Starlink के अधिकारियों के डेलिगेशन ने केंद्रीय कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मंत्री पीयूष गोयल के मुलाकात की है। इस पहले आधिकारिक मीटिंग के बाद भारत में स्टारलिंक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस का इंतजार जल्द खत्म हो सकता है।
गोयल ने भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों पर लगाए गए एफडीआई प्रतिबंधों में ढील देने की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि चीन से अधिक एफडीआई नहीं आ रहा है और सरकार इसे बढ़ावा भी नहीं दे रही है।
पीयूष गोयल ने कहा कि हम बहुत सारे विषयों, बहुत सारे उत्पादों को कवर कर रहे हैं और मैं देश भर के कारोबारियों को आश्वस्त कर सकता हूं कि हम अपनी चर्चाओं में भारत के सर्वोत्तम हितों को सबसे आगे रख रहे हैं।
पड़ोसी देश चीन की ग्रोथ स्टोरी को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चीन के विकास की नींव अनुचित व्यापार प्रथाओं से बनी हुई है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार का ध्यान फेयर प्ले को वापस लाने, वस्तुओं और सेवाओं की प्राइसिंग को एक उचित मूल्य पर लाने पर है।
पीयूष गोयल ने कहा कि अमेरिकी व्यापार नीति में चल रहे बदलावों से घरेलू विकास पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि भारत निर्यात पर निर्भर अर्थव्यवस्था नहीं है।
गुप्ता ने कहा कि स्टार्टअप फर्मों को फूड डिलीवरी और ऑनलाइन गेमिंग जैसे उपभोक्ता-केंद्रित मॉडल से आगे बढ़ना चाहिए और एआई, रोबोटिक्स और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी टेक्नोलॉजी को प्राथमिकता देनी चाहिए।
मुझे लगता है पीयूष गोयल ने जो कहा, वो सच कहा। उन्होंने स्टार्टअप चलाने वालों को सिर्फ आईना दिखाया, नौजवानों को प्रोत्साहित करने के लिए कड़वी बात कही। उनकी बात को इसी भावना से लेना चाहिए।
पीयूष गोयल ने कहा कि इंस्टेंट ग्रॉसरी डिलीवरी, बेटिंग और फैंटेसी स्पोर्ट ऐप्स जैसे कई बिजनेस दिख रहे हैं। ये अपने आप को स्टार्टअप्स बोलते हैं। लेकिन ये स्टार्टअप नहीं हैं। ये बिजनेस हैं, एंटरप्रेन्योरशिप हैं, पैसा कमाने का बस एक तरीका है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों पर चिंताओं के बीच उम्मीद है कि भारत-अमेरिका दोनों पक्ष जल्द ही टैरिफ के मुद्दे पर किसी समझौते पर पहुंच जाएंगे। इसी मसले पर आज विदेश मंत्री एस जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की पीएम मोदी के साथ बैठक हुई है।
अमेरिका उन कुछ देशों में से एक है जिनके साथ भारत का व्यापार सरप्लस है। 2023-24 में, अमेरिका 119. 71 अरब अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहेगा।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ईएफटीए ब्लॉक सहित विकसित देशों के साथ नए व्यापार समझौतों के माध्यम से दुनियाभर में नई साझेदारियों का विस्तार और निर्माण कर रहा है।
पीयूष गोयल ने चुनाव मंच कॉन्क्लेव में कहा कि यह एक दूरदर्शी बजट होगा जिसका लक्ष्य अगले ढाई वर्षों में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना होगा। इसका उद्देश्य भारत की अर्थव्यवस्था को आज के 350 लाख करोड़ रुपये से दस गुना बढ़ाकर 3500 लाख करोड़ रुपये करना है।
CHUNAV MANCH: इंडिया टीवी के दिन भर चलने वाले कॉन्क्लेव चुनाव मंच में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी आप पर जमकर हमला बोला।
World's third largest economy : उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत साल 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा।
गोयल ने कहा कि शुरू में उद्योग की ओर से काफी प्रतिरोध किया गया था। हमने उनके साथ कई बैठकें कीं और अब अंतत: उद्योग को स्वयं ही उच्च गुणवत्ता मानकों पर ध्यान देने की महत्ता का एहसास हो गया है, खासकर तब जब वे उस गुणवत्ता का उत्पादन कर रहे हों।
अप्रैल में मस्क ने भारत की अपनी बहुचर्चित यात्रा से अंतिम समय में हाथ पीछे खींच लिए थे। उस समय अनुमान लगाया जा रहा था कि मस्क भारत में टेस्ला की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने और अरबों डॉलर के निवेश की घोषणा करेंगे।
भारतीय कंपनियों के विमानों के ऑर्डर का एक बड़ा हिस्सा फ्रांसीसी कंपनी एयरबस को गया है। भारत में 2014 में हवाई अड्डों की संख्या 75 थी जो अब बढ़कर 125 हो गयी है और 2029 तक 75 और हवाई अड्डे चालू हो जायेंगे।
इसके अलावा, वह भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी परिषद के अंतर्गत अर्थव्यवस्था तथा निवेश समिति की दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे, जिसमें कृषि, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला भी रतन टाटा के अंतिम दर्शन और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एनसीपीए लॉन पहुंचे। यहां से निकलने के बाद उन्होंने कहा कि यह देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है।
रतन टाटा को याद कर बड़ी हस्तियां भावुक हो रही हैं। देश विदेश से उनके लिए शोक संदेश उमड़ रहे हैं। हर शख्स जानता है कि रतन टाटा ने जितना कमाया उससे ज्यादा दान दे दिया। उन्होंने केवल टाटा इंडस्ट्री ही नहीं बल्कि देश को गढ़ने का काम किया।
संपादक की पसंद