मान्यता है कि अगर किसी मनुष्य का विधिपूर्वक श्राद्ध और तर्पण ना किया जाए तो उसे इस लोक से मुक्ति नहीं मिलती और वह भूत के रूप में इस संसार में ही रह जाता है। जानिए इन दिनों में कौन से काम नहीं करना चाहिए। जिससे की पितरों के क्रोद का सामना न करना पड़े।
15 दिन बाद 20 सितंबर यानी बुधवार को सर्व पितृ अमावस्या पर श्राद्ध का समापन होगा। जानिए किस दिन किस व्यक्ति का करें श्राद्ध साथ ही जानिए क्या क्यों किया जाता है श्राद्ध।
पितृपक्ष की शुरुआत 6 सितंबर से होगी और सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के साथ 20 सितंबर को इसका समापन होगा। भाद्रपद की पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक श्राद्ध पक्ष रहता है। हालांकि पूर्णिमा का श्राद्ध 5 सितंबर को है..
सरकार ने लिपुलेख व्यापार चौकी से होने वाले भारत-चीन व्यापार की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दी है।
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