राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली एक सेवानिवृत्ति बचत योजना है जो धारा 80CCD के तहत अतिरिक्त टैक्स लाभ प्रदान करती है। आप चाहें तो हेल्थ इंश्योरेंस या लाइफ इंश्योरेंस खरीदकर भी टैक्स की बचत कर सकते हैं।
भारत में आज भी निवेशकों का एक बड़ा तबका बैंक एफडी को सबसे सुरक्षित निवेश मानता है। मौजूदा समय में देश के तमाम बैंक एफडी पर शानदार ब्याज दे रहे हैं। एफडी पर वरिष्ठ नागरिकों को सामान्य नागरिकों की तुलना में 0.50 प्रतिशत ज्यादा ब्याज मिलता है। बताते चलें कि बैंक एफडी पर निवेशकों को एक फिक्स्ड रिटर्न मिलता है।
आप फिक्स्ड रिटर्न (FD, RD, PPF) वाले इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट में निवेश कर न सिर्फ अपना पैसा सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि एक तय रिटर्न भी पा सकते हैं।
एसबीआई के अकाउंट होल्डर आसानी से पीपीएफ खाता खोल सकते हैं। इसके लिए बैंक जाने की भी जरूरत नहीं होगी।
जो लोग 30 प्रतिशत आयकर ब्रैकेट में आते हैं, वे फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसा लगाने पर अपनी ब्याज आय का लगभग एक तिहाई हिस्सा खो देते हैं। 20 प्रतिशत टैक्स ब्रैकेट में आने वाले लोग फिक्स्ड डिपॉजिट के मामले में कर के रूप में अपनी आय का 5वां हिस्सा खो देंगे।
खाता खोले जाने के कम से कम 5 साल पहले पीपीएफ अकाउंट को बंद नहीं किया जा सकता। च्योरिटी से पहले पीपीएफ खाते को समय से पहले बंद करने की अनुमति केवल कुछ शर्तों के तहत दी जाती है, जैसे कि चिकित्सा आपात स्थिति, उच्च शिक्षा के लिए पैसे की जरूरत, या एनआरआई बनना।
एनपीएस, एसडब्लूपी या पीपीएफ तीने अलग-अलग लाभ प्रदान करते हैं, लेकिन सही विकल्प चुनना आपके लक्ष्यों पर निर्भर करता है। इसलिए किसी भी इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट में निवेश से पहले अपना लक्ष्य जरूर तय करें और फिर निवेश शुरू करें।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट का कहना है कि जब आप अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना चाहते हैं, तो सोने में निवेश करना एक बढ़िया विकल्प है, क्योंकि शेयर बाजार में गिरावट का आमतौर पर सोने की कीमतों में गिरावट नहीं होती है। इसके साथ ही एफडी और पीपीएफ में भी निवेश करना फायदेमंद होता है।
पीपीएफ में निवेश की अवधि 15 वर्ष है, जिसे पांच वर्षों के ब्लॉक में बढ़ाया जा सकता है। पीपीएफ खाता न्यूनतम ₹500 की राशि से खोला जा सकता है, जबकि एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम वार्षिक जमा सीमा ₹1.5 लाख है।
पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक सरकारी निवेश स्कीम है, जो केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाती है। अब ये एक सरकारी स्कीम है तो इसमें आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है। पीपीएफ पर अभी 7.1 प्रतिशत का सालाना ब्याज मिल रहा है। देश के किसी भी बैंक में पीपीएफ खाता खुलवाया जा सकता है।
Small Savings Schemes: श्यामला गोपीनाथ समिति की सिफारिशों के आधार पर वित्त मंत्रालय द्वारा हर तिमाही में स्मॉल सेविंग स्कीम पर ब्याज दरों को निर्धारित किया जाता है।
केंद्र सरकार, पीपीएफ पर अभी 7.1 प्रतिशत का सालाना ब्याज दे रही है। इस स्कीम में सालाना कम से कम 500 रुपये और ज्यादा से ज्यादा 1,50,000 रुपये जमा किए जा सकते हैं। ये स्कीम 15 साल में मैच्यॉर हो जाती है। लेकिन, इसे 5-5 साल के अंतराल के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है।
Investment Tips: अपनी कमाई के एक हिस्से को हमेशा बैंक अकाउंट में रखें, जिससे आपको पैसों की तत्काल जरूरत पड़ने पर इंस्टैंट मदद मिल सके। बैंक अकाउंट में रखे पैसे आपको जबरदस्त लिक्विडिटी प्रदान करते हैं।
पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक सरकारी निवेश स्कीम है। इस स्कीम पर फिलहाल 7.1 प्रतिशत का ब्याज मिल रहा है। पीपीएफ में एक वित्त वर्ष में मिनिमम 500 रुपये और मैक्सिमम 1,50,000 रुपये जमा किए जा सकते हैं। ये स्कीम 15 साल में मैच्यॉर होती है, लेकिन इसे 5-5 साल बढ़ाकर अधिकतम 50 साल तक चलाया जा सकता है।
वित्त मंत्रालय की एक नोटिफिकेशन में कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना के तहत जमा पर 8. 2 प्रतिशत की ब्याज दर मिलेगी, जबकि तीन साल की सावधि जमा पर दर चालू तिमाही में प्रचलित 7. 1 प्रतिशत पर बनी रहेगी।
महंगाई को देखते हुए भविष्य में बच्चों के भविष्य के लिए ज्यादा पैसों की जरूरत होगी। ऐसे में अगर शुरुआत से ही सही स्ट्रैटेजी के साथ निवेश की शुरुआत कर दी जाए तो आगे राह आसान हो जाएगा। मार्केट में बच्चों के हिसाब से निवेश के कई ऑप्शन मौजूद हैं।
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम में मिनिमम 1000 रुपये से भी निवेश की शुरुआत की जा सकती है। आप 1000 के मल्टीपल में निवेश कर सकते हैं।
पीपीएफ खाते की अवधि 15 वर्ष होती है, जिसे पांच वर्षों के ब्लॉक में बढ़ाया जा सकता है। न्यूनतम जमा राशि 500 रुपये प्रति वर्ष है, और अधिकतम 1.5 लाख रुपये है।
पीपीएफ में आपको हर साल पैसा जमा कराना होता है। पीपीएफ खाते में अगर आपने एक साल में कम से कम 500 रुपये भी जमा नहीं किए तो आपका खाता बंद कर दिया जाता है। देशभर के तमाम बैंक और डाकघरों में पीपीएफ खाता खोला जाता है।
पीपीएफ में आप सालाना 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं। पीपीएफ में आंशिक निकासी 7 साल बाद कर सकते हैं, जबकि वीपीएफ में आंशिक निकाली 5वें साल कर सकते हैं।
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