सूचकांक में बताया गया कि भारत में 2005-06 और 2015-16 के बीच 27.1 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकल आए। देश में गरीबी की दर लगभग आधी रह गई है और दस वर्षों के अंतराल में यह 55 फीसदी से कम होकर 28 फीसदी रह गई है।
वित्त वर्ष 2005-06 से 2015-16 के बीच के एक दशक में भारत में 27 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल गए हैं, जो एक आशाजनक संकेत है कि गरीबी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई जीती जा सकती है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यह दावा किया कि एनडीए के 4 साल के कार्यकाल के दौरान 5 करोड़ गरीब लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल आए हैं और स्वच्छ भारत अभियान के जरिये 3 लाख बच्चों के जीवन को सुरक्षित बनाया गया है।
गांधी ने अपने दिवंगत पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों के बारे में भी बोला। उन्होंने कहा, जब मैंने श्रीलंका में अपने पिता के हत्यारे को मृत पड़ा देखा तो मुझे अच्छा नहीं लगा। मैंने उसमें उसके रोते हुए बच्चों को देखा।
वा बनाने वाली कंपनी ल्यूपिन की कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) शाखा ल्यूपिन फाउंडेशन तीन जिलों को 2022 तक गरीबी मुक्त बनाने के लिए गोद लेगी।
दवा कंपनी ल्यूपिन की कॉरपॉरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) शाखा ल्यूपिन फाउंडेशन तीन जिलों को 2022 तक गरीबी मुक्त बनाने के लिए गोद लेगी। इसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र का एक-एक जिला शामिल है।
गरीबी में लगातार कमी के चलते भारत अब दुनिया में सबसे बड़ी गरीब आबादी वाला देश नहीं रहा है। अमेरिका के शोध संस्थान ब्रूकिंग्स ने अपने एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला है। फर्म के ब्लाग में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार 2018 की शुरुआत में ही, अत्यधिक गरीबी में जीवन यापन कर रही सबसे बड़ी आबादी के लिहाज से नाइजीरिया, भारत से आगे निकल गया। यही नहीं, कांगो जल्द ही इस सूची में दूसरे नंबर पर आ सकता है।
चीन में राष्ट्रपति शी चिनफिंग के 2013 में सत्ता में आने के बाद से पिछले 5 वर्षों में 6 करोड़ 80 लाख लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला गया है...
महबूबा ने कहा, मैं खुश हूं कि कुछ दिन पहले मैंने प्रधानमंत्री मोदी का टीवी पर इंटरव्यू देखा जिसमें उन्होंने कहा था कि हमारे लिए कितना अच्छा होता कि पाकिस्तान और भारत ने मिलकर गरीबी से लड़ा होता...
देश की ग्राम पंचायतों में आर्थिक वृद्धि और गरीबी मापने के लिए अब सरकार नए पैमाइश का उपयोग करेगी। इसके तहत सरकार बैंक बैलेंस जांचेगी।
नीति आयोग ने कहा कि 2022 तक देश को गरीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद और सांप्रदायिकता जैसी 6 समस्याओं से निजात दिलाने के लिए जमीन तैयार कर ली जाएगी
एक शेर है-''है कहां तमन्ना का दूसरा क़दम या रब, हमने दश्त-ए-इम्कां को इक नक़्श-ए-पा पाया.'' ग़ालिब ने सही ही कहा है अगर हिम्मत हो तो संभावनाओं का जंगल (दश्त-ए-इम्कां) एक क़दम बढ़ाते ही पैरों के नीचे आ जाता है.
अमिताभ कांत ने कहा कि लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए देश को अगले तीन दशक तक सालाना 9-10 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करनी होगी।
Govt officials mocked poor, wrote acceptance of proverty outside their house in Rajasthan | 2017-06-22 14:25:30
अरुण जेटली ने कहा कि भारत में तेज गति से वृद्धि करने की क्षमता है। गरीबी कम करने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन में 70 प्रतिशत गरीबी को खत्म कर लिया गया है और उसकी प्रति व्यक्ति वार्षिक आय बढ़कर 8,000 डॉलर तक पहुंच गई।
अमीर हुए और अमीर। क्रेडिट सुइस रिसर्च इंस्टीट्यूट की ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2016 के मुताबिक सिर्फ 1 फीसदी भारतीयों के पास देश की 58.4 फीसदी संपत्ति है।
World Bank की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2013 में विश्व भर में गरीबी की रेखा से नीचे रहने वालों की सबसे अधिक संख्या भारत में थी।
अमिताभ कांत ने कहा कि भारत को 2032 तक 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने और गरीबी समाप्त करने के लिए 10 फीसदी की दर से आर्थिक ग्रोथ की जरूरत है।
भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा गरीब रहते हैं, बावजूद इसके लोगों के पास कुल निजी संपत्ति के मामले में यह दुनिया के टॉप 10 सूची में दसवें स्थान पर है।
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