12 मई को सीएम हिमंत बिश्व सरमा ने इस मामले में रिटायर्ड जस्टिस रूमी कुमारी फुकन की अध्यक्षता में चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की थी।
इस कमेटी का काम होगा यह पता लगान कि क्या राज्य में बहुविवाह कानून पर रोक लगाने का अधिकार विधानसभा का है या नहीं। यह कमेटी संविधान के अनुच्छेद 25, राज्य के नीति निदेशक तत्व और मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) का अध्ययन करेगी।
भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन के एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि 84% भारतीय मुस्लिम महिलाएं बहुविवाह को गैरकानूनी घोषित करना चाहती हैं।
याचिका में मुस्लिम समाज में बहुपत्नी और निकाह हलाला जैसी प्रथा को गैरकानूनी और असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया गया है।
समीना बेगम ने मंगलवार को याचिका पर सुनवाई का आग्रह किया था और कहा था कि उसे याचिका वापस लेने के लिए धमकियों का सामना करना पड़ रहा है।
समीर टूर पर जाने का बहाना करके अक्सर 15-15 दिनों के लिए घर से बाहर रहता था।
तीन नाबालिग बच्चों के साथ निकलने को मजबूर की गयी एक महिला ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और मुसलमानों में बहुविवाह तथा निकाह हलाला की प्रथा को असंवैधानिक करार देने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि मुस्लिम समुदाय में प्रचलित बहुविवाह और निकाह हलाला की प्रथा की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर संविधान पीठ विचार करेगी...
हाल ही में कनाडा में बहुविवाह का एक मामला सामने आया है। जिसके चलते यहां की अदालत ने सोमवार को अपने ऐतिहासिक फैसले में देश में बहुविवाह की प्रथा पर प्रतिबंध को सही ठहराते हुए दो व्यक्तियों को बहुविवाह का दोषी ठहराया।
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