आरबीआई ने अप्रैल में हुई पिछली एमपीसी बैठक में प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। इस समय रेपो दर चार प्रतिशत पर और रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर है।
रिजर्व बैंक ने आज लॉकडाउन के कारण विदेशी बाजारों से लिये गये वाणिज्यिक कर्ज (ईसीबी) का उपयोग नहीं करने वाली कंपनियों को राहत दी है। केंद्रीय बैंक ने बुधवार को कहा कि बिना उपयोग वाली एक मार्च, 2020 से पहले ईसीबी के जरिये जुटायी गयी राशि देश के बैंकों में मियादी जमा के रूप में एक मार्च, 2022 तक रखी जा सकती है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक के बाद केंद्रीय बैंक सात अप्रैल को 2021-22 के वित्त वर्ष के लिए पहली मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा। इससे पहले पांच फरवरी को पिछली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया था।
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकान्त दास की अगुवाई वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की दो दिन की बैठक दो दिसंबर से शुरू होगी। बैठक के नतीजों की घोषणा चार दिसंबर को की जाएगी।
पॉलिसी समीक्षा में कर्ज के पुनर्गठन की छूट देने के निर्णय
बेहतर बुवाई के संकेतों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूत सुधार संभव
मुद्रास्फीति की दर जून में RBI की लक्ष्य सीमा छह प्रतिशत के स्तर के पार
सरकार विदेश व्यापार नीति की मध्यावधि समीक्षा आज शाम को जारी करेगी। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभू शाम 4 बजे इसे जारी करेंगे
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत समीक्षा से पहले वित्त मंत्रालय के चर्चा के आग्रह को खारिज कर दिया।
RBI को उदार मौद्रिक रुख अपनाने में मदद मिलेगी, लेकिन नीतिगत दरों में कटौती अगले हफ्ते होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा के बजाये अप्रैल में होने की उम्मीद है।
रिजर्व बैंक आर्थिक वृद्धि के नीचे जाने के जोखिम की आशंका के मद्देनजर अगले सप्ताह अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25% की कटौती कर सकता है।
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