Pradosh Vrat 2022: आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं प्रदोष व्रत के दिन किए जाने वाले खास उपायों के बारे में।
Pradosh Vrat 2022: प्रदोष व्रत की पूजा त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल के समय की जाती है। इसके आलावा जिस दिन प्रदोष होता है उस दिन के हिसाब से प्रदोष व्रत का नाम रखा जाता है |
Shukra Pradosh Vrat 2022: त्रयोदशी की रात के पहले प्रहर में जो व्यक्ति किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है- वह सभी पापों से मुक्त होता है।
भगवान भोलेनाथ की पूजा विधि विधान से करने से सभी तरह के कष्ट दूर होते हैं। अकाल मृत्यु भी नहीं होती है और सौभाग्य प्राप्त होता है।
आज प्रदोष व्रत रखा जाएगा। आज के दिन भगवान शिव की आराधना करने से अकाल मृत्यु नहीं होती है।
भौम प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, धन, धान्य, संतान आदि की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान शिव जी कृपा से रोग और दोष दूर होते हैं।
भौम प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, धन, धान्य, संतान आदि की प्राप्ति होती है।
भौम प्रदोष के दिन कुछ विशेष उपाय करके आप कर्ज के साथ ही मंगल से जुड़ी अन्य परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं।
प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान शंकर को समर्पित प्रदोष व्रत करने का विधान है। जानिए मार्च माह में पड़ने वाले प्रदोष व्रत के बारे में।
सोमवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोषम् या चन्द्र प्रदोषम् भी कहा जाता है। जानिए सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि।
सोमवार के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए ये उपाय भी कर सकते हैं। इससे आपको हर काम में सफलता मिलने के साथ-साथ हर कष्ट से छुटकारा मिलेगा।
रविवार को भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत किया जाता है। इसके साथ ही इस दिन मास शिवरात्रि का व्रत भी पड़ रहा है।
गुरु प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को जीवन में वैभव की प्राप्ति होती है, साथ ही कर्ज से भी मुक्ति मिलती है
मार्गशीर्ष माह में प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि एक ही दिन पड़ रहे हैं। इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
किसी भी प्रदोष व्रत में प्रदोष काल का बहुत महत्व होता है। त्रयोदशी तिथि में रात्रि के प्रथम प्रहर, यानी सूर्योदय के बाद शाम के समय को प्रदोष काल कहते हैं।
जो व्यक्ति आज भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के साथ प्रदोष व्रत करता है, उसे जीवन में वैभव और सभी सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है।
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार प्रत्येक महीने की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित प्रदोष व्रत किया जाता है। जानिए बुध प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा।
हिंदू पंचांग के अनुसार जुलाई 2021 में कई प्रमुख व्रत और त्योहार पड़ रहे हैं। जुलाई महीने की शुरुआत योगिनी एकादशी, श्री जगन्नाथ रथयात्रा जैसे व्रत-त्योहार पड़ रहे हैं।
आज मंगलवार है और मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहा जाता है। भौम प्रदोष का व्रत कर्ज से छुटकारा दिलाने में बहुत ही लाभदायक है। जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा।
जून माह में सूर्य ग्रहण, वट सावित्री व्रत, शनि जयंती, निर्जला एकादशी के साथ सोम प्रदोष व्रत सहित कई खास त्योहार है। देखें जून 2021 में पड़ने वाले पूरे व्रत-त्योहारों की लिस्ट।
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