इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के जरिये निजी कंपनियों ने सिर्फ तीन दिन के अंदर देश भर में मनमानी दरों पर बिजली बेचकर 840 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है।
कोयले की कमी के कारण बिजलीघरों की ऊर्जा उत्पादन की कुल क्षमता में कटौती 12 अक्टूबर को 11,000 मेगावॉट से कम होकर 13 अक्टूबर को 6,000 मेगावॉट पर आ गयी।
कोयला उत्पादन में वृद्धि और चीन के कार्बन नियंत्रण लक्ष्य के बीच कोई विरोधाभास नहीं है। चीन ने हमेशा अपने द्वारा तय किए गए लक्ष्यों का सम्मान किया है और हम उन्हें हासिल करने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "दिल्ली में विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) से मिली जानकारी के मुताबिक, बिजली की कमी के कारण बिजली की कोई कटौती नहीं हुई
अगले 5 से 7 दिन में 20 लाख टन कोयला प्रतिदिन की सप्लाई शुरू हो जायेगी। वही कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिये रेलवे की साढ़े तीन सौ रैक की उपलब्धता कर दी गयी है।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान पावर सेक्टर के लिए लोडिंग 225.3 रैक प्रतिदिन रही, जो पिछले साल की समान अवधि के 176.3 रैक की तुलना में 28 प्रतिशत अधिक है।
विद्युत मंत्रालय ने राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति के लिए आवंटित नहीं की गई बिजली का उपयोग करें
गौरतलब है कि ऊर्जामंत्री ने रविवार को देश को आश्वस्त किया था कि पावर प्लांटों की मांग के अनुरूप पर्याप्त कोयला उपलब्ध है और इसमें कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कोयले के चार दिन से कम भंडार वाले बिजली संयंत्रों की संख्या रविवार को बढ़कर 70 हो गई, जो एक सप्ताह पहले तीन अक्टूबर को 64 थी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में कोयला संकट की खबरों के बीच सोमवार को बिजली मंत्री आर के सिंह और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ बैठक की। माना जा रहा है कि घंटे भर चली बैठक के दौरान तीनों मंत्रियों ने बिजली संयंत्रों को कोयले की उपलब्धता और इस समय बिजली की मांग पर चर्चा की।
केरल की सरकार हालात पर पैनी नज़र बनाए हुए है। आम लोगों से अपील की गई है कि वे सोच समझकर बिजली खर्च करें नहीं तो भविष्य में संकट आ सकता है।
देश में इस वर्ष कोयला का हालांकि रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है, लेकिन अत्यधिक वर्षा ने कोयला खदानों से बिजली उत्पादन इकाइयों तक ईंधन की आवाजाही को ख़ासा प्रभावित किया है।
इस वर्ष सितंबर 2021 तक घरेलू कोयला आधारित बिजली उत्पादन में लगभग 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं आयात आधारित बिजली संयंत्रों द्वारा पीपीए के तहत बिजली की आपूर्ति लगभग 30 प्रतिशत कम हो गई है।
सत्येंद्र जैन ने कहा कि किसी भी पॉवर प्लांट में कोयले का स्टॉक कम से कम 15 दिन से कम का नहीं होना चाहिए। वैसे तो 20 से 30 दिन का स्टॉक होना चाहिए। ज्यादात्तर प्लांट्स में 2 से 3 दिन का स्टॉक बचा है।
कोयले की कमी की वजह से एमएसईडीसीएल को बिजली की आपूर्ति करने वाले 13 थर्मल पावर प्लांट में उत्पादन ठप हो गया है, इसकी वजह से 3300 मेगावाट से ज्यादा बिजली की आपूर्ति पर असर पड़ा है।
पंजाब में बिजली आपूर्ति की स्थिति गंभीर बनी हुई है और राज्य के स्वामित्व वाली पीएसपीसीएल ने रविवार को कहा कि राज्य में 13 अक्टूबर तक रोजाना तीन घंटे तक बिजली कटौती की जाएगी।
आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार, आठ अक्टूबर को बिजली की खपत 390 करोड़ यूनिट थी, जो इस महीने अब तक (1-9 अक्टूबर) सबसे ज्यादा थी। बिजली की मांग में तेजी देश में चल रहे कोयला संकट के बीच चिंता का विषय बन गई थी।
टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने अपने उपभोक्ताओं को मैसेज भेजकर कोयला संकट की वजह से लोगों को समझदारी के साथ बिजली खर्च करने का सुझाव दिया था।
राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक,मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड और तमिलनाडु की बिजली वितरण कंपनियों का बिजली उत्पादक कंपनियों के बकाये में सबसे अधिक हिस्सा है।
ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि देश में बिजली का संकट नहीं है और और फिलहाल कोयले का भरपूर स्टॉक मौजूद है।
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