नेपाल में प्रचंड की सरकार गिरने के बाद केपी शर्मा ओली को चौथी बार प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की पार्टी से समर्थन लिया है। केपी ओली अब 15 जुलाई को अपने कैबिनेट के साथ प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।
नेपाल में बड़ा सियासी घटनाक्रम हुआ है। प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' संसद में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाए हैं। पुष्प कमल दहल की सरकार गिर गई है।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड एक बार फिर संकट से घिर गए हैं। पीएम बनने के बाद उन्हें पांचवीं बार शुक्रवार को विश्वासमत हासिल करना पड़ेगा। मगर उनके सपोर्ट में कोई बड़ी पार्टी नहीं होने से यह असंभव नजर आ रहा है। ऐसे में पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा और केपी ओली नई सरकार बना सकते हैं।
भारत के पड़ोसी देश नेपाल में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। पीएम 'प्रचंड' ने विश्वास मत का सामना करने का फैसला किया था। पीएम 12 जुलाई को प्रतिनिधि सभा में बहुमत परीक्षण का सामना करेंगे।
नरेंद्र मोदी को भाजपा और एनडीए के संसदीय दल का नेता चुने जाने के साथ ही आज लोकसभा का भी नेता चुन लिया गया है। इसके बाद अब 9 जून को उनके तीसरी बार प्रधानमंत्री पद पर शपथ ग्रहण की तैयारी है। इसमें हिस्सा लेने नेपाल के पीएम प्रचंड समेत कई अन्य पड़ोसी देशों के नेता भी आ रहे हैं।
नेपाल के संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक, किसी सहयोगी दल के सत्तारूढ़ गठबंधन से समर्थन वापस लेने की स्थिति में प्रधानमंत्री को विश्वास मत हासिल करना होता है। इससे पहले प्रचंड ने 13 मार्च को लगातार तीसरी बार विश्वास मत जीता था।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड 20 मई को चौथी बार विश्वासमत हासिल करने की चुनौती का सामना करने वाले हैं। वह 2022 में नेपाल के प्रधानमंत्री बने थे। तब से कई सहयोगी पार्टियों ने एक के बाद एक करके उनसे समर्थन वापस ले लिया।
नेपाल के 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत जीतने के लिए कम से कम 138 वोटों की आवश्यकता है। गत 13 मार्च को प्रधानमंत्री प्रचंड ने लगातार तीसरा विश्वास मत जीता था। अब वह चौथी बार इस चुनौती का सामना करने जा रहे हैं।
भुसाल ने कहा कि यदि भारत सरकार रिपोर्ट हासिल करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाती है, तो नेपाल सरकार को इस दिशा में पहल करनी चाहिए। यदि दोनों देश रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करते हैं तो ईपीजी रिपोर्ट में दिए गए सुझावों को लागू नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि नेपाल को अधिक से अधिक बिजली उत्पादन कर इसका लाभ उठाना चाहिए।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने तीसरी बार विश्वास मत हासिल कर लिया है। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत के प्रखर आलोचक केपी शर्मा ओली के साथ उन्होंने गठबंधन किया है। जीत के लिए उन्हें सदन में 138 मतों की जरूरत थी। प्रचंड को 157 मत हासिल हुए हैं।
'प्रचंड' ने वरिष्ठ मधेसी नेता और जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी) के अध्यक्ष उपेंद्र यादव को जनसंख्या और स्वास्थ्य मंत्री जबकि जेएसपी के ही कोशोर शाह को वन मंत्री के रूप में अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री 'प्रचंड' के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है।
नेपाल की राजनीति में हलचलें जारी हैं। नेपाली कांग्रेस से गठबंधन तोड़कर पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के साथ आए नेपाली पीएम प्रचंड को अब कैबिनेट विस्तार में अड़चनें आ रही हैं।
नेपाल की राजनीति में भी बड़ा 'खेला' हो गया है। नेपाल के पीएम प्रचंड ने बड़ा कदम उठाते हुए नेपाली कांग्रेस से अलग होकर केपी शर्मा ओली की पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाने का निर्णय लिया है।
मालदीव की तरह अब नेपाल में भी 'खेला' होने की कवायदें चल रही है। चीन समर्थक केपी शर्मा ओली वर्तमान नेपाल में प्रचंड सरकार को गिराने की कोशिशों में जुटे हैं। मालदीव के बाद नेपाल में भी जोड़तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने दो दिवसीय नेपाल दौरे से चीन को चारों खाने चित कर दिया है। जयशंकर ने भारत-नेपाल की सदियों पुरानी विशिष्ट दोस्ती के अंकुर को फिर पल्लवित करके दमदार कूटनीति का नमूना पेश किया है। जयशंकर ने अपनी यात्रा के दौरान नेपाली पीएम प्रचंड, राष्ट्रपति पौडेल समेत पूर्व नेताओं से भी मुलाकात की।
नेपाल में प्रधनमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड को लेकर विमान समय से पहले ही दुबई की ओर उड़ गया। इस कारण 31 यात्री एयरपोर्ट पर ही फंसे रह गए। बाद में एयरलाइंस ने यात्रियों से माफी मांगी। जानिए क्या है पूरा मामला।
नेपाल में आए भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। प्रधानमंत्री पुष्प दहल कमल प्रचंड ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया है। साथ ही अपने हेलीकॉप्टर में साथ बैठकार काफी संख्या में घायलों को अस्पताल पहुंचाया है। इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में आई आपदा पर दुःख जताते हुए हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने चीन के साथ संबंधों को गहरा करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। चीन दौरे से लौटने के बाद प्रचंड ने कहा कि दोनों देशों के संबंध पहले से गहरे हुए हैं। उन्होंने नेपाल के पोखरा से चीन के चेंगदू तक सीधी उड़ान शुरू होने की बात भी बताई है।
नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड चीन की 8 दिन की यात्रा पर गए हुए हैं। इस दौरान वे स्वायत्त क्षेत्र तिब्बत भी गए। यहां उन्होंने कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील का दौरा किया।
चीन के दौरे पर गए नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड चीनी राष्ट्राध्यक्षों यानी राष्ट्रपति जिनपिंग और चीनी पीएम के समक्ष अडिग रहे। चीन अपनी चाल में उन्हें नहीं फंसा पाया। बीआरआई और सैन्य गठबंधन 'जीएसआई' पर चीन की मंशा के बावजूद नेपाली पीएमने साइन नहीं किए। बीआरआई पर भी बात नहीं बनी।
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