World Population Day 2022: हर साल 11 जुलाई को यह दिन मनाया जाता है। वर्ल्डोमीटर के अनुसार इस साल हमारी दुनिया की आबादी करीब 8 अरब हो गई है। यह जनसंख्या पिछले साल साढ़े सात अरब से ज्यादा थी।
हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए 1989 में पहली बार विश्व जनसंख्या दिवस की शुरुआत हुई थी।
Population: पूनम मुत्रेजा के मुताबिक, ''किसी भी भारतीय राज्य में 'जनसंख्या नियंत्रण' कानून की कोई आवश्यकता नहीं है। राज्यों को अपनी आबादी को एक दायित्व के बजाय एक संपत्ति के रूप में देखने की ज़रूरत है।''
Urban Population: युनाइटेड नेशन की एक रिपोर्ट आई है, जिसमें वर्ष 2035 तक भारत की शहरी आबादी 67.5 करोड़ हो जाने का अनुमान जताया गया है। इस मामले में भारत देश चीन की एक अरब शहरी जनसंख्या के मुकाबले दूसरे स्थान पर होगा।
Population Control Bill: पटेल ने कहा कि जब ऐसे बड़े फैसले लिए जा रहे हैं, तो बाकी भी जल्द ही आएंगे। इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ कांग्रेस पर भी हमला बोला।
भारत में संतान उत्पत्ति की दर 2.2 से घटकर 2.0 हो गई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के पांचवें दौर की रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है।
दरअसल लोकसभा सांसदों अपराजिता सारंगी, अनुमुला रेवंत रेड्डी, सुनील कुमार मंडल और माला राय द्वारा गृह मंत्री से सवाल किया गया था कि क्या सरकार जनगणना 2021 के आंकड़े एकत्र करने शुरू कर दिया है
संसद में आज देश की बढ़ती हुई आबादी को रोकने के लिए चर्चा होनी थी। आज बीजेपी के राज्य सभा सांसद राकेश सिन्हा Population Regulation पर प्राइवेट मेंबर बिल पर चर्चा करना चाहते थे। ये बिल 2019 में ही इंट्रोड्यूस की जा चुकी है। लेकिन आज भी इस बिल पर चर्चा नहीं हो सकी। ये बार बार साफ किया गया है कि इस बिल का किसी धर्म या जाति से लेना देना नहीं है। अमूमन हर तबका भी यही मानता है कि जनसंख्या नियंत्रण होनी चाहिए। इस पर बहस होनी चाहिए और एक प्रभावी कानून बनना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। आप सांसद राकेश सिन्हा की बात सुनेंगे तो आपको पता चलेगा कि देश में बढ़ती जनसंख्या अब विस्फोट के कगार पर है। अगर ये नहीं रोका गया तो सिविल वॉर यानी गृह गृहयुद्ध हो जाएगा
संसद के मानसून सत्र के चौथे दिन आज लोकसभा में कई सांसद जनसंख्या नियंत्रण पर प्राइवेट मेंबर बिल लाने वाले हैं। इसमें फिल्म स्टार और गोरखपुर से भाजपा सांसद रवि किशन भी शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर ड्राफ्ट तैयार होते ही पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के मंत्री, विधायक और सांसद इसे अपने सूबे में भी लागू करने की बात करने लगे हैं।
नीतीश ने कहा, "जनसंख्या नियंत्रण के लिए अगर सिर्फ आप कानून बनाएं तो यह संभव नहीं होगा। आप चीन का उदाहरण देख लें। वहां बच्चों की संख्या को लेकर निर्णय लिया गया, अब देखिये वहां क्या हो रहा है।"
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि वो जनसंख्या कानून के पक्ष में नहीं हैं। उत्तर प्रदेश में जनसंख्या विधेयक 2021 का ड्राफ्ट तैयार करने पर नीतीश कुमार ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण का अगर सिर्फ कानून बनाकर उपाय किया जाए तो यह संभव नहीं है।
उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रस्तावित विधेयक को लेकर छिड़ी बहस के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि ''कानून बनाने से पहले सरकार को बताना चाहिए कि उसके मंत्रियों के कितने बच्चे हैं।''
सांसद शकफिकुर रहमान बरक ने कहा कि शादियों पर प्रतिबंध लगाना बेहतर होगा ताकि बच्चे का जन्म ही न हो सके।
प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के एक मसौदे के अनुसार, उत्तर प्रदेश में दो-बच्चों की नीति का उल्लंघन करने वाले को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने, पदोन्नति और किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने का अधिकार नहीं होगा।
उत्तर प्रदेश में 2 बच्चों की नीति का उल्लंघन करने वाले को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने, पदोन्नति और किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने से वंचित कर दिया जाएगा।
यूपी के लॉ कमीशन के चेयरमैन आदित्यनाथ मित्तल ने बताया कि राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण और कल्याण के लिए एक प्रस्ताव दिया है।
सत्तारूढ़ पार्टी ने सोमवार को प्रत्येक दंपति के लिए सिर्फ 2 बच्चों की आधिकारिक नीति में बदलाव किया जिससे अब वे 2 के बजाय 3 बच्चे रख सकते हैं।
चीन में 10 साल में एक बार होने वाली जनगणना में अविवाहित पुरुषों की संख्या को लेकर बड़ी बात सामने आई है।
2019 में 1.366 अरब की आबादी वाले भारत के 2027 तक दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश के तौर पर चीन से आगे निकल जाने का अनुमान है।
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