जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने खुलासा किया कि प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) भारत में गृह युद्ध शुरू करना चाहता था। इसके लिए उनसे सिंगापुर समेत विदेशों में 13 हजार से ज्यादा सक्रिय सदस्यों की संख्या बनाई है।
पीएफआई के राज्य सचिव की गिरफ्तारी की पुष्टि पूर्वी चंपारण के पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार मिश्र ने भी की है।
PFI के पुणे के दफ्तर को NIA ने कुर्क कर दिया है। यहां एक नोटिस भी लगाया गया है जिसमें साफ-साफ लिखा गया है कि यहां मुस्लिम युवाओं को देशविरोधी गतिविधियों की ट्रेनिंग दी जाती थी। देखिए पूरी खबर।
पहले युवाओं को भड़काऊ भाषणों के जरिए कट्टर बनाया जाता है उसके बाद उन्हें पीएफआई का सदस्य बनाया जाता था। जब मुस्लिम युवा पीएफआई का सदस्य बन जाता था तब उसे पीएफआई के दफ्तर में आने की इजाजत होती थी।
तीनों आरोपियों पर भोपाल के एटीएस / एसटीफ थाने में धारा 43/2022 धारा 121(ए), 153(बी), 120-बी भादवि एवं विधि विरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1967 की धारा 13(1) (बी), 18 के तहत किया गया था केस दर्ज किया है।
मौलाना सुहैब कासमी का कहना है कि पीएफआई कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में शिक्षित मुसलमानों को निशाना बना रहा है। यह स्कूलों और मदरसों में युवाओं को गुमराह करना चाहता है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने मोहम्मद यूसुफ द्वारा दायर याचिका पर NIA को नोटिस जारी किया। उसे UAPA कानून के तहत दर्ज मामले में 22 सितंबर को चेन्नई में उसके घर से गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को की जाएगी।
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने एक नए इस्लामिक संगठन इस्लामिक फेडरेशन ऑफ तमिलनाडु पर कार्रवाई तेज कर दी है, जिसे 1 अक्टूबर को कोयंबटूर में लॉन्च किया गया था।
PFI: पिछले हफ्ते अलग-अलग एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए गए प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कार्यकर्ताओं ने खुलासा किया है कि उन्हें पुलिस और मीडिया से खुद को बचाने के लिए कथित तौर पर ट्रेनिंग दी जा रही थी।
UP News: पुलिस के मुताबिक, आरोपी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल था और वह मुसलमानों को हिंदू समुदाय के खिलाफ भड़काने के साथ ही हिंदू समुदाय को आतंकी गतिविधियों से निशाना बना रहा था।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को अब देश में बैन कर दिया गया है। सरकार का आरोप था कि यह संगठन देश के युवाओं को बरगलाने का काम कर रही थी। पूरे देश में इस संगठन पर अब तक 1400 से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं।
Pakistan on PFI Ban: पीएफआई ने खुद पर बैन लगने के बाद ट्वीट किया था, जिसमें उसने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित राज्यों में बड़े स्तर पर गिरफ्तारियां हो रही हैं। इसके साथ ही पीएफआई ने इसे संगठन को निशाना बनाने वाली सरकार का तानाशाही रवैया करार दिया।
जमात-ए-इस्लामी हिंद ने बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध का विरोध करते हुए कहा कि एक पूरे संगठन के खिलाफ निराधार आधार पर कार्रवाई अनुचित और अलोकतांत्रिक है। उन्होंने अन्य कट्टरपंथी संगठनों के खिलाफ भी सवाल उठाए।
PFI Banned in India: अधिसूचना में कहा गया है कि संगठन देश के खिलाफ असंतोष उत्पन्न करने के इरादे से ‘राष्ट्र विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने और समाज के एक विशेष वर्ग को कट्टरपंथी बनाने’ की लगातार कोशिश कर रहा है।
BJP: भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा कि भ्रष्टाचार ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के कार्यालय तक भी अपनी जगह बना ली है। अध्यक्ष सोने की तस्करी घोटाले का जिक्र कर रहे थे,
ED on PFI: ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने पीएफआई से जुड़ी चौंकाने वाली जानकारी दी है। इसके अनुसार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने दो महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने की साजिश रची थी। 12 जुलाई को उनकी पटना रैली में विस्फोट की तैयारी की थी।
PFI Protest: केरल के कोच्चि में PFI ने NIA की छापेमारी के खिलाफ बंद का आह्वान किया। प्रदर्शनकारियों ने अलुवा के पास एक KSRTC बस के साथ तोड़फोड़ की।
MP News: आतंकवाद के कथित वित्त पोषण के खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की अगुवाई में छेड़े गए देशव्यापी अभियान के तहत मध्यप्रदेश से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के चार कार्यकर्ताओं को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया।
Kerala News: आरएसएस के पूर्व जिला नेता और पदाधिकारी श्रीनिवासन पर 16 अप्रैल को मेलमुरी में उनकी मोटरसाइकिल की दुकान पर छह सदस्यीय गिरोह ने हमला किया था और उनकी हत्या कर दी थी।
हाल ही में कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में BJP नेता की हत्या से एक बार PFI सुर्खियों में आया है। इस निर्मम हत्या को राजस्थान के उदयपूर से जोड़कर देखा जा रहा है।
संपादक की पसंद