चुनाव आयोग ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को जानकारी दी कि उसने केन्द्र को पत्र लिखकर कहा है कि राजनीतिक चंदे से जुड़े कई कानूनों में बदलाव के पारदर्शिता पर ‘‘गंभीर परिणाम’’ होंगे।
राजनीतिक दलों को चंदा देने में इस्तेमाल होने वाले चुनावी बांड की छठी किस्त की बिक्री एक से 10 नवंबर के बीच होगी।
राजनीतिक दलों को नकद चंदे का एक व्यवस्थित रास्ता तय करने के लिए शुरू किए गए चुनावी बांड की बिक्री का चौथा दौर 2 जुलाई से 11 जुलाई तक चलेगा।
दूसरे चरण के चुनावी बांड की बिक्री 2 अप्रैल से शुरू होकर 10 अप्रैल तक चलेगी। इस बांड की बिक्री भारतीय स्टेट बैंक की 11 अधिकृत शाखाओं के जरिये होगी।
बांड के मुद्रण में उतनी की गोपनीयता बरती जाएगी जितनी की मुद्रा छपाई के मामले में अपनाई जाती है। वित्त मंत्रालय के सूत्र ने कहा कि बांड की वैधता (मियाद) केवल 15 दिन होगी।
चुनावी चंदे में पारदर्शिता लाने और काले धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज नए इलेक्टोरल बांड (चुनावी बांड) की रूपरेखा जारी की।
जेटली ने कहा कि पिछले 70 वर्षो में भारतीय लोकतंत्र में राजनीतिक फंडिंग 'अदृश्य धन' से होती रही है। वित्तमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के साथ ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली लागू किए जाने से यह लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, "प्रत्यक
जेटली ने कहा कि हमारी राजनीति में भ्रष्टाचार है तो यह राजनीतिक चंदे की व्यवस्था की वजह से है। चुनावी चंदे की कोई पारदर्शी व्यवस्था नहीं है।
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