Pfizer Moderna Vaccine: कोविड-19 वैक्सीन बनाने वाली कंपनी मॉडर्ना (Moderna) ने फाइजर (Pfizer) और जर्मन दवा कंपनी बायोएनटेक (BioNTech) पर केस किया है।
यह मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर मरीजों में मौत के जोखिम को कम करने में 89 प्रतिशत कारगर है।
यह पहला मौका है जब यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी ने बच्चों के टीकाकरण के लिए किसी कोविड टीके को मंजूरी दी है। एजेंसी ने कहा कि उसने पांच से 11 वर्ष की आयु के बच्चों के टीकाकरण के लिए कोविड-19 टीके ‘कॉमिरनेटी’ को मंजूरी दी है।
वैक्सीनेशन को मंजूरी देते हुए समिति ने कहा कि बच्चों में किसी खास तरह के खतरे की आशंका नहीं है।
फाइजर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉक्टर बिल ग्रुबर ने बताया कि इसके टीके की दूसरी खुराक के बाद पांच से 11 साल आयुवर्ग के बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने वाले एंटीबॉडी उतनी ही मजबूत अवस्था में थे जैसे कि वे किशारों और युवाओं में मिलते हैं।
केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड कैनेडे ने कहा कि वैक्सीनेशन के छह महीने बाद, इन नर्सिंग होम के 70 प्रतिशत निवासियों के रक्त में प्रयोगशाला प्रयोगों में कोरोना वायरस संक्रमण को बेअसर करने की क्षमता बहुत कम थी।
फाइजर और उसकी साझेदार बायोएनटेक द्वारा विकसित टीके को अमेरिका के खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) से पूरी तरह स्वीकृति मिल गयी है जिसके समक्ष इससे पहले किसी टीके की सुरक्षा पर निर्णय लेने के लिए इतने साक्ष्य नहीं थे।
फाइजर के मुताबिक टीके के वितरण को लेकर एक विशेष योजना बनायी है जिसके तहत भारत सहित मध्य और निम्न आय वाले देशों को इन टीकों की कम से कम दो अरब खुराक मिलेगी
अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देशों में दावा किया गया था कि फाइजर और मॉडर्ना की कोविड वैक्सीन से बच्चे पैदा करने की ताकत कम हो रही है जिसके बाद हाल में ही इस बात को लेकर एक अध्ययन किया गया।
अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ एंथनी फौसी के अनुसार, जिन लोगों को कोरोनावायरस के खिलाफ टीका लगाया गया है, उन्हें सुरक्षित रहने के लिए बूस्टर शॉट की आवश्यकता होगी।
दिल्ली के यमुना कोविड स्वास्थ्य सेवा केंद्र में 400 ऑक्सीजन की सुविधा वाले पलंग की व्यवस्था के लिए गैर सरकारी संगठन 'डॉक्टर्स फोर यू' के साथ साझेदारी की है।
ब्रिटेन में 12-15 साल के बच्चों के लिए Pfizer-BioNTech की कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है। इससे पहले कनाडा और अमेरिका के नियामकों ने इसी तरह का फैसला किया था।
ब्रिटेन के औषधि नियामक ने 12 से 15 साल के किशोरों के लिए फाइजर-बायोएनटेक के कोविड-19 रोधी टीके को शुक्रवार को मंजूरी देते हुए कहा कि यह टीका सुरक्षित और प्रभावी है तथा किसी जोखिम की तुलना में फायदे अधिक हैं।
ब्रिटेन के औषधि नियामक ने 12 से 15 साल के किशोरों के लिए फाइजर-बायोएनटेक के कोविड-19 रोधी टीके को शुक्रवार को मंजूरी देते हुए कहा कि यह टीका सुरक्षित और प्रभावी है तथा किसी जोखिम की तुलना में फायदे अधिक हैं।
अध्ययन के दौरान कोविड रोधी टीके फाइजर-बायोएनटेक की एक या दोनों खुराकें ले चुके 250 स्वस्थ लोगों के रक्त में, पहली खुराक लेने के तीन महीने बाद तक एंटीबॉडी का विश्लेषण किया गया।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ विनोद के पॉल ने गुरुवार को भारत के कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम पर मिथकों को साफ़ किया। उन्होंने कहा कि ये मिथक विकृत बयानों, अर्धसत्य और खुले झूठ के कारण पैदा हो रहे हैं। भारत वैक्सीन के जल्द से जल्द आयात के लिए फाइजर और मॉडेर्ना के साथ बातचीत कर रहा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बच्चों को टीका लगाने के लिए जल्द से जल्द फाइजर का कोविड-19 रोधी टीका खरीदने की बृहस्पतिवार को मांग की।
अमेरिका की दिग्गज दवा निर्माता फाइजर ने भारत में उसकी कोविड-19 वैक्सीन को जल्द मंजूरी देने की मांग करते हुए भारतीय अधिकारियों से कहा है कि उसका टीका भारत में फैले कोरोना वैरियंट के खिलाफ काफी असरदार है और यह 12 वर्ष से अधिक आयु के बच्चो को भी लगाया जा सकता है।
विदेशी फार्मा कंपनी फाइजर और मॉडर्ना ने दिल्ली सरकार को भी वैक्सीन देने से इनकार कर दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि दोनों कंपनियों ने हमें सीधे वैक्सीन बेचने से मना कर दिया है। आपको बता दें कि इससे पहले मॉडर्ना ने पंजाब सरकार को भी यही जवाब दिया था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी कंपनी फाइजर और मॉडर्ना ने दिल्ली सरकार को टीके बेचने से मना कर दिया है क्योंकि वे केंद्र से सीधे तौर पर बात करना चाहती हैं।
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