बीएसई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, एलआईसी का बाजार पूंजीकरण 7.2 लाख करोड़ रुपये हो चुका है। दीपम सचिव ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों का प्रदर्शन उल्लेखनीय रूप से सुधरा है, पूंजीगत व्यय में सुधार हुआ है।
Privatisation of government companies : सरकार की योजना 200 सरकारी कंपनियों की स्थिति को सुधारने की है। इनके लिए लॉन्ग टर्म परफॉर्मेंस और प्रोडक्शन टार्गेट्स तय किये जाएंगे।
सरकार एलआईसी के साथ आईडीबीआई बैंक में करीब 61 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है। अक्टूबर 2022 में खरीदारों से बोलियां आमंत्रित की गई थीं। ईओआई के जरिए रुचि दिखाने वाले बोलीदाताओं को गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी और ‘उपयुक्त एवं उचित’ मानदंडों को पूरा करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मंजूरी हासिल करनी होगी।
भारत में अगले साल अप्रैल-मई में आम चुनाव होने हैं। रेटिंग एजेंसी फिच ने इस महीने की शुरुआत में अनुमान लगाया था कि मौजूदा नरेन्द्र मोदी प्रशासन के 2024 में चुनाव के बाद सत्ता में लौटने की ‘सबसे अधिक संभावना’ है।
निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने शुक्रवार को बोलियां आमंत्रित करते हुए कहा कि इस प्रक्रिया में सरकार की 30.48 प्रतिशत और एलआईसी की 30.24 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचा जाएगा।
Pakistan Privatisation: मीडिया रिपोर्ट्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान सरकार ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) और न्यूयॉर्क के रूजवेल्ट होटल दोनों की ही 51 फीसदी हिस्सेदारी कतर को देना का फैसला लिया है।
ग्राहक न मिलने के चलते सरकार ने विनिवेश का प्लान ड्रॉप कर दिया है। इसी के साथ ही सरकार ने बिक्री का प्रस्ताव भी वापस ले लिया है।
एचएलएल लाइफकेयर के निजीकरण के लिए कई रुचि पत्र (ईओआई) मिले हैं। यह सौदा अब अगले चरण की ओर बढ़ रहा है।
इसी महीने सरकार ने टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी की इकाई टैलेस प्राइवेट लि. की एयर इंडिया के लिए 18 हजार करोड़ रुपये की पेशकश को स्वीकार कर लिया था।
बीपीसीएल के पास पेट्रोनेट में 12.5 प्रतिशत और आईजीएल में 22.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसके साथ ही पेट्रोनेट में IOC, ONGC की और आईजीएल में गेल की भी हिस्सेदारी है।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी और भाजपा का एक नारा था कि '70 साल में कुछ नहीं हुआ' और कल वित्त मंत्री ने जो भी 70 साल में इस देश की पूंजी बनी थी उसे बेचने का फैसला ले लिया है, मतलब प्रधानमंत्री ने सब कुछ बेच दिया।
विनिवेश के लिये चुनी गयी सार्वजनिक क्षेत्र की रिफाइनरी कंपनियों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मौजूदा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
वीआरएस के जरिये कर्मचारियों को जबरन बाहर करने का मकसद नहीं है, बल्कि इसके जरिये उन कर्मचारियों को इसका फायदा होगा जो पहले सेवानिवृत्ति लेना चाहते हैं।
सचिवों के कोर समूह से मंजूरी मिलने के बाद नामों की अंतिम सूची मंजूरी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था को जाएगी और अंत में यह मंत्रिमंडल की बैठक में जाएगी।
सरकार को नीलांचल इस्पात निगम लि.(एनआईएनएल) के निजीकरण को लेकर कई बोलीदाताओं से रूचि पत्र मिले हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को 2021-22 का बजट पेश करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी के निजीकरण का प्रस्ताव किया था।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे का कभी भी निजीकरण नहीं किया जाएगा और यह हमेशा भारत सरकार के अधीन रहेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि देश के फाइनेंशियल सेक्टर को लेकर सरकार का विजन बिल्कुल साफ है। देश में कोई भी डिपॉजिटर हो या कोई भी इनवेस्टर, दोनों ही ट्रस्ट और ट्रांसपेरेंसी अनुभव करें, ये हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मोदी सरकार ने 2021 में विनिवेश का लक्ष्य कुल 1.75 लाख करोड़ रुपये तय किया है। इसके लिए सरकार कंपनियों में हिस्सा बिक्री से लेकर निजीकरण तक की रणनीति पर काम कर रही।
ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (AIBEA) के जनरल सेक्रेटरी सीएच व्यंकेटचलम ने कहा कि मंगलवार को आयोजित यूएफबीयू की बैठक में बैंकों का निजीकरण करने वाले सरकार के फैसले का विरोध करने का निर्णय लिया गया है।
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