पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में ईंधन पर वैट घटाने का फैसला किया गया। चन्नी ने कहा, ‘‘हम आधी रात से पेट्रोल की कीमत में 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत में पांच रुपये प्रति लीटर तक की कमी कर रहे हैं।’’
तीन नवंबर को केन्द्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपये और 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी जिसके बाद 22 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने भी राहत का ऐलान किया
आदेश कुमार गुप्ता ने कहा कि अब बीजेपी शासित राज्यों तथा आम आदमी पार्टी के शासन वाली दिल्ली के बीच पेट्रोल-डीजल के दाम में बड़ा अंतर है।
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: 5 रुपये तथा 10 रुपये की कटौती करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने VAT में भी कटौती कर दी।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘अकेले साल 2021 के 9 महीनों में बीजेपी सरकार ने पेट्रोल की कीमत 28 रुपये प्रति लीटर व डीजल की कीमत 26 प्रति रुपये लीटर बढ़ा दी।
पेट्रोल और डीजल पर एक्सट्रा टैक्स में कटौती नहीं करने के राज्य के फैसले को सही ठहराते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि केरल ने पिछले 6 वर्षों से ईंधन पर स्टेट टैक्स में वृद्धि नहीं की है।
शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा, ‘उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की हार के बाद केंद्र सरकार ने पेट्रोल की कीमत में 5 रुपये की कमी कर दी।
हरियाणा सरकार ने भी बृहस्पतिवार को ईंधन पर वैट घटाने की घोषणा की जिससे दिवाली पर भाजपा-जजपा शासित राज्य में पेट्रोल और डीजल 12 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ट्विटर पर इसकी घोषणा की।
ब्रोकरेज ने कहा कि अब उसे उम्मीद है कि राजकोषीय घाटा 6.5 प्रतिशत पर आ जाएगा, जबकि पहले का अनुमान 6.2 प्रतिशत था और यह रेखांकित किया कि यह अभी भी 6.8 प्रतिशत के लक्ष्य से कम रहेगा।
पेट्रोल और डीजल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी को कम करने के लिए उठाया गया प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम सही दिशा में उठाया गया एक सही कदम है।
बिहार में पेट्रोल पर वैट में 1.30 रुपये और डीजल पर 1.90 रुपये की कटौती की गई है। इस तरह बिहार में पेट्रोल करीब 6.30 रुपये और डीजल करीब 11.90 रुपये सस्ता होगा।
रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया, याद करें कि मई 2014 में जब पेट्रोल 71.41 रुपये व डीजल 55.49 रुपये प्रति लीटर था, तब कच्चा तेल 105.71 डॉलर प्रति बैरल था।
केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल के एक्साइज शुल्क में भारी कटौती करने के फैसले से अब राज्य सरकारों पर वैट घटाने का दबाव बढ़ गया है ताकि आम नागरिकों को और राहत मिल सके।
अक्टूबर में एटीएफ की बिक्री 4,34,600 टन रहीं, जो महामारी-पूर्व के 2019 के स्तर से 34 प्रतिशत कम है। वहीं इसी माह के दौरान रसोई गैस की बिक्री भी छह प्रतिशत बढ़ गयी है।
पिछले साल पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क को 19.98 रुपये से बढ़ाकर 32.9 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया था। इसी तरह डीजल पर शुल्क बढ़ाकर 31.80 रुपये प्रति लीटर किया गया था।
कांग्रेस ने कहा, "राज्य सरकार वैट कम कर सकती है, लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे हैं। अगर हमारी सरकार सत्ता में आती है, तो हम पेट्रोल की दरों को कम करने के लिए वैट कम कर देंगे।"
मुर्शिदाबाद और बीरभूम जिलों में डीजल के दाम 99.50 रुपये प्र्रति लीटर के पास हैं। उपभोक्ताओं के एक वर्ग ने शिकायत की कि कुछ जिलों के पेट्रोल पंपों पर शुक्रवार को डीजल 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक बिक रहा है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के उपकर को कम करने की मांग अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसी है। मंत्री ने कहा कि घरेलू दरें अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों से जुड़ी हुई हैं, जो कई कारणों से बढ़ी है, जिसे समझने की जरूरत है।
कच्चा तेल 85 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा महंगा है। वहीं बीते 19 दिनों में डीजल करीब 6 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल बीते 16 दिनों में साढ़े पांच रुपये प्रति लीटर से ज्यादा महंगा हो चुका है।
देश के 4 महानगरों में फिलहाल पेट्रोल 103.01 रुपये प्रति लीटर से 111.77 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। वहीं डीजल इन महानगरों में 94.57 रुपये प्रति लीटर से 102.52 रुपये प्रति लीटर के बीच है।
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