सरकार ने पीपीएफ पर ब्याज दर 8.7 फीसदी से घटाकर 8.1 फीसदी कर दी है। साथ ही किसान विकास पत्र पर मिलने वाली ब्याज दर 8.7 फीसदी से घटाकर 7.8 फीसदी की गई।
सरकार ने EPF से पैसा निकालने पर टैक्स प्रस्ताव को वापस ले लिया है। वित्त मंत्री ने लोकसभा में EPF पर टैक्स प्रस्ताव को वापस लेने का एलान किया।
सरकार ने कहा कि पीपीएफ का पैसा निकालने पर टैक्स नहीं लगेगा। प्रस्तावों के तहत सिर्फ ईपीएफ में किए गए योगदान पर जो ब्याज मिलेगा वही टैक्स के दायरे में होगा।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने भविष्य निधि (पीएफ) की निकासी तथा इस राशि के वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना में निवेश के नियमों को कड़ा कर दिया है।
इंडिया टीवी पैसा की टीम बता रही है ऐसे प्लानिंग के बारे में, जिनसे आप नियमों के दायरे में रहते हुए अपने इंवेस्टमेंट पर ङुई आमदनी पर टैक्स बचा सकते है।
रिटायरमेंट फंड चलाने वाली संस्था कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) इस साल अगस्त से पीएफ ऑनलाइन का पैसा ऑनलाइन निकालने की सर्विस शुरू कर सकती है।
सरकार स्मॉल सेविंग स्कीम जैसे पीपीएफ, पोस्ट ऑफिस सेविंग और नेशनल सेविंग सर्टीफिकेट पर मिलने वाले ब्याज की दरों में कटौती करने की घोषणा करेगी।
लोग इनकम टैक्स सेविंग के लिए LIC या एफडी खरीद लेते हैं। दूसरे विकल्प भी मौजूद हैं जिनकी मदद से आप अपना टैक्स बचा सकते हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) वित्त वर्ष 2015-16 के लिए पीएफ जमाओं पर 9 फीसदी ब्याज देने की घोषणा 16 फरवरी को कर सकता है।
अगर आप सुकून भरा रिटायरमेंट चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि अभी से प्लानिंग शुरू कर दें। यहां जरूरी है कि अंधाधुंध निवेश की बजाए समझदारी से निवेश करें।
इंडिया टीवी पैसाबताने जा रहा है कि सरकार ने किन सेक्शंस में टैक्स छूट की सीमाओं में बढ़ोत्तरी कर दी है। इससे टैक्स कैल्कुलेट करने में आसानी होगी।
इस साल कर्मचारियों को पीएफ पर अधिक ब्याज मिल सकता है। ईपीएफओ की वित्त समिति ने पीएफ पर ब्याज दर 8.75 फीसदी से बढ़ाकर 8.95 फीसदी करने की सिफारिश की है।
हम सभी बेहतर भविष्य के लिए किसी न किसी इंवेस्टमेंट टूल्स की मदद लेते हैं। लेकिन हम में से कुछ ही लोग निवेश के तय किए गए लक्ष्य को हासिल कर पाते हैं।
डाक घर की बचत और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) जैसी स्मॉल सेविंग स्कीम में निवेश करते आ रहे हैं। तो अब हो सकता है कि आपको पहले जितनी यील्ड न मिले।
सरकार इस माह के अंत तक छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को घटाने की घोषणा कर सकती है। सरकार इन योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दरों को बाजार दर के बराबर करेगी।
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