में कभी नहीं देखा गया। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, द्वारका एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, रैपिड रेल, मेट्रो विस्तार इसके बेहतरीन उदाहरण हैं।
रियल एस्टेट मार्केट में दो तरह की प्रॉपर्टी उपलब्ध होती हैं- अंडर कंस्ट्रक्शन और रेडी-टू-मूव। खरीदार अपनी-अपनी जरूरतों के हिसाब से अंडर कंस्ट्रक्शन और रेडी-टू-मूव प्रॉपर्टी खरीदते हैं।
1 जनवरी 2008 से लेकर 1 नवंबर 2024 तक 1000 वर्गमीटर से बड़े प्लॉट और जमीनें खरीदने वालों की लिस्ट मांगी गई है। साथ ही इसमें निजी और कंपनी दोनों के नाम खरीदी प्रॉपर्टी की डिटेल मांगी गई है।
Property News : फाइनेंशियल बर्डन से बचना चाहते हैं तो अपने बजट के हिसाब से घर खरीदें। घर खरीदने के लिए एक बजट तय करें। साथ ही यह भी तय करें कि आपको कितने बड़े घर या कितने बड़े साइज के फ्लैट की नीड है।
सरकार जनकल्याण के लिए निजी संपत्ति ले सकती है या नहीं, इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट का एक अहम फैसला सामने आया है। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हर निजी संपत्ति को सामुदायिक संपत्ति नहीं कह सकते।
धनतेरस और दिवाली नया निवेश शुरू करने के लिए शुभ माना जाता है। अगर आप भी किसी एसेट क्लास में पैसा लगाना चाहते हैं तो अपने फाइनेंशियल गोल के अनुसार ही निवेश करें।
पंजाब विधानसभा में पिछले महीने 3 सितंबर को एक विधेयक पारित किया था, इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य जमीन के डॉक्यूमेंट्स के रजिस्ट्रेशन के लिए चली आ रही अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) की प्रथा को खत्म करना है।
भूमि सौदों में छह प्रमुख भारतीय शहरों दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे का दबदबा रहा। इस वर्ष भूमि सौदों में उल्लेखनीय वृद्धि भारत की रियल एस्टेट क्षमता में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के मजबूत भरोसे को दर्शाती है।
त्योहारी सीजन में घर खरीदने से पहले पूरी तरह से रिसर्च करें और जल्दबाजी में फैसला न लें। आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से प्रॉपर्टी के बारे में रिसर्च करें।
गोदरेज प्रॉपर्टीज वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान बिक्री बुकिंग के मामले में सबसे बड़ी सूचीबद्ध रियल एस्टेट कंपनी बन गई। पिछले वित्त वर्ष में गोदरेज प्रॉपर्टीज की बिक्री बुकिंग 84 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 22,527 करोड़ रुपये हो गई, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 12,232 करोड़ रुपये थी।
सिक्योर्ड लोन में भी कई तरह के शुल्क लगते हैं।इसमें शामिल हैं- लोन ऐप्लीकेशन के लिए प्रोसेसिंग शुल्क, प्रॉपर्टी की कीमत के वैल्यूएशन के लिए वैल्यूएशन शुल्क, दस्तावेजों एवं वैरिफिकेशन के लिए कानूनी खर्च आदि।
आवासीय संपत्ति की औसत कीमतों में पिछली कुछ तिमाहियों से वृद्धि हो रही है। इसकी वजह कुल उत्पादन लागत में बढ़ोतरी है। इसमें भूमि अधिग्रहण की लागत और निर्माण लागत शामिल हैं। इसके अलावा लग्जरी यानी महंगे घरों की मांग बढ़ने से भी आवास कीमतों में उछाल देखने को मिला है।
Property Tips : फाइनेंशियल बर्डन से बचना चाहते हैं तो अपने बजट के हिसाब से घर खरीदें। घर खरीदने के लिए एक बजट तय करें। साथ ही यह भी तय करें कि आपको कितने बड़े घर या कितने बड़े साइज के फ्लैट की नीड है।
प्रॉपइक्विटी ने अनुमान लगाया गया है कि भारत में जुलाई-सितंबर में नौ प्रमुख शहरों में बिक्री 18 प्रतिशत घटकर 1,04,393 यूनिट रह गई। क्रेडाई के पूर्व अध्यक्ष इरफान रजाक ने कहा कि मांग तो है, लेकिन पेशकश नहीं है।
बेंगलुरु में जुलाई-सितंबर के दौरान आवास बिक्री 26 प्रतिशत घटकर 13,355 इकाई रहने का अनुमान है, जो एक साल पहले की अवधि में 17,978 इकाई थी।
लोन देने वाला बैंक प्रॉपर्टी की वैल्यूएशन कर इसी आधार पर लोन देता है। लोन की राशि कई कारकों पर निर्भर करती है जैसे आर्थिक स्थिति, ब्याज दर, बाजार के स्थानीय रूझान (संपत्ति की कीमतों में उचार-चढ़ाव) आदि।
उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी चल अचल संपत्ति की जानकारी को मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज करने के लिए कहा गया है। ऐसे में यदि कोई ऐसा नहीं करता है तो क्या होगा, आइए इस खबर के जरिए जानते हैं।
टैक्स कटौती पुरुषों और महिलाओं के लिए समान है, लेकिन ज्वाइंट ओनरशिप अलग-अलग टैक्स कटौती का दावा करने की परमिशन देता है। भारत में महिलाओं को आसानी से संपत्ति खरीदने में मदद करने के लिए सरकारी की भी स्कीम है।
रियल्टी एक्सपर्ट का कहना है कि एक ओर घरों की कीमत आसमान पर पहुंच रही हैं, वहीं सैंकड़ों प्रोजेक्ट सालों से अटके पड़े हुए हैं। अगर उनका काम पूरा हो तो प्रॉपर्टी बाजार में सप्लाई बढ़ेगी और प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
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