ऐसी बदहाली की सूरत में अब अध्यापकों ने आंदोलन करने का फैसला लिया है ताकि सरकार कुछ ठोस कदम उठाए। अध्यापकों ने फैसला किया है कि अब नए- नए तरीकों से आंदोलन तब तक चलाया जायेगा, जब तक समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं मिल जाता। शिक्षकों का कहना है कि जल्द ही हमारी समस्याओं का समाधान होना चाहिए।
'प्रोफेसर्स ऑफ प्रैक्टिस' वह लोग होंगे जो प्रारंभिक व्यवसाय से शिक्षक नहीं है और ना ही उन्होंने शिक्षण के लिए पीएचडी की है। बावजूद इसके उनके प्रोफेशनल अनुभव के आधार पर उन्हें कॉलेजों में छात्रों को पढ़ाने के लिए नियुक्त किया जा सकता है।
देशभर के करीब 150 प्रोफेसर कल IIT दिल्ली में विद्यार्थी बने थे और देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने उन्हें नोटबंदी के विषय में बताया।
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