घरों की कीमतें कम से कम दस फीसदी बढ़ गई हैं। लंबे समय से रियल एस्टेट सेक्टर सुस्ती की चपेट में था लेकिन कोविड के बाद इसने रफ्तार पकड़ी है।
त्योहारी सीजन अब पूरे जोरों पर है। इसके साथ ही रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी देखने को मिल रही है। प्रॉपर्टी के दामों में बढ़ोतरी के बावजूद घरों की मांग पर असर नहीं हुआ है।
आंकड़ों के अनुसार, 2014 के कैलेंडर वर्ष में अपार्टमेंट की वार्षिक बिक्री 1,65,791 इकाई थी जबकि 2015 में बिक्री 1,57,794 इकाई रही थी।
दिल्ली-एनसीआर में खाली पड़े घरों की संख्या 1,00,770 और हैदराबाद में 99,090 इकाई थी। इन्हें बेचने में क्रमश: 27 महीने, 62 महीने और 41 महीने का समय लगेगा।
एचडीएफसी बैंक 50 लाख रुपये तक के टॉप-अप ऋणों के लिए कम ब्याज दर की पेशकश कर रहा है।
बिल्डर हमेशा खरीददार को फ्लैट का बेस रेट बताता है। जबकि, बिल्डर कई और एक्स्ट्रा चार्ज भी वसूल करता है।
Commercial Property: आवासीय प्रॉपर्टी में निवेश पर जोखिम कम होता है, जबकि कॉमर्शियल प्रॉपर्टी में जोखिम अधिक होता है।
Festive Offers: त्योहारी सीजन में प्रॉपर्टी खरीदने की कर रहें हैं तैयारी तो पहले कर लें इन दस्तावेजों की जांच Festive Offers: preparing to buy property in the festive season, then first check these documents
Delhi Crime News: पुलिस की जांच में पता चला है कि पिता की मौत के बाद घर मां के नाम पर ट्रांसफर कर दिया गया था। लेकिन बड़ा बेटा रोहित चाहता था कि घर उसके नाम पर रहे। रोहित को शराब की लत थी और अक्सर को घर में लड़ाई भी करता था।
Faridkot Royal Property Dispute: ये लड़ाई महारावल खेवाजी ट्रस्ट और महाराज की बेटियों के बीच लड़ी गई है। कोर्ट ने महाराज की वसीयत को खत्म करते हुए महारावल खेवाजी ट्रस्ट को 33 साल बाद भंग करने का फैसला सुनाया।
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Property Buying: ज्यादातर शहरों में अनसोल्ड इनवेंटरी की संख्या घटी है। बेंगलुरु में अनसोल्ड इनवेंटरी में वर्ष-दर-वर्ष सबसे ज्यादा 21% की कमी आई है।
Property Buying: खरीददारों के बीच आम धारणा होती है कि एक समान सुपर एरिया के फ्लैट्स का कारपेट एरिया भी एकसमान होता है, लेकिन हकीकत में ऐसा होता नहीं है।
Property Broker कई मामलों में तो ब्रोकर सही राह दिखाने के बजाय खरीदारों को गुमराह करने का काम करते हैं।
Property Bazaar: गुरुग्राम और हैदराबाद में आवास कीमतें 12 प्रतिशत बढ़कर क्रमश: 11,517 रुपये प्रति वर्ग फुट और 6,472 रुपये प्रति वर्ग फुट पर पहुंच गईं।
Property Tax: तय समय पर भुगतान नहीं करने पर मोटी पेनल्टी भी चुकानी पड़ती है। साफ है कि पेनल्टी से बचने के लिए सही समय पर प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान करना जरूरी होता है।
इस साल की पहली जनवरी-जून की छमाही में दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की बिक्री ढाई गुना होकर 29,101 इकाई पर पहुंच गई।
House Rate in Delhi: चालू वर्ष की पहली जनवरी-जून की छमाही के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घरों की बिक्री सालाना आधार पर ढाई गुना हो गई है। इस दौरान घर की कीमतों में करीब 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
2022 की पहली छमाही में आवासीय क्षेत्र में घरों की बिक्री के मामले में मुंबई (44,200), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) (29,101) और बेंगलुरु (26,777) सबसे आगे रहे।
एनरॉक के आंकड़ों के अनुसार 31 मई 2020 तक इन सात शहरों में 4,48,129 करोड़ रुपये की 4,79,940 इकाइयां ठप थीं या अत्यधिक देरी से चल रही थीं।
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