रविवार को भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत किया जाता है। इसके साथ ही इस दिन मास शिवरात्रि का व्रत भी पड़ रहा है।
गुरु प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को जीवन में वैभव की प्राप्ति होती है, साथ ही कर्ज से भी मुक्ति मिलती है
मार्गशीर्ष माह में प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि एक ही दिन पड़ रहे हैं। इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
किसी भी प्रदोष व्रत में प्रदोष काल का बहुत महत्व होता है। त्रयोदशी तिथि में रात्रि के प्रथम प्रहर, यानी सूर्योदय के बाद शाम के समय को प्रदोष काल कहते हैं।
जो व्यक्ति आज भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के साथ प्रदोष व्रत करता है, उसे जीवन में वैभव और सभी सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है।
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार प्रत्येक महीने की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित प्रदोष व्रत किया जाता है। जानिए बुध प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा।
हिंदू पंचांग के अनुसार जुलाई 2021 में कई प्रमुख व्रत और त्योहार पड़ रहे हैं। जुलाई महीने की शुरुआत योगिनी एकादशी, श्री जगन्नाथ रथयात्रा जैसे व्रत-त्योहार पड़ रहे हैं।
आज मंगलवार है और मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहा जाता है। भौम प्रदोष का व्रत कर्ज से छुटकारा दिलाने में बहुत ही लाभदायक है। जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा।
जून माह में सूर्य ग्रहण, वट सावित्री व्रत, शनि जयंती, निर्जला एकादशी के साथ सोम प्रदोष व्रत सहित कई खास त्योहार है। देखें जून 2021 में पड़ने वाले पूरे व्रत-त्योहारों की लिस्ट।
प्रत्येक प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर की पूजा की जाती है, लेकिन शनि प्रदोष होने से आज के दिन शनिदेव की विशेष रूप से उपासना की जायेगी |
आज चैत्र कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि और दिन शुक्रवार है। आपको बता दें कि हर माह के कृष्ण और शुक्ल, दोनों पक्षों की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत होता है।
शुक्रवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष को शुक्र प्रदोष कहा जायेगा। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से आज किए जाने वाले ख़ास उपायों के बारे में।
चैत्र कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि और दिन शुक्रवार है। त्रयोदशी तिथि शुक्रवार को पूरा दिन पूरी रात पार कर शनिवार भोर 4 बजकर 28 मिनट तक रहेगी।
शुक्र प्रदोष व्रत बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन आप भगवान शिव की विधि-विधान के साथ पूजा करके उनकी कृपा पा सकते हैं। जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
फाल्गुन कृष्ण पक्ष की उदया तिथि द्वादशी और दिन बुधवार है। द्वादशी तिथि दोपहर 2 बजकर 41 मिनट रहेगी। इसके साथ ही बुध प्रदोष व्रत भी है।
बुधवार को पड़ने वाले प्रदोष को बुध प्रदोष के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि बुध प्रदोष का व्रत करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा।
आज भौम प्रदोष व्रत है। आज पूरा दिन पूरी रात पार कर कल सुबह 7 बजकर 1 मिनट तक सिद्धि योग रहेगा | साथ ही आज दोपहर 2 बजकर 39 मिनट तक पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र रहेगा |
कमजोर मंगल को ताकतवर बनाने, अशुभ मंगल को शुभ बनाने और शुभ मंगल को शुभ के साथ-साथ और भी ताकतवर बनाने के लिये भौम प्रदोष एक सुनहरा अवसर है। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से इन उपायों के बारे में।
कमजोर मंगल को ताकतवर बनाने, अशुभ मंगल को शुभ बनाने और शुभ मंगल को शुभ के साथ-साथ और भी ताकतवर बनाने के लिये भौम प्रदोष एक सुनहरा अवसर है। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से इन उपायों के बारे में।
शास्त्रों में मंगलवार और शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष का अत्यधिक महत्व होता है। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार इस बार त्रयोदशी तिथि के साथ मंगलवार का दिन भी है और मंगल का एक नाम भौम है। अतः इस दिन को भौम प्रदोष व्रत रखा जाएगा।
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