पितृ विसर्जन के दिन कौन से उपाय करने से पिृदोष से मुक्ति मिलने के साथ हर काम में सफलता प्राप्त होगी, साथ ही वैवाहिक जीवन खुशी से बीतेगा।
आज अश्विनी कृष्ण पक्ष की उदया तिथि चतुर्थी और शनिवार का दिन है। चतुर्थी तिथि आज सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक रहेगी। उसके बाद पंचमी तिथि लग जायेगी। आज पंचमी तिथि वालों का श्राद्ध कर्म किया जायेगा।
कुछ विशेष जगह हैं, जहां श्राद्धकर्म या पिंडदान करने से व्यक्ति को विशेष सिद्धियां प्राप्त होती हैं। जानिए देश में मौजूद ऐसी ही कुछ जगहों के बारे में
यदि सुबह-सुबह कौवा घर में कांव-कांव की रट लगाए तो जरूर आपके घर कोई मेहमान आने वाला है। इसी तरह पितृ पक्ष को लेकर भी कई सारी मान्यताएं है जो कौवे के माध्यम से प्राप्त होती हैं
श्राद्ध में तर्पण का बहुत अधिक महत्व है। इससे पितर संतुष्ट व तृप्त होते हैं।
हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से आश्विन मास की अमावस्या यानी 16 दिनों तक श्राद्ध पर्व मनाया जाता है। जानिए श्राद्ध करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए किस तिथि को किनका श्राद्ध किया जाता है और उससे श्राद्ध कर्म करने वाले को क्या फल मिलते हैं।
पितृपक्ष में पूर्वजों को याद करके दान धर्म करने की परंपरा है। पितृपक्ष में किये गए कार्यों से पूर्वजों की आत्मा को तो शांति प्राप्त होती ही है, साथ ही कर्ता को भी पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है।
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