जहरीली होती हवा से लड़ने के लिए अधिकारियों की तरफ से उठाए जा रहे कदमों के बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण का स्तर राष्ट्रीय राजधानी में नीचे आया है और इसलिए सम-विषम योजना को आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है।
प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सरकारी एजेंसियां का रवैया कितना सुस्त है, इसका नजारा आज संसदीय समिति की बैठक में देखने को मिला।
दिल्ली में 4 नवंबर से 15 नवंबर तक लागू ऑड ईवन की अवधि और आगे बढ़ाने पर विचार हो रहा है।
नेत्ररोग विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक पहुंच जाने से लोग एलर्जी, आंखों में जलन और खुजली सहित कई तरह की समस्याएं लेकर उनके पास पहुंच रहे हैं।
हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों के सभी स्कूलों में चार और पांच नवंबर को छुट्टी का आदेश दिया। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने रविवार को यह जानकारी दी।
जहरीली हवा से सेहत को बचाना है तो टमाटर औऱ ग्रीन टी का सेवन कीजिए। और भी चीजें हैं जो वायु प्रदूषण से आपके शरीर को बचाएंगी।
दिल्ली-एनसीआर में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी/सेंट्रल पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) ने टास्क फोर्स की एक आपात बैठक बुलाई, जिसमें सीपीसीबी ने कई अहम फैसले लिए।
दिल्ली के मुख्यंत्री अरविंद केजरीवाल ने राज्य में प्रदूषण के हानिकारक स्तर पर होने के पीछे सरकार का बचाव करते हुए पराली का जलना और अन्य वजहों को बताया है।
इसमें कोई शक नहीं है कि पटाखों के बिना दिवाली का उत्साह अधूरा है लेकिन मुश्किल ये है कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में अगर आपने पटाखे चलाए तो जुर्माना और जेल दोनों हो सकती है। यानी इस बार आपको दिवाली बिना पटाखों के साथ मनानी पड़ सकती है।
दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु गणवत्ता ‘बहुत खराब’ होने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में जनरेटरों के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
पिछले सप्ताह मानसून की वापसी के बाद हवा की गति मंद पड़ने के कारण दिल्ली, हरियाणा और एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण बढ़ गया है। 18 अक्टूबर को पश्चिमी विक्षोभ के कारण पश्चिमी हवाओं की गति में इजाफा होने का अनुमान है
देश की राजधानी दिल्ली में रविवार सुबह धुंध छाई रही और वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' की श्रेणी में दर्ज की गई। यहां का न्यूनतम तापमान 8.5 डिग्री सेल्सियस रहा जो इस मौसम के औसत से एक डिग्री अधिक है।
दिल्ली में बारिश के बाद रविवार को प्रदूषण का स्तर अपने निम्नतम स्तर पर रहा। हालांकि, वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बनी रही। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक शहर में कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 338 दर्ज की गई।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता प्रतिकूल मौसमी स्थितियों के कारण रविवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में चली गई। वहीं अधिकारियों ने आगाह किया कि नववर्ष की पूर्व संध्या पर पटाखे फोड़ने या गाड़ियों से होना वाला उत्सर्जन बढ़ने से राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के स्तर में इजाफा होगा।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता शनिवार को भी गंभीर रहने पर प्रशासन ने निर्माण गतिविधियों, कोयला और बायोमास पर आधारित उद्योगों और ट्रकों के प्रवेश पर पाबंदी 12 नवंबर तक बढ़ा दी है
दिल्ली की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को गंभीर श्रेणी में बनी रही जबकि प्रदूषण के स्तर में धीमा लेकिन महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिला है।
दिवाली से पहले दिल्ली की हवा जहरीली हो चुकी है। दिवाली के पहले सोमवार को दिल्ली गैस चैंबर बन गई है। दिल्ली में हवा कीहालत इतनी खराब है कि प्रदूषण का स्तर नीचे गिरकर ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है।
दिल्लीवालों ने रविवार को चैन की सांस ली जब हवा की रफ्तार बढ़ने से और सरकार द्वारा लागू नियंत्रण उपायों के कारण वायु गुणवत्ता में काफी सुधार आया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण के लिए सोमवार को केंद्र और हरियाणा एवं पंजाब की सरकारों को जिम्मेदार ठहराया
हवा की गुणवत्ता का सूचकांक 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘अत्यंत गंभीर’ स्तर पर माना जाता है
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