Petroleum Companies: 2022-23 की पहली तिमाही में परिचालन नुकसान उठाने के बाद चौथी तिमाही तक इन कंपनियों ने ऊंचा परिचालन लाभ कमाया है।
Russia offered cheap oil to Pakistan, America angry: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच राष्ट्रपति पुतिन के एक रियायती ऑफर ने पाकिस्तान को बड़ी मुश्किल में फंसा दिया है। दरअसल अमेरिका की अगुवाई में जी-7 देशों द्वारा रूस से कच्चे तेल के आयात पर 60 डॉलर प्रति बैरल का प्राइस कैप लगा दिया गया है।
नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार देश में बिजली से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री बढ़ाने की दिशा में लगातार काम कर रही है और अगले दो साल में इलेक्ट्रिक वाहनों के दाम घटकर पेट्रोल वाहनों के बराबर हो जाएंगे।
सऊदी अरब में एलपीजी की दर इस महीने 60 प्रतिशत के उछाल के साथ 800 डॉलर प्रति टन हो गई है, वहीं अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल 85.42 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच चुका है।
सरकार को चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 10,000 करोड़ रुपये, 2023-24 में 31,150 करोड़ रुपये और उससे अगले साल में 52,860.17 करोड़ तथा 2025-26 में 36,913 करोड़ रुपये का भुगतान तेल बॉन्ड को लेकर करना है।
सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियों आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल के पास वर्तमान में देश में 77,709 पेट्रोल पंप हैं।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में बढ़ोतरी होने से इसका असर उपभोक्ताओं पर भी पड़ रहा है।
सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल इंडिया लिमिटेड का गैस उत्पादन भी 10 प्रतिशत घटकर 20.20 करोड़ घनमीटर रह गया।
पेट्रोलियम मंत्रालय का अनुमान है कि अप्रैल से शुरू होने जा रहे अगले वित्त वर्ष में भारत में पेट्रोलियम ईंधन की मांग 3.8 प्रतिशत बढ़ेगी।
भारत ऊर्जा संसाधनों के उपभोग में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़ाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिये गैस आपूर्ति और वितरण बुनियादी ढांचे को विकसित करने में 60 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर रहा है।
पीपीएसी की अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार ने मुश्किल क्षेत्रों से उत्पादिन गैस के दाम को सरकार ने 9.32 डॉलर से घटाकर 8.43 डॉलर प्रति एमबीटीयू कर दिया है।
एसोचैम ने कहा कि मंडी कर, सड़क कर और वाहन कर को भी जीएसटी में शामिल किया जाना चाहिए।
पेट्रोलियम कंपनियों ने रविवार को पेट्रोल के दाम में 22 पैसे की कटौती की। जिससे पेट्रोल 2018 में सबसे कम स्तर पर आ गया है जबकि डीजल की कीमतें 23 पैसे कम होकर नौ महीने के सबसे कम स्तर पर आ गई हैं।
केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद में बताया कि पेट्रोलियम उत्पादों को संवैधिानिक रूप से वस्तु एवं सेवा कर के दायरे में शामिल कर लिया गया है मगर डीजल और पेट्रोल पर जीएसटी की दरें कब से लागू होंगी इसपर फैसला जीएसटी परिषद लेगी।
वित्त सचिव हसमुख अधिया ने आज कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करेगी और ऐसा चरणबद्ध तरीके से किया जा सकता है।
बीते आठ माह की अवधि में सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों पर लगने वाले कर से 1,50,000 करोड़ रुपए की कमाई की है।
महंगे पेट्रोल-डीजल की आग में जल रही जनता को थोड़ी राहत मिल सकती है। तेल मंत्रालय पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में और कटौती करने पर विचार कर रहा है।
सरकार ने हर महीने एलपीजी सिलेंडर के दाम चार रुपए बढ़ाने के अपने फैसले को वापस ले लिया है।
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल पंप डीलरों का पेट्रोल के लिए कमीशन में 43 प्रतिशत तक और डीजल के लिए 59 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है।
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