021 के बीच पेट्रोलियम पदार्थों के आयात पर 37,653.14 करोड़ रुपये का सीमा शुल्क वसूला गया।
ऊर्जा मंत्री गामिनी लोकुगे ने कहा, हमने पेट्रोल पंपों पर सैन्य कर्मियों को तैनात करने का निर्णय लिया है।
सूत्रों के बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि के बाद थोक में डीजल खरीदने वाले उपभोक्ताओं के लिए डीजल की कीमत में 25 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है।
सरकार ने 120 दिनों से कीमत बढ़ने नहीं दी। आज भी पेट्रोल पंप पर कीमत वही है जो क्रूड के 80 रुपए प्रति डॉलर पर आधारित थी। सरकारी कंपनियां चुपचाप घाटा सह रही हैं। निजी क्षेत्र की कंपनियों में हड़कंप
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 130 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। अब ईंधन की कीमत में बढ़ोतरी के कयास लगाए जा रहे हैं।
पांच राज्यों में चुनाव के चलते देश में 4 नवंबर 2021 के बाद से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं हुआ है। वहीं, ब्रेंट क्रूड इस दौरान 81 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 130 डॉलर के पार पहुंच गया है।
कमोडिटी एक्सपर्ट और केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया ने इंडिया टीवी को बताया कि बीते 90 दिन में कच्चा तेल 90% महंगा हो गया है।
आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 25 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कच्चा तेल 1 डॉलर प्रति बैरल महंगा होने पर देश में पेट्रोल-डीजल के दाम औसतन 55-60 पैसे प्रति लीटर बढ़ जाते हैं।
आने वाले दिनों में घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल समेत तमाम पेट्रोलियम उत्पाद महंगे होंगे। यह जरूरी सामान की कीमत में बढ़ोतरी करने का भी काम करेंगे। इससे आम लोगों पर घर के बजट का बोझ बढ़ना तय है।
ऊर्जा विशेष, नरेंद्र तनेजा ने इंडिया टीवी को बताया कि सरकार ने बजट में सिर्फ 'प्योर पेट्रोल-डीजल' पर ही एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान किया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे हैं। ब्रेंट कच्चा तेल पांच नवंबर, 2021 को 82.74 डॉलर प्रति बैरल पर था। उसके बाद से इसके दाम बढ़ रहे हैं और यह 85 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है।
इंडिया इंफोलाइन के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी और करेंसी) अनुज गुप्ता ने इंडिया टीवी को बताया कि कच्चे तेल की कीमतों में बीते दो महीने से लगातार तेजी है।
तीन नवंबर को केन्द्र सरकार के द्वारा पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार स्थिर बनी हुई हैं।
यह साझेदारी एचपीसीएल रिटेल आउटलेट्स पर आईडीएफसी फस्र्ट बैंक फास्टैग्स का उपयोग करने वाले 50 लाख वाहन चालकों के लिए फास्टैग की खरीद और उपयोग को सुविधाजनक बनाती है।
अशोक गहलोत ने जानकारी देते हुए कहा कि आज मंत्रिमण्डल की बैठक में पेट्रोल/डीजल पर वैट की दर को कम करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।
पेट्रोल के दाम में सबसे ज्यादा कटौती किस राज्य में की गई और कहां डीजल के दाम सबसे ज्यादा कम किए गए है इसके बारे में हम आपको इस खबर में जानकारी देंगे।
तीन नवंबर को केन्द्र सरकार के द्वारा पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच और 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर हैं।
पेट्रोल में एथेनॉल के अधिक सम्मिश्रण से भारत को अपने तेल आयात खर्च में कटौती करने में मदद मिलेगी और गन्ना किसानों के साथ-साथ चीनी मिलों को भी लाभ होगा।
तीन नवंबर को केन्द्र सरकार के द्वारा पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच और 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती के बाद से बीते 5 दिन से पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर हैं।
तीन नवंबर को केन्द्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपये और 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी जिसके बाद 23 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने भी राहत का ऐलान किया
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