कश्मीर के आईजी मुनीर खान ने बताया कि इस हमले के पीछे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है। उन्होंने ये भी बताया कि इस हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तानी आतंकी इस्माइल है। सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी मूल के लश्कर कमांडर इस्माइल ने अपन
अमरनाथ गुफा की खोज भी पहली बार 1850 में एक मुस्लिम चरवाहे बूटा मलिक ने की थी। इसीलिए दशनामी अखाड़े और पुरोहित सभा मट्टन के साथ मलिक के परिवार को भी इस गुफा का संरक्षक बनाया गया। यानी यह स्थल सिर्फ हिंदुओं के लिए नहीं बल्कि घाटी के मुस्लिमों के लिए भी
इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ऐसे कायरतापूर्ण हमलों और घृणा के नापाक मंसूबों के आगे झुकनेवाला नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्य के राज्यपाल एन एन वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात की और हरसंभव मदद का आासन दिया।
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में सोमवार को अमरनाथ यात्रियों की एक बस पुलिस दल को निशाना बनाकर किए गए आतंकवादी हमले की चपेट में आ गई, जिसमें 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। हमले में पुलिसकर्मियों सहित 14 लोग घायल हुए हैं।
अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों को लेकर लौट रही जिस बस पर हमला हुआ वह अमरनाथा यात्रा का हिस्सा नहीं थी। यह बस अमरनाथ श्राइन बोर्ड से भी रजिस्टर्ड नहीं थी।
वार्षिक अमरनाथ यात्रा रविवार को फिर से बहाल कर दी गई। इसके साथ ही 4,411 तीर्थयात्रियों के साथ दिन का पहला जत्था जम्मू से घाटी के लिए रवाना हो गया था।
अर्धसैनिक बलों के साथ 102 वाहनों में सवार यह काफिला सुबह 4.05 बजे भगवती नगर यात्री निवास से रवाना हो गया।
हर मोर्चे पर मात खा चुके आतंकियों को पाकिस्तान में बैठे आकाओं से नया फरमान मिला है। सेना और पुलिस से कांप रहे आतंकियों ने अब भोले भाले शिव भक्तों को मारने का प्लान बनाया है। सेना की लगातार कार्रवाई से कश्मीर में दुबके हुए आतंकियों को अमरनाथ यात्रा मे
जम्मू-कश्मीर की अमरनाथ गुफा में आने वाले श्रद्धालुओं को अब चिकित्सीय प्रमाणपत्र देना होगा। वहीं 13 से कम एवं 75 से अधिक आयु के लोगों को यहां आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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