द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक इसी सप्ताह होनी है। रिजर्व बैंक ने आखिरी बार मई, 2020 में रेपो दर को 0.40 प्रतिशत घटाकर चार प्रतिशत किया था।
केंद्र ने यूएएस नियमों को उदारीकृत ड्रोन नियम, 2021 से बदल दिया है, जिसमें नियमों को पहले के मुकाबले काफी सरल बना दिया गया है।
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कंपनी के प्रतिभागी पॉलिसीहोल्डर्स द्वारा अर्जित लाभ में से इस बोनस का भुगतान किया जाएगा।
पॉलिसीबाजार डॉट कॉम ने एक बयान में कहा कि कंपनी तेजी से बढ़ते एसएमई सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यापक योजनाएं शुरू कर रही है ताकि ग्राहकों को ऑफलाइन उपस्थिति से बेहतर सेवा मिल सके।
पात्र भागीदार पॉलिसीधारकों को उनके ‘पार्टिसिपेटिंग फंड’ में सृजित होने वाले अधिशेष में हिस्सा मिलेगा इसके साथ ही हर साल बोनस की घोषणा से उनकी लाभ राशि में वृद्धि होगी।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति का ऐलान कर दिया है, ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
आरबीआई ने अप्रैल में हुई पिछली एमपीसी बैठक में प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। इस समय रेपो दर चार प्रतिशत पर और रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर है।
आय बढ़ाने और शराब माफिया पर लगाम लगाने के लिये इन नीति का ऐलान किया है। दिल्ली सरकार का अनुमान है कि इससे 1500 से 2000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी।
योजना में आपको अपने निवेश पर गारंटीड रिटर्न मिलेगा। इससे ग्राहकों को बढ़ती हुई नियमित आय मिलती है, जो पांच साल के बाद दोगुनी और 11वें वर्ष के बाद तीन गुना हो जाती है
रिजर्व बैंक ने आज लॉकडाउन के कारण विदेशी बाजारों से लिये गये वाणिज्यिक कर्ज (ईसीबी) का उपयोग नहीं करने वाली कंपनियों को राहत दी है। केंद्रीय बैंक ने बुधवार को कहा कि बिना उपयोग वाली एक मार्च, 2020 से पहले ईसीबी के जरिये जुटायी गयी राशि देश के बैंकों में मियादी जमा के रूप में एक मार्च, 2022 तक रखी जा सकती है।
एमपीसी की बैठक के नतीजों की घोषणा सात अप्रैल को होगी। इस समय रेपो दर चार प्रतिशत तथा रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक के बाद केंद्रीय बैंक सात अप्रैल को 2021-22 के वित्त वर्ष के लिए पहली मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा। इससे पहले पांच फरवरी को पिछली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया था।
इस लाजिस्टिक्स नीति का मकसद पांच साल में देश में लाजिस्टिक की लागत को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 13 प्रतिशत से कम करके आठ प्रतिशत पर लाना है।
एलआईसी लोगों की हर तरह की जरूरतों को पूरा करने के लिए पॉलिसी ऑफर कर रही है। इसमें लोगों की अपनी जरूरतों, बच्चों का भविष्य से लेकर आश्रितों के लिए आर्थिक सुरक्षा शामिल है।
एक सर्वे के अनुसार महामारी के दौरान 51 प्रतिशत लोगों ने बीमा में निवेश किया। वहीं 48 प्रतिशत लोगों ने स्वास्थ्य से संबंधित बीमा समाधान में पैसा लगाया। यह अन्य वित्तीय संपत्ति वर्ग की तुलना में कही अधिक है।
पॉलिसी धारक ऑनलाइन और एसएमएस के जरिए अपनी पॉलिसी के स्टेटस के बारे में जान सकते हैं। इससे प्रीमियम में भुगतान में देरी जैसी भूल से बचा जा सकेगा। साथ ही पॉलिसी धारकों को अपनी पॉलिसी के सभी लाभ की जानकारी रहेगी।
केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों की घोषणा पांच फरवरी को की जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को लोकसभा में आम बजट पेश करेंगी।
वैश्विक मांग में भारत के निर्यात का हिस्सा 0.5 प्रतिशत से भी कम है। ऐसे में इस क्षेत्र में काफी अवसर हैं। इस क्षेत्र में अभी चीन और वियतनाम जैसे देशों का दबदबा है। भारत का खिलौना निर्यात करीब 10 करोड़ डॉलर पर सीमित है।
व्हाट्सऐप ने कहा कि उसकी सेवा जारी रखने के लिए यूजर्स को आठ फरवरी 2021 तक नई शर्तों और नीति को स्वीकार करना होगा। इसके बाद कंपनी के इस कदम पर सवाल उठने लगे हैं. कारोबारी संगठन और कई दिग्गज कारोबारियों ने प्लेटफॉर्म छोड़ने की भी बात कही है
पॉलिसीधारकों को विलंब शुल्क पर 20 प्रतिशत या 2,000 रुपये की छूट मिलेगी। वहीं सालाना प्रीमियम एक लाख से तीन लाख रुपये होने पर 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी। एलआईसी ने अपने ग्राहकों के लिए इसी तरह का अभियान 10 अगस्त से नौ अक्टूबर, 2020 तक भी चलाया था।
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