Poverty in Bangladesh: गरीबी से जूझ रहे बांग्लादेश की सरकार ने लोगों को इससे बाहर निकालने का ऐसा नुख्सा तैयार किया है, जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। आप गहरी सोच में पड़ जाएंगे कि ऐसा भला कैसे हो सकता है। दरअसल बांग्लादेश की अधिकांश आबादी गरीबी की मार झेल रही है।
Russia-Ukraine War: संयुक्त राष्ट्र ने अपने एक रिपोर्ट में कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक स्तर पर गरीबी बहुत तेजी से बढ़ी है। युद्ध की वजह से करीब 7.1 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे आ गए है।
कुपोषण सबसे चिंताजनक है और सहायता संगठनों का कहना है कि आधी से अधिक आबादी खाद्यान्न संकट का सामना कर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 20 करोड़ लोग या विकासशील एशिया की 5.2 प्रतिशत आबादी, 2017 तक अत्यधिक गरीबी में रहती थी। महामारी नहीं आती तो ये आंकड़ा 2020 तक 2.6 प्रतिशत संभव था
द/नज फाउंडेशन का मिशन गरीबी उन्मूलन है और ‘सेंटर फॉर रूरल डेवलपमेंट’ ग्रामीण भारत में आजीविका में सुधार पर केंद्रित है।
पिछले साल लॉकडाउन के दौरान देश भर में अप्रैल-मई 2020 के दौरान लगभग 10 करोड़ लोगों की नौकरियां चली गईं।
पाकिस्तान के एक शहर में कुछ लोगों के लिए चीनी मेट्रो गरीबी लेकर आई है और उन्हें अपनी संपत्ति और जमीन से हाथ धोना पड़ा है।
पिछले दो-तीन वर्षों में स्थानीय प्रशासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से गांव में हर चीज में सुधार देखने में आया है।
वैश्विक स्तर पर विकास की जरूरत और गरीबी के समाधान के दृष्टिकोण से एडीबी को कर्ज की मात्रा और आकार बढ़ानेे की हैैजरूरत।
गुतारेस ने चेतावनी दी कि यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो साफ है कि भीषण वैश्विक खाद्यान्न आपात स्थिति का जोखिम बढ़ रहा है। इसका दीर्घावधि में करोड़ों बच्चों और युवाओं पर असर हो सकता है।
वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनिया भर में 6 करोड़ से अधिक लोग निपट गरीबी के दलदल में फंसेंगे।
संयुक्त राष्ट्र के निकाय विश्व खाद्य कार्यक्रम ने आगाह किया है कि दुनिया ''भुखमरी की महामारी'' के कगार पर खड़ी है और अगर वक्त रहते जरूरी कदम नहीं उठाए गए कुछ ही महीने में भुखमरी के शिकार लोगों की संख्या में भारी इजाफा हो सकता है।
गरीबी उन्मूलन की दिशा में काम करने वाली एक अग्रणी संस्था ऑक्सफैम ने बृहस्पतिवार को चेताया कि विकासशील देशों की मदद के लिए अगर धनी देश त्वरित कदम नहीं उठाऐंगे तो कोरोना वायरस के कारण करीब 50 करोड़ लोग गरीबी के भंवर में फंस जाएंगे।
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, कुछ सांसदों ने सीनेट सचिवालय में एक प्रस्ताव जमा कराया है जिसमें कहा गया है कि सीनेट के चेयरमैन व डिप्टी चेयरमैन तथा नेशनल एसेंबली के स्पीकर व डिप्टी स्पीकर की तनख्वाहों में चार सौ गुना की और सभी सांसदों के वेतन में सौ गुना की वृद्धि की जाए।
भारत में 1990 के बाद से गरीबी के मामले में स्थिति में काफी सुधार हुआ है और इस दौरान उसकी गरीबी दर आधी रह गई। भारत ने पिछले 15 साल में 7 प्रतिशत से अधिक की आर्थिक वृद्धि दर हासिल की है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण, 2018 के अनुसार पाकिस्तान में आधे से अधिक इतने गरीब परिवार हैं कि वे दिन में दो बार खाना तक नहीं खा सकते। इससे देश में कुपोषण देखने को मिल रहा है।
इमरान खान ने कहा कि एक स्वास्थ्य कार्यक्रम भी लॉन्च किया गया है जो 38 जिलों के 33 लाख लोगों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को रोजगार, भ्रष्टाचार, किसानों, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के मुद्दों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि यह सरकार स्वीकारने को तैयार नहीं है कि देश में बेरोजगारी रूपी संकट है।
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