ताजा आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी तक पी-नोट्स रूट से डाले गए कुल 1.5 लाख करोड़ रुपये में से 1.27 लाख करोड़ रुपये शेयरों में, 21,303 करोड़ रुपये ऋण प्रतिभूतियों में और 541 करोड़ रुपये हाइब्रिड प्रतिभूतियों में निवेश किए गए।
विशेषज्ञों का कहना है कि शेयर बाजार वर्तमान समय में मूल्य के हिसाब से आकर्षक हो गया है। सप्लाई चेन और महंगाई आने वाले महीनों में कम होगी।
इससे पहले जून के अंत तक निवेश स्तर 92,261 करोड़ रुपये, मई के अंत तक 89,743 करोड़ रुपये, अप्रैल के अंत तक 88,447 करोड़ रुपये और मार्च के अंत तक 89,100 करोड़ रुपये था।
पूंजी बाजार नियामक सेबी के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय बाजारों में पी-नोट निवेश का मूल्य – इक्विटी, डेट और हाइब्रिड सिक्योरिटी – जुलाई अंत में बढ़कर 1,01,798 करोड़ रुपये पहुंच गया।
एपीआई के तहत प्रबंधित संपत्ति का आंकड़ा 44.07 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो इतिहास में अबतक का सबसे ऊंचा स्तर है।
भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये निवेश जनवरी के अंत तक मामूली घटकर 84,976 करोड़ रुपये रह गया। इससे पिछले महीने यह 31 माह के उच्चस्तर पर पहुंचा था।
दिसंबर अंत तक निवेश की गई 87,132 करोड़ रुपये की राशि में से 78,870 करोड़ रुपये शेयरों में निवेश किये गये हैं जबकि 7,562 करोड़ रुपये बॉन्ड्स में और 700 करोड़ रुपये हाईब्रिड सिक्योरिटीज में निवेश किये गये हैं।
अगस्त, जुलाई, जून, मई और अप्रैल में पी-नोट्स के जरिये निवेश क्रमश: 74,027 करोड़, 63,228 करोड़, 62,138 करोड़, 60,027 करोड़ और 57,100 करोड़ रुपये का हुआ था।
पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये निवेश अक्टूबर में बढ़कर 78,686 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अगस्त, 2019 के बाद पी-नोट्स के जरिये निवेश का यह सबसे ऊंचा स्तर है। अगस्त 2019 में विदेशी निवेशको के जरिए पी-नोट्स से निवेश का आंकड़ा 79,088 करोड़ रुपये रहा था।
अगस्त में पी-नोट्स के जरिये निवेश का आंकड़ा 74,027 करोड़ रुपये के दस माह के उच्चस्तर पर पहुंचा था। जुलाई में पी-नोट्स के जरिये निवेश 63,228 करोड़ रुपये, जून में 62,138 करोड़ रुपये, मई में 60,027 करोड़ रुपये और अप्रैल में 57,100 करोड़ रुपये रहा था।
मार्च के अंत में पी-नोट्स निवेश 15 साल के निचले स्तर 48,006 करोड़ रुपए पर आ गया था। मार्च अंत का यह आंकड़ा अक्टूबर, 2004 के बाद से निवेश का सबसे निचला स्तर था
मार्च अंत में पी-नोट्स के जरिए निवेश 15 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया था
पी-नोट्स के जरिये अप्रैल तक शेयर बाजार में कुल 46,165 करोड़ रुपये का निवेश हुआ
जनवरी में पी-नोट के जरिये निवेश 67,281 करोड़ रुपये था
11 महीने बाद पी नोट्स के जरिए निवेश मे दिखी बढ़त
पी-नोट के जरिये पूंजी प्रवाह दिसंबर में फरवरी 2009 के बाद सबसे कम है। उस समय इसके माध्यम से निवेश 60,948 करोड़ रुपए था।
भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिए निवेश नवंबर अंत तक गिरकर 69,670 करोड़ रुपए पर आ गया।
भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी नोट्स) के जरिये अक्टूबर में निवेश मामूली बढ़कर 76,773 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
जुलाई 2017 में सेबी ने पी-नोट के लिए कठोर नियमों को अधिसूचित किया था।
घरेलू पूंजी बाजार में पी-नोट्स के जरिये होने वाला निवेश अगस्त अंत तक 79,088 करोड़ रुपए रह गया, जो जुलाई अंत तक 81,082 करोड़ रुपए रहा था।
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