फिलहाल भारत 72.9 करोड़ टन कोयले का उत्पादन कर रहा है। मांग पूरा करने के लिए पिछले साल भारत ने 24.7 करोड़ टन कोयले का आयात किया था और इसपर 1.58 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा खर्च की थी।
रिलायंस-बीपी ने 18 दिसंबर को एशिया की सबसे गहरी परियोजना आर-क्लस्टर से उत्पादन की घोषणा की थी। यह उन तीन गहरे समुद्र की परियोजनाओं में से है जिनका विकास दोनों कंपनियों पूर्वी अपतटीय ब्लॉक में कर रही हैं।
तीन भारतीय कंपनियां जायडस, भारत बायोटेक और जेनोवा घरेलू स्तर पर कोविड-19 वैक्सीन का विकास कर रही हैं जबकि अन्य कंपनियों मसलन सीरम इंस्टिट्यूट ने एस्ट्राजेनेका, डॉ रेड्डीज ने स्पुतनिक और बायोलॉजिकल ई ने जॉनसन एंड जॉनसन से गठजोड़ किया है।
कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि मुख्य कार्यालय के कार्य, वाहन, दो-पहिया वाहनों के लिये देश में अनुसंधान एवं विकास केंद्र तथा कल-पुर्जों से जुड़े कार्य ग्रेटर नोएडा से पहले की तरह चलते रहेंगे।
अप्रैल से नवंबर के दौरान, भारत का तेल उत्पादन छह प्रतिशत घटकर दो करोड़ 4 लाख टन रह गया। इस दौरान राजस्थान से कच्चे तेल का उत्पादन 16 प्रतिशत घटकर 39.1 लाख टन रह गया।
उद्योग संगठन का अनुमान है कि चालू सीजन 2020-21 में देशभर में चीनी का उत्पादन 311 लाख टन हो सकता है, जबकि ओपनिंग स्टॉक 107.18 लाख टन है। इस प्रकार सीजन के दौरान चीनी की कुल उपलब्धता 418.18 लाख टन रहने का अनुमान है जबकि घरेलू खपत 260 लाख टन हो सकता है।
सरकार पहले ही औषधि, चिकित्सा उपकरण, मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण कंपनियों के लिये पीएलआई योजना ला चुकी है। अब वह इस योजना को दूसरे क्षेत्रों में भी लागू करने पर विचार कर रही है।
देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख और देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी ने सोमवार को कहा कि देश को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के लिए विनिर्माण पर जोर देना होगा।
हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी में आलुओं की बंपर फसल हुई है, जो कि पिछले साल की फसल से लगभग दोगुनी है, इस साल 'संताना' का 50 किग्रा का एक बैग 1,200 से 1,300 रुपये की कीमत पर बिक रहा है, जबकि 2019 में इसकी कीमत 1,000 रुपये थी।
ओएनजीसी के मुताबिक सरकार के फार्मूले के अनुसार जो दरें तय हुई हैं, वह उसकी उत्पादन लागत 3.5 से 3.7 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट से काफी कम है। एक अक्टूबर से शुरू अवधि के लिये दर 25 प्रतिशत कम होकर 1.79 डॉलर प्रति 10 लाख यूनिट कर दी गई है।
वैगन आर, सेलेरियो, इग्निस, स्विफ्ट, बलेनो, डिजायर जैसी कॉम्पैक्ट कारों का उत्पादन 90,924 इकाई रहा।
बेहतर मॉनसून की वजह से बेहतर उपज होने की उम्मीद
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