पाकिस्तान में चीन ने अचानक अपने सैनिकों की तैनाती की इच्छा जाहिर करके भारत की चिंताएं भी बढ़ा दी हैं। सूत्रों के अनुसार चीन का कहना है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान में पीएलए सैनिकों की तैनाती करेगा। ऐसा होता है तो भारत की सैन्य जासूसी का खतरा भी बढ़ेगा।
भारतीय सेना के जवानों ने चीनी सैनिकों को रस्साकशी के खेल में मात दी है। मुकाबला भारतीय सैनिकों और चीन के सैनिकों के बीच सूडान में हुआ था।
गलवान घाटी हिंसा के 3 वर्ष बाद चीनी सैनिकों ने एक बार फिर उकसावे वाली कार्रवाई शुरू कर दी है। चीनी सैनिकों की इस बार भारतीय चरवाहों से भिड़ंत हो गई। मगर भारतीय चरवाहे उनसे दबे नहीं। चरवाहों की चीनी सैनिकों से जमकर कहासुनी हुई। इसके बाद अब विदेश मंत्रालय ने अपना बयान जारी किया है।
भारत और चीन के बीच एलएसी पर लगातार तनाव बना हुआ है। इस बीच चीन की सेना ने भारत के साथ संबधों को लेकर नई बात कही है। चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि वह भारत के साथ और उसकी फौज के साथ हमेशा अपने संबंधों को महत्व देते हैं। चीन ने कहा कि सीमा पर कई दौर की वार्ता के बाद तनाव कम हुए हैं।
चीन के खतरनाक इरादों को भांप कर अब अमेरिका भी युद्ध की तैयारी में जुट गया है। अमेरिका को लगता है कि चीन उसके खिलाफ हमले की तैयारी कर रहा है। इसलिए अब अमेरिका ने भी चीन के खिलाफ युद्ध की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए अमेरिका हजारों रोबोट लड़ाके तैयार करवा रहा है। इससे चीनी सेना का सर्वनाश हो जाएगा।
Arunachal Pradesh CM Pema Khandu on Tawang clash: अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित तवांग सेक्टर में 9 और 11 दिसंबर को हुई चीन के सैनिकों से हिंसक झड़प के बाद से पूरे देश में आक्रोश है। भारत से चीन को यह संदेश दिया जा रहा है कि "यह 1962 नहीं है,2022 का भारत है।
9 दिसंबर को करीब 300 चीनी सैनिक एक सुनियोजित साजिश के तहत 17,000 फुट ऊंचे पहाड़ की चोटी पर नियंत्रण हासिल करने के लिए LAC के पास पहुंचे थे, लेकिन भारतीय सैनिकों ने उनकी कोशिश को नाकाम कर दिया।
Violent Clash Between India and China in Tawang: वास्तविक नियंत्रण रेखा के तवांग क्षेत्र में 9 दिसंबर को हुई भारतीय और चीनी सैनिकों की हिंसक झड़प के चलते सेना प्रमुख का दौरा टल गया है। सेना के अनुसार इस बीच भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय तवांग दौरे पर जाने वाले थे।
भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश में LAC के पास 17 हजार फीट की ऊंचाई पर थांग ला में चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया है। इस झड़प में कम से कम 20 चीनी सैनिकों के घायल होने की खबर है। चीनी सैनिक LAC को पार करके हमारे इलाके में कुछ स्ट्रक्चर बनाने की फिराक में थे और उस योजना को विफल कर दिया गया।
अक्साई चिन जोकि चीन के कब्जे में है, वहां पीएलए पूरी तरह से तैनात है। यहां उनके रॉकेट, आर्मर, आर्टिलरी और मिसाइल सपोर्ट रेजीमेंट के साथ सेना के दो डिवीजन और बॉर्डर गार्ड डिवीजन मौजूद हैं।
Chinese President Xi Jinping: कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि तख्तापलट की योजना 1 अक्टूबर को चीन के राष्ट्रीय दिवस से पहले किए जाने की थी। इसके पीछे का कारण शी जिनपिंग के कार्यकाल की लगातार तीसरी बार होती शुरुआत को बताया जा रहा है।
China Coup Xi Jinping: चीन से जुडे़ लगभग हर मामले में दुनिया को आड़े हाथ लेने वाले उसके 'वॉल्फ वॉरियर्स' यानी अधिकारी भी चुप हैं। लेकिन अब एक अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आखिर कैसे चीन में तख्तापलट की अफवाह पूरी दुनिया में फैल गई।
China Military Bases: पिछले एक साल में, चीनी अधिकारियों ने यह कहने से परहेज किया है कि उनका देश संयुक्त अरब अमीरात और कंबोडिया में सैन्य ठिकाने बना रहा है। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल और वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में चीन की इस योजना का खुलासा किया था।
China Taiwan News: चीन की सरकारी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि PLA 4 से 7 अगस्त तक 6 अलग-अलग इलाकों में सैन्याभ्यास करेगी।
India-China Military News: भारत और चीन के बीच हुई 16वें दौर की सैन्य वार्ता के दौरान पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद से जुड़े मुद्दों को हल करने को लेकर सहमति नहीं बन सकी थी।
China Building Military Facility in Cambodia: दक्षिण चीन सागर के ठीक पश्चिमी में विशाल नौसैनिक युद्धपोतों को तैनात करने की क्षमता इस इलाके में चीन के प्रभाव बढ़ाने की महत्वाकांक्षा का एक अहम हिस्सा माना जा रहा है।
सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे ने कहा कि चीन के नये भूमि सीमा कानून के किसी भी सैन्य प्रभाव से निपटने के लिए भारतीय सेना मजबूती से तैयार है।
चीन और पाकिस्तान की ओर से अपनी सीमाओं पर संभावित खतरों को विफल करने के लिए भारत लगातार प्रयास कर रहा है।
लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच बना गतिरोध और कम हो गया है, 31 जुलाई को कमांडर स्तर की वार्ता के बाद 4-5 अगस्त को गोगरा पोस्ट से भारत और चीन की सेनाएं पीछे हट गई हैं।
चीन में सशस्त्र बलों की शक्तियों का विस्तार करने वाले नए संशोधित कानून के इस साल से प्रभाव में आने के बीच राष्ट्रपति शी चिनपिंग ने सेना से अपने युद्ध कौशल को और तराशने एवं बिल्कुल चौकस रहने के लिए प्रशिक्षण को मजबूत करने को कहा है।
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