जब प्रदूषण बढ़ता है तब स्मॉग की वजह से हवा में धुंध की एक परत बना देता है, जिसके कारण सांस लेना भी दूभर हो जाता है।
दिल्ली में रहने वाले लोग इस साल फिर प्रदूषण की समस्या से जुझ रहे है। ऐसे में इतने सालों में इस समस्या का समाधान अब तक क्यो नही हो पाया इसे लेकर दिल्ली और इस संबंध में जो भी जिम्मेदार है उनसे सवाल पूछे जाने चाहिए।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक हवा को जहरीली बनाने में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत तक बढ़ गई है। इससे प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है।
ब्रिटेन के ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र सीओपी-26 के राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रधानमंत्री मोदी 2070 तक शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य दिया था
इस वक्त लखनऊ की सड़कों पर सब तरफ धुंध छाई हुई है। प्रदूषण इतना है कि सांस लेना मुश्किल है। डॉक्टरों का कहना है कि दिवाली पर जलाए गए पटाखों की वजह से हुए प्रदूषण के कारण मरीज़ों की तादाद बढ़ गई है।
दिल्ली में यमुना नदी में प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा है। यमुना के पानी में प्रदूषण की वजह से झाग की मोटी परत बनी हुई है और अमोनिया का स्तर पर बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है।
किसानों का बड़ा वोट बैंक है, जो किसी भी नेता को कोई ठोस कदम लेने से रोकता है। पराली जलाने वालों के खिलाफ दिखाने के लिए मामले तो दर्ज किए जाते हैं लेकिन सियासत में होने वाले नुकसान को न होने देने के लिए पर्यावरण को नुकसान होने दिया जाता है।
स्वामी रामदेव से जानिए फेफड़ों को मजबूत करने के लिए योग और आयुर्वेदिक उपचार
भारत ने 2030 तक अपनी ऊर्जा जरूरतों का 50 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त करने, कार्बन उत्सर्जन में एक अरब टन की कटौती करने, कार्बन गहनता में 45 प्रतिशत तक कटौती करने का भी लक्ष्य रखा है।
अगर आप अस्थमा पेशेंट हैं तो दीवाली में खुद को प्रदूषण से बचाने के लिए कुछ आसान टिप्स आपके काम आ सकते हैं।
अनुमान के अनुसार कार्बन उत्सर्जन घटाने के प्रयासों से भारत को वर्ष 2015 से 2030 के बीच 106 गीगावॉट से अधिक ऊर्जा बचाने में मदद मिलेगी और 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में 1.1 अरब टन की कटौती होगी।
अगर आप चाहते हैं कि जहरीली हवा आपके फेफड़ों को प्रभावित न करे तो इन्हें पहले से मजूबत बनाना जरूरी है। स्वामी रामदेव से जानिए लंग्स कैपेसिटी को बढ़ाने के कारगर उपाय।
दिल्ली की हवा में मौजूद केमिकल टॉक्सिन और पराली से निकलने वाले जहरीले धुएं के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। जानिए आप कैसे रखें खुद को फिट।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी की सरकार ने ‘ग्रीन दिल्ली’ ऐप पर मिली शिकायतों के आधार पर ऐसे 150 स्थानों की पहचान की है, जहां प्रदूषण सबसे अधिक फैलता है।
देश भर में एक समान पीयूसी प्रारूप की शुरुआत की जाएगी। नए पीयूसी में वाहन मालिक का मोबाइल नंबर, नाम और पता, इंजन और चैसिस नंबर दर्ज होगा।
पीठ ने कहा, ‘‘श्मशानों को प्रभावी ढंग से काम करना चाहिए, विशेष तौर पर अब। वास्तव में, सभी निकाय प्राधिकारियों को इसके लिए अब आधुनिक तकनीकों पर गौर करना चाहिए कि प्रदूषण को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है।’’
विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (सीएसई) की एक नयी रिपोर्ट में कहा गया है कि लंबे समय से देखी जा रही प्रवृत्ति से पता चलता है कि दिल्ली में प्रदूषण पर अंकुश लगा है और पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2. 5 का वार्षिक स्तर हर साल गिर रहा है।
ग्रेटर नोएडा बृहस्पतिवार को देश के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक रहा। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 404 दर्ज किया गया।
स्विस संगठन आईक्यू एयर द्वारा तैयार और मंगलवार को जारी वल्र्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2020 में बताया गया है कि दुनिया के 50 सबसे प्रदूषित शहरों में बांग्लादेश, चीन, भारत और पाकिस्तान से 49 शहर आते हैं।
दुनिया के सबसे प्रदूषित 30 शहरों में से 22 भारत में हैं। इतना ही नहीं दिल्ली दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित राजधानी शहरों की सूची में शीर्ष पर है।
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