प्लाज्मा थेरेपी के जरिए कोविड-19 के मरीजों के इलाज में मदद के लिए मध्यप्रदेश के पहले प्लाज्मा बैंक की इंदौर के एक निजी अस्पताल में मंगलवार को औपचारिक शुरुआत हुई।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी पर आईसीएमआर का अध्ययन अभी जारी है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से अनुमोदन मिलने के बाद हरियाणा अपने सभी मेडिकल कॉलेजों में प्लाज्मा थेरेपी शुरू करेगा। राज्य के स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज ने इसकी जानकारी दी है।
एक्ट्रेस जोआ मोरानी कोरोना वायरस से जंग जीत चुकी हैं। उन्होंने बाकी लोगों के इलाज के लिए दूसरी बार प्लाज्मा डोनेट किया है।
कोरोना वायरस को शिकस्त दे चुके 21 साल के एक युवक ने उत्तर प्रदेश में लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्लाज्मा बैंक के लिये अपना प्लाज्मा दान किया है।
किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्लाज्मा बैंक के लिये कोविड-19 से ठीक हुये दो और कोरोना योद्धाओं ने अपना प्लाज्मा दान किया है ।
मशहूर फिल्म निर्माता करीम मोरानी और उनकी दोनों बेटियों जोआ व शजा को कोरोना वायरस हो गया था, लेकिन तीनों ने ही इस घातक महामारी को मात दी।
इंदौर के एक निजी अस्पताल ने दावा किया है कि इस थेरेपी से गुजरी 26 वर्षीय महिला समेत चार मरीज महामारी के संक्रमण से मुक्त हो गये हैं।
किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में कोरोना वायरस से संक्रमित जिस मरीज का पहली बार प्लाज्मा थेरेपी से इलाज किया गया है, उनकी स्थिति में अब धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
केजरीवाल ने कहा कि एक मरीज जिसकी हालत गंभीर थी, उसे प्लाज्मा थेरेपी देने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
19 अप्रैल को मरीज की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उसे 20 अप्रैल को अस्पताल में लाया गया था।
महाराष्ट्र में प्लाज्मा थेरेपी से कोविड-19 रोगी के इलाज का पहला प्रयोग सफल हो गया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को यह जानकारी दी है।
कनिका कपूर कोरोना वायरस से पूरी तरह ठीक हो चुकी हैं। वह इसके मरीजों की मदद के लिए प्लाज्मा डोनेट करना चाहती थीं।
ICMR ने ट्वीट कर कहा है कि वर्तमान में #COVID19 के लिए कोई निश्चित उपचार नहीं हैं। Convalescent plasma कई उभरते हुए उपचारों में से एक है।
प्लाज्मा डोनेशन के बारे में इंडिया टीवी से बात करते हुए कनिका कपूर ने इसकी पुष्टि की है।
दिल्ली के अलग-अलग क्वारंटीन सेंटर में तबलीगी जमात के लोग ब्ल्ड डोनेट कर रहे हैं। उनके ब्ल्ड से प्लाज्मा निकालकर कोरोना मरीज़ों का इलाज किया जाएगा। तबलीगी जमात के इन लोगों ने कोरोना को मात दी है।
इंडिया टीवी पर डॉक्टर्स और प्लाज्मा डोनर ने बताया कि प्लाज्मा थैरेपी किस तरह काम करती है।
कोरोना वायरस से संक्रमण के कारण गंभीर रूप से बीमार मरीजों के उपचार के लिए किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में प्लाज्मा थेरेपी की प्रक्रिया शनिवार से आरंभ हो गई और केजीएमयू के रेजीडेंट डॉक्टर तौसीफ खान पहले ऐसे व्यक्ति होंगे जो अस्पताल में इस कार्य के लिए अपना प्लाज्मा दान करेंगे।
डा. सरीन ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी कोई नई थेरेपी नहीं है, ये 100 सालों पहले से मौजूद है। सबसे पहले इसका इस्तेमाल 1918 की महामारी में हुआ था।
दिल्ली में प्लाज्मा थेरेपी के जरिए कोरोना वायरस के 4 मरीजों पर ट्रायल किया गया है और उसके जो नतीजे आए हैं वे काफी उत्साहवर्धक हैं
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