कर्नाटक के यादगीर जिला प्रशासन ने दो अलग-अलग मामलों में बच्चों से माता-पिता को संपत्ति वापस करने का आदेश दिया है, क्योंकि बच्चे माता-पिता की देखभाल करने में विफल रहे।
रिपोर्ट कहती है कि मकान की मांग तेजी से बढ़ने से खाली घरों (अनसोल्ड इनवेंट्री) का स्तर ढाई साल पर आ गया है। महामारी से पहले यह चार साल था।
चश्मदीद ने बताया था कि मोनू उर्फ सुमित नाम के एक व्यक्ति ने महिला और कप्तान पर गोली चलाई थी। इसके बाद मोनू वहां से फरार हो गया।
Government Big Decision Regarding Enemy Property: क्या आप शत्रु संपत्तियों के बारे में जानते हैं, क्या आपके घर या पड़ोस में भी शत्रु संपत्तियां हैं, क्या आप शत्रु संपत्तियों का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे, क्या आपके किसी पड़ोसी ने शत्रु संपत्ति पर कब्जा कर रखा है?
कोरोना महामारी के बाद घरों की मांग तेज बनी हुई है। ये कारण कीमत में इजाफा कराएंगे। ऐसे में अब बिना देरी किए घर या दुकान का सौदा करना सबसे सही फैसला होगा।
दिल्ली-एनसीआर में कीमतों में पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 4,700-4,900 रुपये हो गई।
प्रॉपर्टी अच्छी लोकेशन, सही हालात में होने के बावजूद नहीं बिक पाती है। इसकी वजह होती है कि मार्केट के अनुसार उस प्रॉपर्टी की कीमत तय नहीं होना।
आमतौर पर जब हम मकान खरीदते हैं तो पूछते हैं कि मकान कितना बड़ा है। मकान के आकार के लिए आपको कारपेट एरिया, बिल्ट-अप एरिया और सुपर बिल्ट-अप एरिया जैसे शब्दों से रूबरू होना पड़ता है।
एनसीआर में नोएडा और फरीदाबाद में मौजूदा तिमाही में कोई नई लॉन्चिंग नहीं हुई।
घरों की कीमतें कम से कम दस फीसदी बढ़ गई हैं। लंबे समय से रियल एस्टेट सेक्टर सुस्ती की चपेट में था लेकिन कोविड के बाद इसने रफ्तार पकड़ी है।
त्योहारी सीजन अब पूरे जोरों पर है। इसके साथ ही रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी देखने को मिल रही है। प्रॉपर्टी के दामों में बढ़ोतरी के बावजूद घरों की मांग पर असर नहीं हुआ है।
आंकड़ों के अनुसार, 2014 के कैलेंडर वर्ष में अपार्टमेंट की वार्षिक बिक्री 1,65,791 इकाई थी जबकि 2015 में बिक्री 1,57,794 इकाई रही थी।
दिल्ली-एनसीआर में खाली पड़े घरों की संख्या 1,00,770 और हैदराबाद में 99,090 इकाई थी। इन्हें बेचने में क्रमश: 27 महीने, 62 महीने और 41 महीने का समय लगेगा।
एचडीएफसी बैंक 50 लाख रुपये तक के टॉप-अप ऋणों के लिए कम ब्याज दर की पेशकश कर रहा है।
बिल्डर हमेशा खरीददार को फ्लैट का बेस रेट बताता है। जबकि, बिल्डर कई और एक्स्ट्रा चार्ज भी वसूल करता है।
Commercial Property: आवासीय प्रॉपर्टी में निवेश पर जोखिम कम होता है, जबकि कॉमर्शियल प्रॉपर्टी में जोखिम अधिक होता है।
Festive Offers: त्योहारी सीजन में प्रॉपर्टी खरीदने की कर रहें हैं तैयारी तो पहले कर लें इन दस्तावेजों की जांच Festive Offers: preparing to buy property in the festive season, then first check these documents
Delhi Crime News: पुलिस की जांच में पता चला है कि पिता की मौत के बाद घर मां के नाम पर ट्रांसफर कर दिया गया था। लेकिन बड़ा बेटा रोहित चाहता था कि घर उसके नाम पर रहे। रोहित को शराब की लत थी और अक्सर को घर में लड़ाई भी करता था।
Faridkot Royal Property Dispute: ये लड़ाई महारावल खेवाजी ट्रस्ट और महाराज की बेटियों के बीच लड़ी गई है। कोर्ट ने महाराज की वसीयत को खत्म करते हुए महारावल खेवाजी ट्रस्ट को 33 साल बाद भंग करने का फैसला सुनाया।
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