सरकार इस समय घटती कमाई के साथ कई आर्थिक चुनौतियों से गुजर रही है। इस बीच केंद्र के लिए बिजली वितरण कंपनियों की ओर से काफी अच्छी खबर आई है। कंपनियों का बकाया घट गया है।
Electric Crisis in India: यूपीए-2 सरकार के दौरान देश के कई राज्य एक साथ अंधेरे में डूब गए थे। इसकी वजह पावर ग्रिडों का फेल हो जाना था। अब एक बार फिर से बिहार, महाराष्ट्र, और मध्यप्रदेश समेत 13 राज्यों के लंबे समय तक के लिए अंधेरे में डूब जाने का खतरा मंडराने लगा है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "दिल्ली में विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) से मिली जानकारी के मुताबिक, बिजली की कमी के कारण बिजली की कोई कटौती नहीं हुई
विद्युत मंत्रालय ने राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति के लिए आवंटित नहीं की गई बिजली का उपयोग करें
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में कोयला संकट की खबरों के बीच सोमवार को बिजली मंत्री आर के सिंह और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ बैठक की। माना जा रहा है कि घंटे भर चली बैठक के दौरान तीनों मंत्रियों ने बिजली संयंत्रों को कोयले की उपलब्धता और इस समय बिजली की मांग पर चर्चा की।
कंपनियों के कामकाज की समीक्षा बैठक में दोनों संगठनों को बाजार की बदलती हुई जरूरतों के अनुसार बदलने और नवीकरणीय ऊर्जा में बढ़ोतरी करने को भी कहा गया
बयान में कहा गया है कि यह कदम आम जनता के लिए एक उदाहरण बनेगा और उन्हें ई-मोबिलिटी को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा।
इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम चरणबद्ध तरीके से कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर सभी बिजली उपभोक्ताओं के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटर स्थापित करना है।
एआईपीईएफ ने मांग की है कि बिजली क्षेत्र में काम करने वाले इंजीनिरों और कर्मचारियो को महामारी के दौरान अग्रिम पंक्ति का कामगार माना जाना चाहिए।
ईसी कानून के अंतर्गत आने वाली वितरण कंपनियों की संख्या 44 से बढ़कर 102 हो गयी है। इस निर्णय से सभी वितरण कंपनियों के लिये ऊर्जा एकाउंटिंग और ऑडिट अनिवार्य होगा। उन्हें नुकसान कम करने तथा लाभ बढ़ाने की दिशा में कदम उठाने होंगे।
मंत्रलाय के अनुसार रूम एयर कंडीशनरों के लिए स्टार लेबलिंग कार्यक्रम ने अकेले वित्त वर्ष 2017-18 में अनुमानित 4.6 अरब यूनिट ऊर्जा बचत की है
वितरण कंपनियों पर बिजली उत्पादकों का बकाया इस साल जून महीने के अंत में एक साल पहले की तुलना में 30 प्रतिशत से भी अधिक बढ़कर 46,412 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। बिजली मंत्रालय की प्राप्ति पोर्टल के अनुसार यह बकाया जून 2018 के अंत में 34,465 करोड़ रुपये था।
मंत्री ने कहा कि आमतौर पर कमरे का तापमान 20-21 डिग्री तय किया जाता है, जबकि आरामदायक स्थिति के हिसाब से आर्द्रता, हवा प्रवाह आदि को ध्यान में रखते हुए तापमान 24-25 के बीच नियत किया जाना चाहिए।
बिजली मंत्रालय आने वाले समय में एयर कंडीशनर के लिए तापमान का सामान्य स्तर 24 डिग्री नियत कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो देश भर में सालाना 20 अरब यूनिट सालाना बिजली की बचत होगी साथ ही लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
बिजली मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बैटरी चार्ज करने को सेवा के रूप में वर्गीकृत किया है। मंत्रालय के इस कदम से इन बैटरी चार्जिंग स्टेशनों के परिचालन के लिए अब किसी तरह के लाइसेंस को लेने की कोई जरूरत नहीं होगी।
बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) द्वारा 'अकारण' लोड शेडिंग का हवाला देकर बिजली कटौती करने पर मार्च 2019 के बाद से जुर्माना लगेगा।
बिजली मंत्री आरके सिंह ने आज बताया कि अधिकांश राज्य सभी को 24X7 घंटे बिजली देने, 90 प्रतिशत प्री-पेड मीटर और पूरे देश में बिजली उपभोक्ताओं को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के जरिये सब्सिडी देने पर राजी हो गए हैं।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली शुल्क अधिक होने का एक बड़ा कारण चोरी और तकनीकी एवं वाणिज्यिक (एटी एंड सी) नुकसान है। इसमें कमी लाने के लिये कदम उठाये जा रहे हैं
बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उनका मंत्रालय ताप और पनबिजली क्षेत्र में अटकी परियोजनाओं को पटरी पर लाने का प्रयास कर रहा है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के अनुसार भारत पहली बार बिजली के शुद्ध आयातक से शुद्ध निर्यातक बना।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़