दिल्ली की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को गंभीर श्रेणी में बनी रही जबकि प्रदूषण के स्तर में धीमा लेकिन महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिला है।
दिल्ली में आज से 11 नवंबर तक भारी और मध्यम सामान वाहनों के प्रवेश पर बैन लगा दिया गया है। यह बैन आज रात 11 बजे से लागू हो जाएगा जो रविवार रात 11 बजे तक जारी रहेगा।
दिल्ली में बृहस्पतिवार सुबह इस साल की सबसे घटिया वायु गुणवत्ता रही। वायु गुणवत्ता सूचकांक 574 रहा जो अत्यंत गंभीर आपात श्रेणी के अंतर्गत आता है।
दिवाली से पहले दिल्ली की हवा जहरीली हो चुकी है। दिवाली के पहले सोमवार को दिल्ली गैस चैंबर बन गई है। दिल्ली में हवा कीहालत इतनी खराब है कि प्रदूषण का स्तर नीचे गिरकर ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है।
शहरीकरण बढ़ने के कारण महानगरों में पॉल्यूशन स्तर बढ़ा है और इसकी वजह से स्ट्रोक के मामले भी बढ़ रहे हैं। इस समस्या के समाधान में वैस्कुलर न्यूरोलोजी की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह कहना है जाने-माने न्यूरोलोजिस्ट डॉ. पी.एन. रंजन का।
पिछले कई दिनों से दिल्ली वालों को तनाव दे रही हवा की गुणवत्ता में रविवार को हल्का-सा सुधार देखने को मिला है।
दिल्ली सरकार ने गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि परिवहन विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी में पंजीकृत 1.10 करोड़ वाहनों में से 40 लाख 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल और 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों का पंजीकरण खत्म कर दिया है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश की सरकारों को अपने राज्यों में किसानों को पराली जलाने से रोकने में सहायता के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।
EPCA के चेयरमैन भूरे लाल ने कहा कि उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में प्रदूषण की समस्या और नहीं बिगड़े लेकिन अगर बिगड़ती है तो निजी गाड़ियों के इस्तेमाल पर रोक लगानी होगी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण के लिए सोमवार को केंद्र और हरियाणा एवं पंजाब की सरकारों को जिम्मेदार ठहराया
दिल्ली में शनिवार को कुल प्रदूषण का 32 प्रतिशत प्रदूषण पराली जलाए जाने की वजह से हुआ।
अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (एएआर) ने अपने एक आदेश में कहा है कि वाहन मालिकों को अपने वाहनों के लिए प्रदूषण प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए 18 प्रतिशत की दर से माल एवं सेवा कर (GST) देना होगा।
भलस्वा में कूडे के पहाड़ पर लगी आग तेजी से फैल रही है जिससे शहर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर चिंता बढ़ गई है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को ‘‘खराब’’ और “बेहद खराब” श्रेणी के बीच रही। अधिकारियों ने चेताया है कि आने वाले दिनों में यह और ज्यादा खराब हो सकती है।
राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता लगातार दूसरे दिन भी गुरूवार को ‘‘बहुत खराब’’ रही।
उत्तरी राज्यों से आ रहे धुंए और मौसम की करवट ने दिल्ली के हालात नाजुक बना दिए हैं। इस साल दिवाली से पहले ही दिल्ली की हवा दमघोटू बन चुकी है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कहा है कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सोमवार से आपात कार्य योजना लागू की जाएगी।
बीते तीन दिनों से दिल्ली और आसपास के इलाकों का पॉल्यूशन लेवल खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है।
अध्ययन के मुताबिक घरों में प्रदूषण का स्तर बाहरी प्रदूषण की तुलना में 10 से 30 गुना अधिक हो सकता है। घरों के अंदर वायु प्रदूषण के नतीजे स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं, खासकर अस्थमा पीड़ित युवाओं और बुजुर्गों के लिए। शोधकर्ताओं ने यह भी देखा कि प्रत्येक घर में वायु प्रदूषण की परिस्थितियां अलग-अलग होती हैं।
दिन के दौरान घरों के अंदर वायु प्रदूषण बाहर से भी बदतर हो सकता है। यह वैक्यूमिंग, खाना पकाने, धूल झाड़ने या कपड़ों का ड्रायर चलाने जैसे कामों के कारण हो सकता है।
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