Property News : किसी हाउसिंग प्रोजेक्ट में प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो यह जान लें कि डिवेलपर ने सभी तरह की परमिशन कानूनी रूप से प्राप्त की हुई है।
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने गुवाहाटी हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए एक अहम निर्देश दिया है। कोर्ट के मुताबिक चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार को अपने संपत्ति के हर डिटेल्स को देना जरूरी नहीं है।
घरों की बिक्री में मात्रा और मूल्य, दोनों लिहाज से बढ़ोतरी समग्र अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है। मूल्य के लिहाज से आवास बिक्री इस साल जनवरी-मार्च में 1,10,880 करोड़ रुपये रही।
नौ शहर मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, दिल्ली-एनसीआर (दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद), बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, चेन्नई और कोलकाता हैं।
प्रोजेक्ट का अप्रूव्ड मैप और रेरा में रजिस्टर मैप और उसके टावर्स के नाम अलग होने से होम बायर्स को भी सही स्थिति समझने में भ्रम होता है। प्रोमोटर द्वारा रेरा के इन नवीन आदेशों का अनुपालन करने पर वर्तमान में आ रही समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
आंकड़ों के अनुसार, 2024 की पहली तिमाही के दौरान छह प्रमुख शहरों - बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद और पुणे में कुल कार्यालय पट्टे 1.36 करोड़ वर्ग फीट तक बढ़ने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 15 प्रतिशत का योगदान देगा और वर्ष 2030 तक बाजार का आकार एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा।
Property News : अंडर कंस्ट्रक्शन घरों की तुलना में रेडी टू मूव घर अधिक महंगे होते हैं। अंडर कंस्ट्रक्शन घरों के लिए आप अधिक डिस्काउंट भी पा सकते हैं।
Property News : सेल डीड में ओनरशिप ट्रांसफर,पेमेंट के तरीके, पैसे के आदान-प्रदान, स्टांप ड्यूटी, मिडलमैन आदि की जानकारी होती है। यह भी जान लें कि प्रॉपर्टी पर क्या कोई लैंड एग्रीमेंट है या नहीं।
बिल्डर के साथ फ्लैट बॉयर्स को भी इसका लाभ मिले। यमुना प्राधिकरण ने इसका भी रास्ता निकाल लिया है। यीडा की जिन बिल्डर परियोजना को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) और कम्प्लीशन सर्टिफिकेट (सीसी) जारी हो चुका है, उनके बॉयर्स 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजे की धनराशि प्राधिकरण में जमा कराकर रजिस्ट्री करा सकते हैं।
रिपोर्ट कहती है कि बीते दो वर्षों में मांग मजबूत बने रहने से आठ शहरों में कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। इन आठ शहरों में अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (एमएमआर) और पुणे शामिल हैं।
मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में 289 एकड़ में फैले 24 अलग-अलग भूमि सौदे हुए, जिनकी कीमत 11,222 करोड़ रुपये थी। चेन्नई में, आठ अलग-अलग सौदों में 1,220 करोड़ रुपये में 209 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम आदेश में कहा है कि पति द्वारा पत्नी के नाम से खरीदी गई संपत्ति पारिवारिक संपत्ति मानी जाएगी। हिंदू परिवार में चलन है कि पति अपनी पत्नी के नाम जमीन खरीदते हैं। यह आदेश जस्टिस देशवाल ने मृत पिता की खरीदी गई संपत्ति में हिस्सा देने की मांग को लेकर दाखिल पुत्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
एनारॉक ने कहा कि घरों के निर्माण का यह आंकड़ा 2017 के बाद सबसे ऊंचा है। साल 2017 में 2,04,200 घरों, 2018 में 2,46,140 घरों, 2019 में 2,98,450 घरों, 2020 में 2,14,370 घरों, 2021 में 2,78,650 घरों का निर्माण पूरा हुआ था।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 24,944 करोड़ रुपये, गाजियाबाद में 4,404 करोड़ रुपये, दिल्ली में 2,610 करोड़ रुपये और फरीदाबाद में 470 करोड़ रुपये मूल्य के घरों की बिक्री पिछले साल हुई।
सोनिया गांधी ने राज्यसभा चुनाव के लिए भरे गए नामांकन में दिए गए एफिडेविट में सोनिया ने इटली में पिता की प्रॉपर्टी में अपना हिस्सा होने का उल्लेख किया है। पांच साल में उनकी चल और अचल संपत्ति में भी 72 लाख रुपये का इजाफा हुआ है।
इसके मुताबिक, सात प्रमुख शहरों में से दिल्ली-एनसीआर में सबसे अधिक तेजी रही और यहां लक्जरी घरों की बिक्री में लगभग तीन गुना उछाल आया। इस रिपोर्ट के मुताबिक, कैलेंडर वर्ष 2023 में चार करोड़ रुपये या उससे अधिक कीमत के 12,935 घरों की बिक्री हुई जबकि साल 2022 में यह संख्या 7,395 इकाई थी।
इंडिया फोर्ब्स ग्लोबल प्रॉपर्टीज ने 1200 एकड़ भूमि के विकास के लिए नवी मुंबई में ऑरेंज स्मार्ट सिटी के संयुक्त उद्यम के साथ समझौता किया है। इस परियोजना में 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपये की 10 लाख करोड़ वर्ग फुट एरिया में प्रोजेक्ट बनेंगे।
क्रेडाई वेस्टर्न यूपी के सचिव दिनेश गुप्ता ने कहा कि क्रेडाई के सदस्यों, रेरा अधिकारियों के साथ-साथ घर खरीदारों के प्रतिनिधियों की मदद से हम यूपी रेरा कॉन्सिलिएशन फोरम में दायर किए गए लगभग 90% से 95% मामलों को हल करने में सफल रहे हैं।
नोएडा में बिना बिके मकानों की संख्या पिछले साल के अंत से 15 प्रतिशत घटकर 8,658 इकाई हो गई, जो 2022 के अंत में 10,171 इकाई थी। ग्रेटर नोएडा में बिना बिके मकानों की संख्या 2022 के अंत में 26,096 इकाइयों से 28 प्रतिशत गिरकर 2023 के अंत में 18,825 इकाइयों पर आ गई।
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