यूपी में गाजीपुर के रहने वाले रामसूरत बिंद अपने परिवार के साथ कार से शुक्रवार को यूपी से गया अपने पूर्वजों का पिंडदान करने जा रहे थे। इसी दौरान नेशनल हाईवे पर जनकोप गांव के पास उनकी कार की एक ट्रक से टक्कर हो गई। हादसे में एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई।
Pind Daan Vidhi: पितृ पक्ष में पितरों का पिंडदान करना बेहद ही जरूरी होता है। पिंडदान करने से घर परिवार पर पितरों की कृपा बनी रहती है। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए पितरों का पिंडदान किस विधि और मंत्र के साथ करना चाहिए।
बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त अपने माता-पिता के काफी करीब थे। उनका लगाव किसी से छिपा नहीं है। हाल में ही एक्टर गया पहुंचे। अब एक्टर बिहार के गया क्या करने गए थे, ये हर कोई जानना चाहता है। एक्टर के गया जाने के पीछे एक खास और अहम वजह थी।
Maharashtra News: पितृपक्ष के मौके पर आज मुंबई में बानगंगा टैंक के किनारे कई लोगों ने अपनी जिंदा पत्नियों का पिंडदान किया। ये सभी ऐसे पत्नी पीड़ित पति थे जिनका या तो तलाक हो चुका है या फिर मामला कोर्ट में लंबित है। इन दिनों पितृपक्ष और श्राद्ध का महीना चल रहा है, जहां लोग अपने मृत परिजनों का पिंडदान करते हैं।
Bihar News: इस साल नौ सितंबर से पितृपक्ष मेला शुरू हो रहा है। सरकार ने देश विदेश में ऐसे लोगों के लिए ई पिंडदान की भी व्यवस्था की है, जो यहां नहीं पहुंच सकते।
श्राद्ध में तर्पण का बहुत अधिक महत्व है । इससे पितर संतुष्ट व तृप्त होते हैं। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए पिंडदान और तर्पण करने की सही विधि।
किन्नरों ने आज अपने पूर्वजों का वाराणसी के पिशाचमोचन मंदिर में पिंड दान किया। महामंडलेश्वर अखाड़ा लक्ष्मी त्रिपाठी ने पिंड दान की इस विधि को कई किन्नरों की मौजूदगी में सम्पन्न किया।
पितृपक्ष में पितरों को मोक्ष दिलाने की कामना के साथ बिहार के गया आने वाले पिंडदानी इस पितृपक्ष में यहां नहीं पहुंच पाए। सरकार द्वारा कोरोना काल में धार्मिक आयोजनों पर रोक लगाए जाने के बाद जिला प्रशासन ने भी भी इस साल पितृपक्ष मेले पर रोक लगा दी है।
सनातन धर्म की परंपरा के मुताबिक, पूर्वजों (पितरों) को मोक्ष दिलाने के लिए प्रसिद्ध मोक्षस्थली गया में इन दिनों पिंडदान के बाद सुफल देने वाले गयापाल पंडा ही पिंडदान कर यहां की पुरानी परंपरा निभा रहे हैं।
आज के दौर में जहां कई लोग अपने परिजनों को भूल जाते हैं, वहीं बिहार के पूर्णिया के रहने वाले एक व्यक्ति ने अपने पालतू कुत्ते की मौत के बाद न केवल गया आकर उसकी आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया, बल्कि पटना में गंगा नदी में उसकी अस्थियां विसर्जित की।
बिहार के पूर्णिया के रहने वाले एक व्यक्ति ने अपने पालतू कुत्ते की मौत के बाद न केवल गया आकर उसकी आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया, बल्कि पटना में गंगा नदी में उसकी अस्थियां विसर्जित की।
नंदिता पूर्व प्रधानमंत्री के बड़े भाई प्रेम बिहारी वाजपेयी की पौत्री हैं। पारंपरिक रूप से पुरुषों द्वारा श्राद्ध कर्म करने की परंपरा को तोड़ते हुए बड़ी संख्या में महिलाओं ने पिंडदान किया...
हिंदू धर्म में पितरों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए गया में पिंडदान को एक अहम कर्मकांड माना जाता है। बिहार का गया इसके लिए सवरेतम स्थान माना गया है। इस वर्ष (छह से 20 सितंबर) के बीच गया में पितृपक्ष मेला लगने जा रहा है। इस मेले में आने वाले देश
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